IND vs SA: 'अंग्रेजी का एक अच्छा शब्द...' 'ग्रोवेल' विवाद पर साउथ अफ्रीका के हेड कोच ने पहली बार तोड़ी चुप्पी

South Africa Head Coach Shukri Conrad on Grovel : साउथ अफ़्रीका के कोच शुक्री कोनराड ने स्पष्ट किया है कि गुवाहाटी टेस्ट के दौरान भारत के खिलाफ 'रेंगने वाली' अपनी टिप्पणी को लेकर कहा है कि उनका इरादा "किसी भी तरह की दुर्भावना पैदा करने" का नहीं था.

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Shukri Conrad on Grovel Remark: साउथ अफ्रीकी कोच ने 'ग्रोवेल' विवाद पर तोड़ी चुप्पी
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  • साउथ अफ्रीका के कोच शुक्री कोनराड ने गुवाहाटी टेस्ट में रेंगने वाली टिप्पणी पर अपनी मंशा स्पष्ट की है.
  • कोनराड ने कहा कि उनका इरादा किसी भी तरह की दुर्भावना या अपमानजनक टिप्पणी करने का नहीं था.
  • उन्होंने स्वीकार किया कि वह बेहतर शब्द चुन सकते थे जिससे गलतफहमी न होती और विवाद पैदा न होता.
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Shukri Conrad on Grovel Remark: साउथ अफ़्रीका के कोच शुक्री कोनराड ने स्पष्ट किया है कि गुवाहाटी टेस्ट के दौरान भारत के खिलाफ 'रेंगने वाली' अपनी टिप्पणी को लेकर कहा है कि उनका इरादा "किसी भी तरह की दुर्भावना पैदा करने" का नहीं था. 'ग्रोवेल' बयान  को लेकर आलोचनाओं में घिरे मेहमान टीम के हेड कोच जब शानिवार शाम को मीडिया से सामने आए तो उन्होंने माफ़ी तो नहीं मांगी, लेकिन संकेत दिया कि उन्हें अपने शब्दों के चयन पर खेद है. बता दें, शानिवार को भारत ने साउथ अफ्रीका को सीरीज के तीसरे वनडे में 9 विकेट से रौंद दिया और वनडे सीरीज 2-1 से अपने नाम की. अफ्रीकी कोच टीम की हार के बाद मीडिया के सामने आए थे. 

विशाखापत्तनम में साउथ अफ्रीका को वनडे सीरीज में 1-2 से मिली हार के बाद मीडिया से सामने आए शुक्री कोनराड ने कहा कि वह एक बेहतर शब्द चुन सकते हैं. 'ग्रोवेल' टिप्पणी के बाद कोनराड पहली बार मीडिया के सामने आए थे. कोनराड ने कहा,"मेरा इरादा कभी भी कोई दुर्भावना पैदा करने या किसी भी चीज के बारे में विनम्र न होने का नहीं था. मैं एक बेहतर शब्द चुन सकता था. क्योंकि इसने लोगों को अपना संदर्भ रखने के लिए खुला छोड़ दिया था."

कोनराड ने सफाई देते हुए कहा,"मेरा एकमात्र संदर्भ यह था कि हम चाहते थे कि भारत मैदान में बहुत समय बिताए और उनके लिए इसे वास्तव में कठिन बना दे. मुझे सावधान रहना होगा कि मैं अब यहां किस शब्द का उपयोग करूं क्योंकि संदर्भ इसके साथ भी जुड़ा हो सकता है."

गुवाहाटी टेस्ट के चौथे दिन जब कोनराड मीडिया से सामने आए थे, तो उनसे सवाल हुआ था कि आखिर अफ्रीकी टीम ने पारी घोषित करने में देरी क्यों की. इसका जवाब देते हुए कोनराड ने कहा था,"हम चाहते थे कि भारतीय खिलाड़ी मैदान में अधिक से अधिक समय फील्डिंग करें. हम उन्हें घुटनों पर लाना चाहते थे." "हम चाहते थे कि वे सच में हार मानें, उन्हें गेम में पूरी तरह से हरा दें और फिर उनसे कहें कि आओ और आज शाम आखिरी दिन और एक घंटे तक टिके रहो."

कोनराड ने तब से कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की, लेकिन टेस्ट और वनडे कप्तान टेम्बा बावुमा से दो मौकों पर इस शब्द के इस्तेमाल के बारे में सवाल हुए और दोनों अवसरों पर बावुमा ने कहा कि यह कोनराड ही इस पर कोई बयान देंगे.

कोनराड ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सफाई देते हुए आगे कहा,"यह वास्तव में अफ़सोस की बात है. हो सकता है कि इसने जो किया वह वनडे सीरीज में मसाला था, और विशेष रूप से भारत के जीतने के बाद, अब टी20 सीरीज और भी अधिक हो गई है." "दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि उस शब्द के कारण हुए शोर के बावजूद, मुझे अभी भी लगता है कि यह एक पूरी तरह से अच्छा अंग्रेजी शब्द है, लेकिन मैंने इसे कई व्याख्याओं के लिए खुला छोड़ दिया है. इसने जो किया वह हमारी टेस्ट टीम के लिए वास्तव में विशेष जीत की चमक को खत्म कर दिया. यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन निश्चित रूप से इसमें कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा नहीं था." 

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