अपने दौरे के बेहतरीन क्रिकेटरों में से एक रहे पूर्व ओपनर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने साल 2007 टी20 विश्व कप जीतने में बहुत ही अहम भूमिका निभाई थी. वह साल 2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहे थे, लेकिन इस खिताबी जीत को लेकर गंभीर कई बार कुछ ऐसी बातें भी बोलते रहे रहें, जो विमर्श या बहस का विषय हो सकती हैं. और अब एक बार फिर से एक प्लेटफफॉर्म से बातचीत में गंभीर ने कहा है कि साल 2011 में विश्व कप जीतने वाली टीम के कुछ खिलाड़ियों को ज्यादा श्रेय दिया जाना चाहिए था. और इस सूची में युवराज सिंह, जहीर खान, हरभजन सिंह और सचिन तेंदुलकर शामिल हैं.
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एक प्लेटफफॉर्म से बातचीत में गंभीर ने कहा कि साल 2011 में विश्व कप जीतने वाली टीम के कुछ खिलाड़ियों को ज्यादा श्रेय दिया जाना चाहिए था. और इस सूची में युवराज सिंह, जहीर खान, हरभजन सिंह और सचिन तेंदुलकर शामिल हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात से कोई शिकायत नहीं है कि खिताबी जीत में उनके योगदान की अनदेखी की जा रही है क्योंकि असल लक्ष्य विश्व कप में जीत था.
गंभीर ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या हम जो कुछ भी साल 2011 विश्व कप में युवराज ने योगदान दिया, क्या हम उसके लिए युवराज को याद करते हैं या श्रेय देते हैं? यहां यह भी न भूलें कि युवराज का स्वास्थ्य उन दिनों कैसा था? क्या हम जहीर खान के ओपनिंग स्पेल का पर्याप्त जश्न मनाते हैं. विश्व कप फाइनल में मेडेन ओवर से शुरुआत शानदार बात है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें पर्याप्त श्रेय नहीं दिया जाता. क्या हम तेंदुलकर के प्रयासों का पर्याप्त श्रेय देते हैं. यह सही है कि हम उनकी पारियों का जश्न मनाते हैं, लेकिन कितने लोग यह जानते हैं कि दो शतकों के साथ तेंदुलकर 2011 विश्व कप के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर थे.
पूर्व ओपनर ने कहा कि क्या हम पाकिस्तान के खिलाफ हरभजन सिंह के स्पेल का जश्न मनाते हैं? या फिर अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सुरेश रैना की पारी को श्रेय देते हैं? ये दोनों ही पारियां अपने आप में मैच जिताऊ थीं. धोनी ने एक बार बार से इस बात से इनकार किया कि भारत के विश्व कप जीत के लिए धोनी की पारी जिम्मेदार थी. इस नैरेटिव के लिए गंभीर ने सोशल मीडिया पर दोष मढ़ते हुए कहा कि कई पहलुओं से यह पक्षपात है.
उन्होंने कहा कि अब जबकि हम फाइनल में धोनी की पारी का जश्न मनाते हैं, तो हमें बाकियों के योगदान को भी याद रखना चाहिए. कोई भी एक पारी भारत को विश्व कप नहीं जिता सकती. यह एक सामूहिक प्रयास का नतीजा था और इसका ऐसे ही जश्न मनाया जाना चाहिए. गंभीर ने कहा कि हम ऐसा सोशल मीडिया के कारण करते हैं. सोशल मीडिया का रवैया पक्षपातपूर्ण है, लेकिन यह प्लेटफऑर्म सच नहीं बोलता. सोशल मीडिया की प्रवृत्ति टीम से ज्यादा व्यक्तिगत उपलब्धियों या खिलाड़ियों का जश्न मनाना है.