- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई प्रमुख हस्तियों ने सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लिया था
- सचिन तेंदुलकर ने 2011 के वर्ल्ड कप के दौरान बाबा की किताब से आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति प्राप्त की थी
- 2011 में भारतीय टीम ने श्रीलंका के खिलाफ मुंबई फाइनल मुकाबला जीतकर वर्ल्ड कप ट्रॉफी अपने नाम की थी
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई प्रमुख हस्तियों ने बुधवार (19 नवंबर 2025) को आध्यात्मिक गुरु श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लिया. यहां खेल जगत में 'क्रिकेट के भगवान' के रुप में मशहूर सचिन तेंदुलकर को भी देखा गया. जहां उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपनी भावनाएं जाहिर की. उन्होंने कहा, 'कई वर्ल्ड कप खेलने के बाद 2011 में मुझे पता था कि यह मेरा आखिरी वर्ल्ड कप होने वाला है. हम बेंगलुरु में एक शिविर में थे. वहां मुझे एक फोन आया. जहां बताया गया कि बाबा ने मुझे एक किताब भेजी है. जिसके बाद मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई. मुझे पता था कि यह वर्ल्ड कप हमारे लिए काफी विशेष होने वाला है.'
सचिन ने कहा, 'उसने मुझे वह आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति दी... जिसके बाद वह किताब मेरा निरंतर साथी बन गया. हम सभी जानते हैं कि 2011 में भारतीय टीम ने श्रीलंका के खिलाफ मुंबई में फाइनल मुकाबला खेला और ट्रॉफी को अपने हाथ में उठाया. मगर उसके बाद क्या हुआ? पूरा देश जश्न मना रहा था. यह मेरे क्रिकेट करियर का सुनहरा क्षण था. मुझे नहीं लगता कि मैंने अपने करियर में ऐसा अनुभव किया है जहां पूरा देश एक साथ जश्न मना रहा हो. यह केवल हमारे शुभचिंतकों और हमारे गुरुओं के आशीर्वाद और सबसे ऊपर बाबा के आशीर्वाद से ही संभव हो पाया था...'
सचिन तेंदुलकर के अध्यात्मिक गुरु
आपको बता दें कि सत्य साईं बाबा केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में भी काफी फेमस थे. सचिन तेंदुलकर भी उनसे काफी प्रभावित थे और उन्हें आज भी अपना गुरु मानते हैं. 2011 में जब सत्य साईं बाबा की तबीयत खराब हुई थी. उस दौरान उन्होंने अपना जन्मदिन नहीं मनाया था.
सचिन अपना किट में रखते थे सत्य साईं बाबा की तस्वीर
यही नहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह अपने किट बैग में हमेशा सत्य साईं बाबा की तस्वीर रखते थे. सचिन के बाल घुंघराले थे. माना जाता है कि बाबा के आशीर्वाद की वजह से ही उन्होंने उसे कभी स्ट्रेट नहीं करवाया.
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