- दिनेश लाड ने कहा कि रोहित शर्मा को वनडे विश्व कप 2027 में जरूर खेलना चाहिए क्योंकि उनमें योगदान देने की भूख है
- रोहित शर्मा ने मई 2023 में टेस्ट और टी20 विश्व कप के बाद टी20 फॉर्मेट से भी संन्यास घोषित किया
- रोहित शर्मा ने भारत के लिए 273 वनडे मैचों में 11,168 रन बनाए और तीन दोहरे शतक का रिकॉर्ड बनाया है
रोहित शर्मा के बचपन के कोच दिनेश लाड मानते हैं कि इस सलामी बल्लेबाज को वनडे विश्व कप-2027 में खेलना चाहिए. साल 2027 में वर्ल्ड कप अक्टूबर और नवंबर 2027 में दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और नामीबिया में आयोजित होगा. रोहित शर्मा इस साल की शुरुआत में बतौर कप्तान भारत को चैंपियंस ट्रॉफी जिता चुके हैं. उन्होंने इंग्लैंड दौरे से पहले मई में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया. 38 वर्षीय खिलाड़ी ने पिछले साल बारबाडोस में टी20 विश्व कप जीतने के बाद इस फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान किया था. आगामी वनडे विश्व कप में दो साल से ज्यादा का समय है। इस बीच भारत ने कई वनडे मैच खेलने हैं, लेकिन इस फॉर्मेट में रोहित शर्मा के भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. अनुभवी कोच ने रोहित को वनडे विश्व कप-2011 से बाहर किए जाने की घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि इस दाएं हाथ के बल्लेबाज में अभी भी देश के लिए योगदान देने की 'भूख' और 'दृढ़ संकल्प' है.
लाड ने कहा, 'रोहित शर्मा को वनडे विश्व कप-2027 में जरूर खेलना चाहिए. ट्रॉफी जीतना हमेशा से उनका सपना रहा है. हालांकि, वह 2011 की विजयी टीम का हिस्सा बनने से चूक गए. रोहित टीम का नेतृत्व करेंगे या नहीं, यह बीसीसीआई और चयनकर्ताओं को तय करना है, लेकिन उन्हें विश्व कप टीम का हिस्सा होना चाहिए.'
तीन दोहरे शतक का रिकॉर्ड
रोहित शर्मा भारत के लिए 273 वनडे मैच खेले चुके हैं. इसमें उन्होंने 32 शतक और 58 अर्धशतक के साथ 11,168 रन बनाए. उनके नाम इस फॉर्मेट में तीन दोहरे शतक लगाने का अनोखा रिकॉर्ड भी है. उन्होंने 67 टेस्ट मैचों में 40.57 की औसत से 4,301 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 18 अर्द्धशतक शामिल हैं. रोहित ने 24 टेस्ट मैचों में भारत का नेतृत्व भी किया, जिसमें से 12 में जीत मिली और नौ में हार का सामना करना पड़ा.
टेस्ट में बतौर सलामी बल्लेबाज
रोहित ने टेस्ट फॉर्मेट में बतौर सलामी बल्लेबाज 66 पारियों में 42.81 की शानदार औसत से रन बनाए, जिसमें नौ शतक और आठ अर्द्धशतक शामिल हैं. उन्होंने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भारत को उपविजेता बनाने में भी अहम भूमिका निभाई.