Rawalpindi pitch: रावलपिंडी टेस्ट मैच में पाकिस्तान और इंग्लैंड (PAK vs ENG 1st Test) बल्लेबाजों ने जबरदस्त बल्लेबाजी की थी औऱ कुल 1700 से ज्यादा रन बने थे. वो तो इंग्लैंड ने आक्रमक क्रिकेट खेलकर पहले टेस्ट मैच में रोमांच ला दिया था और जीत हासिल की थी. भले ही पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड की रणनीति के कारण मैच का परिणाम सामने आया लेकिन रावलपिंडी की पिच को लेकर फैन्स और क्रिकेट दिग्गजों ने काफी आलोचना की थी. अब आईसीसी ने रावलपिंडी पिच को लेकर अपना फैसला सुनाया है. आईसीसी ने पोस्ट शेयर कर रावलपिंडी पिच को लेकर अपनी राय सबके सामने पहुंचाई है. आईसीसी ने रावलपिंडी पिच को औसत से कमतर बताया है.
पीसीबी के अध्यक्ष रमीज राजा ने पिच को 'शर्मनाक' करार दिया और मैच रेफरी के अमीरात आईसीसी एलीट पैनल के एंडी पाइक्रॉफ्ट ने उनके पूर्वानुमान से सहमति व्यक्त की थी. पाइक्रॉफ्ट ने मंगलवार को अपने निष्कर्ष जारी किए और रावलपिंडी की पिच को 'औसत से भी नीचे' बताया. अब रावलपिंडी की पिच को दूसरी बार औसत से भी खराब रेटिंग मिली है. बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पाकिस्तान के टेस्ट के बाद इस पिच को रेटिंग दी गई थी.
रावलपिंडी पिच को लेकर पाइक्रॉफ्ट ने कहा, 'यह काफी सपाट पिच थी जिससे किसी भी तरह के गेंदबाज को कोई मदद नहीं मिलती, यही मुख्य कारण था कि बल्लेबाजों ने बहुत तेजी से रन बनाए और दोनों पक्षों ने बड़ा स्कोर खड़ा किया. मैच के दौरान पिच शायद ही खराब हुई हो. चूंकि इसमें गेंदबाजों के लिए बहुत कम था, मैंने आईसीसी दिशानिर्देशों के अनुसार पिच को 'औसत से नीचे' पाया है.'
बैन होने का खतरा
इसका मतलब है कि आईसीसी पिच और आउटफील्ड मॉनिटरिंग प्रक्रिया के तहत इस वेन्यू को अब लगातार टेस्ट से दो डिमेरिट अंक दे चुका है, और अब आने वाले टेस्ट मैच में इस पिच को ऐसे ही डिमेरिट अंक मिलते हैं तो फिर इस रावलपिंडी पिच पर किसी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी को आईसीसी निलंबित कर सकता है.
बता दें कि डिमेरिट अंक 5 साल की अवधि के लिए सक्रिय रहते हैं और जब कोई स्थान पांच डिमेरिट अंक जमा करता है तो उसे 12 महीने की अवधि के लिए बैन कर दिया जाता है, यानि एक साल तक भी उस वेन्यू पर कोई इंटरनेशनल मैच नहीं खेला जाएगा.
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