Ravichandran Ashwin creates history: हाल ही में संन्यास लेकर सभी को हैरान कर देने वाले भारतीय दिग्गज रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. उनके अचानक से संन्यास लेने के फैसले के पीछे की वजहों पर चर्चा बनी हुई है, तो कोई इस गेंदबाज के पिता के बयान को लेकर बात कर रहा है. इसी बीच, भारतीय इतिहास के इस सर्वकालिक दूसरे सबसे सफल बॉलर के कई ऐसे रिकॉर्डों की भी बातें हो रही हैं, जो वेरी-वेरी स्पेशल हैं. और इन्हीं में से एक कारनामा ऐसा है, जो लगता नहीं कि आने वाले सालों में कोई इसे तोड़ भी पाएगा. वजह यह है कि इस दौर में तीनों ही फॉर्मेंटों में इतनी ज्यादा क्रिकेट खेली जा रही है कि यह कारनामे के आस-पास पहुंचने को खासा मुश्किल बना देती है.
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कौन तोड़ेगा यह करिश्माई रिकॉर्ड?
क्रिकेट इतिहास में सर गैरी सोबर्स से लेकर एंड्रूयू फ्लिंटॉफ तक एक से बढ़कर एक ऑलराउंडर पैदा हुआ, लेकिन जो अश्विन ने कर डाला, वह कोई भी नहीं कर पाया. जी हां, अश्विन टेस्ट इतिहास के करीब 147 के इतिहास में ऐसे इकलौते ऑलराउंडर हैं, जिन्होंने करियर में 450 विकेट लेने के साथ ही पांच शतक जड़ने का भी कारनामा किया.
इस स्पेशल मामले में भी बस दो ही दिग्गज आगे
यहां एक और वेरी स्पेशल रिकॉर्ड है, जिसमें सिर्फ दो ही ऑलराउंडर भारतीय ऑफी से आगे हैं.यह आंकड़ा ऐसे ऑलराउंडरों का है, जिन्होंने टेस्ट तीन हजार और तीन सौ विकेट का डबल बनाया. लेकिन खास बात यह है कि बैटिंग में 25 से ज्यादा और बॉलिंग में 30 से कम औसत (प्रति विकेट 30 से कम रन पर) के साथ. इस मामले में सिर्फ भारत के ही कपिल देव और शान पोलाक ही ऐसे हैं, जो इस स्पेशल मानक पर अश्विन से आगे हैं. कपिल का बैटिंग औसत 31.05, तो बॉलिंग औसत 29.64 का रहा. पोलाक (बैटिंग औसत 32.31, बॉलिंग औसत 23.22) दूसरे नंबर पर हैं, तो आर. अश्विन का इस मानक पर औसत 25.75 और बॉलिंग एवरेज 24.00 का रहा.