Harsh Dube creates history: विदर्भ के बाएं हाथ के स्पिनर हर्ष दुबे (Harsh Dubey creates history) ने रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करवा लिया है. उन्होंने शुक्रवार को विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में केरल के खिलाफ (Vidarbha vs Kerala) फाइनल (Ranji Trophy Final) के तीसरे दिन 88 रन देकर 3 विकेट चटकाए और इसी के साथ ही हर्ष रणजी ट्रॉफी के एक ही सत्र में सबस अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए. केरल द्वारा पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किए जाने पर विदर्भ के पहली पारी में 379 रन बनाने के बाद गेंदबाजी करते हुए दुबे ने तीसरे दिन चाय के बाद एम.डी. निधिश को आउट करके पारी का अपना तीसरा विकेट हासिल किया. इससे पहले, युवा बाएं हाथ के स्पिनर ने केरल के दूसरे शीर्ष स्कोरर आदित्य सरवटे को 79 रन पर आउट किया और लंच से ठीक पहले सलमान निजार ( इस सत्र में केरल के सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी) को एलबीडब्ल्यू आउट किया. इसी के साथ ही हर्ष दुबे रणजी ट्रॉफी के करीब 91 साल के इतिहास में एक सीजन में सबसे ज्यादा लेने वाले गेंदबाज बन गए. दुबे ने अभी तक इस सीजन में 69 विकेट लिए है. फाइनल मुकाबले में अभी दो दिन का खेल बाकी है
जयदेव उनाडकट पीछे छूटे
हर्ष दुबे ने 3-88 के अपने प्रदर्शन के साथ ही बिहार के आशुतोष अमन को पीछे छोड़ दिया. आशुतोष ने 2018-19 सत्र में 68 विकेट लिए थे. साथ ही, उन्होंने टीम इंडिया के लिए खेल चुके लेफ्टी पेसर जयदेव उनाडकट को भी पीछे छोड़ दिया. उनाडकट ने साल 2019-20 अभियान में 67 विकेट लिए थे.
सेमीफाइनल मुंबई के खिलाफ किया था कमाल
साल 2024-25 सत्र के दौरान दुबे का लगातार प्रदर्शन विदर्भ की सफलता में महत्वपूर्ण रहा है, जिसमें मुंबई के खिलाफ सेमीफाइनल में उनका निर्णायक क्षण आया. दूसरी पारी में उनके सात विकेट लेने की बदौलत विदर्भ ने यादगार जीत दर्ज की और फाइनल में अपनी जगह पक्की की. दुबे ने मुंबई पर विदर्भ की सेमीफाइनल जीत में अहम भूमिका निभाई. तब उन्होंने इस सत्र में सातवीं बार पांच विकेट लेने का कारनामा किया जो एलीट ग्रुप के गेंदबाजों के बीच एक संस्करण में संयुक्त रूप से सबसे अधिक है.
स्पेशल क्लब में ये हैं बाकी 5 गेंदबाज
साल 2022 में 22 वर्षीय दुबे ने साल 2022 में प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया था. वह अब एक सत्र में 60 विकेट से अधिक विकेट लेने वाले केवल छह गेंदबाजों के स्पेशल क्लब में शामिल हैं. इस क्लब में शामिल बाकी गेंदबाज अमन (68), जयदेव उनादकट (67), बिशन सिंह बेदी (64), कंवलजीत सिंह (62) और डोडा गणेश (62) हैं.
केवल चौथे ऑलराउंडर बने दुबे
अपने प्रभावशाली विकेटों के अलावा, बाएं हाथ के स्पिनर ने बल्ले से भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है, उन्होंने 17 पारियों में पांच अर्धशतकों सहित 472 रन बनाए हैं. दुबे रणजी ट्रॉफी के इतिहास में एक ही सत्र में 450 से अधिक रन और 50 से अधिक विकेट लेने वाले ऑलराउंडर के दोहरे प्रदर्शन को हासिल करने वाले केवल चौथे खिलाड़ी के रूप में एक विशेष क्लब में शामिल हो गए हैं. टूर्नामेंट में दुबे का शानदार प्रदर्शन विदर्भ के दबदबे का एक महत्वपूर्ण कारक रहा है, जिसमें टर्न और बाउंस निकालने की उनकी क्षमता ने सबसे अनुभवी बल्लेबाजों को भी परेशान किया है. उनके प्रदर्शन ने उन्हें उन गेंदबाजों के समूह में शामिल कर दिया है, जिन्होंने भारतीय घरेलू क्रिकेट पर अमिट छाप छोड़ी है.