Ranji Trophy: 78 सालों में पहली बार, मुंबई के नंबर-10 और 11 के बल्लेबाज ने शतक जड़कर रचा इतिहास, विश्व क्रिकेट भी चौंका

Ranji Trophy Records: रणजी ट्रॉफी में मुंबई के नंबर-10 और नंबर-11 पर बल्लेबाजी करने आए बल्लेबाजों ने ऐतिहासिक कारनामा किया है. तनुष कोटियन और तुषार देशपांडे ने नंबर 10 और नंबर -11 पर बल्लेबाजी के लिए आने के बाद शतक जड़ा है.

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Ranji Trophy: मुंबई के Tanush Kotian and Tushar Deshpande ने शतक जड़कर ने रचा इतिहास

Ranji Trophy: रणजी ट्रॉफी में मुंबई के नंबर-10 और नंबर-11 पर बल्लेबाजी करने आए बल्लेबाजों ने ऐतिहासिक कारनामा किया है. तनुष कोटियन और तुषार देशपांडे ने नंबर 10 और नंबर -11 पर बल्लेबाजी के लिए आने के बाद शतक जड़ा है. यह रणजी के इतिहास में ऐतिहासिक है. दोनों के बीच आखिरी विकेट के लिए 232 रनों की साझेदारी हुई है. इस दौरान तुषार देशपांडे ने 129 गेंदों में 10 चौके और 8 छक्कों के दम पर 123 रनों की पारी खेली तो तनुष कोटियन ने 129 गेंदों में 10 चौके और चार छक्के के दम पर नाबाद 120 रन बनाए. फर्स्ट क्लास क्रिकेट के इतिहास में किसी नंबर-10 और 11 दोनों बल्लेबाजों द्वारा शतक लगाना काफी दुर्लभ बात है.

बता दें, फर्स्ट क्लास क्रिकेट के इतिहास में यह सिर्फ दूसरा मौका है जब नंबर-10 और नंबर-11 के बल्लेबाज ने शतक जड़ा हो. इससे पहले साल 1946 में इंडियंस और सर्रे के बीच हुए मुकाबले में ऐसा हुआ था. साल 1946 में चंदू सरवटे और शुट बनर्जी ने क्रमश: 124 और 121 रनों की पारी खेलकर इतिहास रचा था.

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तनुष कोटियन भारत की अंडर-19 टीम के लिए खेल चुके हैं और घरेलू सर्किट में मुंबई के लिए खेलते हैं. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में इस बल्लेबाज ने 10 अर्द्धशतक लगाए हैं, लेकिन यह उनका पहला शतक है.इस गेंदबाज ने 23 फर्स्ट क्लास मैचों में 38.12 की औसत से 915 रन बनाए हैं. दूसरी तरफ तुषार देशपांडे आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हैं और उन्हें आईपीएल 2022 के लिए हुई खिलाड़ियों की मेगा नीलामी में चेन्नई ने 20 लाख में खरीदा था.

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बता दें, तनुष कोटियन और तुषार देशपांडे की जोड़ी के नाम अब रणजी में दसवें विकेट के लिए दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी करने का रिकॉर्ड हो गया है. मुंबई के बीकेसी ग्राउंड में बड़ौदा के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान इन दोनों के 10वें विकेट के लिए 232 रनों की साझेदार की और 10वें विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी करने का रिकॉर्ड अपने नाम करने से सिर्फ दो रन से चूक गए. रणजी में सबसे बड़ी साझेदारी करने का रिकॉर्ड अजय शर्मा और मनिंदर सिंह के नाम हैं, जिन्होंने 1991-92 सीज़न में मुंबई के खिलाफ दिल्ली के लिए 10वें विकेट के लिए रिकॉर्ड 233 रनों की साझेदारी की थी.

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तनुष कोटियन ने 115 गेंदों में अपना शतक पूरा किया, जबकि देशपांडे ने 112 गेंदों में शानदार शतक जड़ा. तुषार देशपांडे नंबर-11 पर बल्लेबाजी के लिए आते हुए शतक लगाने वाले पहले मुंबई के बल्लेबाज हैं. देशपांडे आखिरकार निनाद राठवा की गेंद पर 123 रन बनाकर आउट हो गए और मुंबई ने 569 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया. पहली पारी में मिली बढ़त के आधार पर मुंबई ने बड़ौदा को जीत के लिए 606 रनों का लक्ष्य दिया है.

कोटियन और देशपांडे ने मुंबई की सेमीफाइनल में जगह लगभग सुनिश्चित कर दी है क्योंकि टीम ने पहली पारी में 36 रन की बढ़त भी बना ली है. सेमीफाइनल में मुंबई का सामना तमिलनाडु से होगा, जिसने सौराष्ट्र को हराया. मुंबई ने पहली पारी में 384 रन बनाए. इसके जवाब में बड़ौदा ने पहली पारी में 348 रन बनाए. मुंबई ने दूसरी पारी में 569 रन बनाए. मुंबई के लिए तुषार और तनुश के अलावा मुंबई के लिए दूसरी पारी में हार्दिक तमोरे ने भी शतक जड़ा.

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