भारतीय महिला क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रमेश पवार (Ramesh Powar) का मानना है कि टीम को विश्व कप में मनोवैज्ञानिक मुग्धा बावरे की मौजूदगी से काफी फायदा मिला है जिन्होंने मैदान पर प्रतिकूल परिस्थितियों से अधिक आत्मविश्वास के साथ निपटने में खिलाड़ियों की काफी मदद की. कप्तान मिताली राज (Mithali Raj) और हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) पहले ही कह चुकी हैं कि बावरे ने कठिन हालात से उबरने में काफी मदद की है. पवार ने पूजा वस्त्राकर और स्नेह राणा का उदाहरण दिया जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ टीम को संकट से निकाला.
उन्होंने कहा,‘‘आपको पता ही होगा कि पहले विकेट गंवाने के बाद हमारी बल्लेबाजी कैसे चरमरा जाती थी. लेकिन जिस तरह से पूजा और राणा ने टीम को संकट से निकाला, वह उसी मानसिक पहलू पर काम कर रही है. उम्मीद है कि आगे भी इसके सकारात्मक नतीजे मिलते रहेंगे.'' पवार ने कहा कि बावरे ने ड्रेसिंग रूम में सुकून भरा माहौल बनाने में मदद की है.
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उन्होंने कहा,‘‘मुख्य कोच होने के नाते मुझे उस मदद की जरूरत थी क्योंकि यह काफी दबाव वाला टूर्नामेंट है. मैं चाहता था कि खिलाड़ी तनाव में नहीं रहे. वह इंग्लैंड से हमारे साथ है यानी छह महीने से अधिक हो गए हैं. वैसे हमारे साथ वह यात्रा पहली बार कर रही है और इससे काफी मदद मिल रही है.''
बावरे भारतीय महिला टीम के साथ यात्रा करने वाली पहली मनोवैज्ञानिक है. वह राष्ट्रीय स्तर की तैराक रह चुकी हैं. इससे पहले भारतीय पुरूष और महिला कुश्ती टीमों, मुक्केबाजों और ट्रैक और फील्ड खिलाड़ियों के साथ 2016 रियो ओलंपिक से पहले काम कर चुकी हैं.
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