पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सरफराज अहमद (Sarfaraz Ahmed's century) ने जब से पाकिस्तान टीम में वापसी की है, मानों उन्होंने ठान लिया है कि इस बार वह 35 साल की उम्र में फिर से मिले मौके को फिर से हाथों से आसानी से नहीं छिटकने देने जा रहे. और जैसा प्रदर्शन उन्होंने अभी तक किया है, एक बात साफ है कि कुछ समय पहले तक उप-कप्तानी कर रहे मोहम्मद रिजवान की टेस्ट टीम में आसानी से वापसी अब नहीं ही होने जा रही. कराची में खेले गए पहले टेस्ट में करीब तीन साल बाद टीम में वापसी करते हुए सरफराज ने 86 और 53 का स्कोर किया था. और अब उन्होंने दूसरे टेस्ट में शतक जड़ते हुए इस सीरीज का लगातार चौथा अर्द्धशतक बनाया. पहली पारी में पूर्व कप्तान ने 78 रन बनाए थे. लेकिन दूसरी पारी में सरफराज के शतक को हालिया सालों के सर्वश्रेष्ठ शतकी पारी कहा जा रहा है और अगर ऐसा है, तो इसके पीछे बड़ी वजह भी है.
पत्रकारों के साथ तीखी बहस में उलझे पाकिस्तानी कोच, गेंदबाजों के खराब प्रदर्शन पर दिया ऐसा जवाब
एसीसी का पीसीबी अध्यक्ष पर पलटवार, संस्था ने कहा नजम सेठी मीडिया में झूठ बोल रहे
इसमें दो राय नहीं कि अगर पाकिस्तान न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत दर्ज कर लेते है और सरफराज नाबाद जिताकर लौटते हैं, तो उनकी यह पारी सर्वकालिक इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखी जाएगी. और अगर मेजबानों को जीत नहीं भी मिलती है, तो भी पूर्व कप्तान की इस पारी को याद किया ही जाएगा.
सरफराज का यह शतक चौथी पारी में ऐसे मौके पर आया, जब न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान को जीत के लिए 319 का टारेट दिया था. लेकिन मेजबान टीम पर तब हार का संकट गहराता दिखा, जब उसने अपने पांच विकेट सिर्फ 80 रन पर गंवा दिए थे. तब लगा कि पाकिस्तान का बोरिया-बिस्तर बंधने में ज्यादा देर नहीं है, लेकिन सरफराज ने एक छोर संभालते हुए न केवल पाकिस्तान को उबारा, बल्कि अपने 51वें टेस्ट में चौथा टेस्ट शतक भी जड़ डाला. सरफराज के बल्ले से करीब छह साल बाद टेस्ट में शतक निकला है. इससे पहले उन्होंने नवंबर 2014 में न्यूजीलैंड के खिलाफ दुबई में शतक जड़ा था.
ये भी पढ़ें :
Video: IND vs SL, बल्ला रहा खामोश लेकिन इस वजह से छा गए राहुल त्रिपाठी