एमएस धोनी के साथ धोखाधड़ी मामले में सिविल कोर्ट ने अब दोनों पार्टियों को दिया यह निर्देश

MS Dhoni: धोनी की तरफ से उनके प्रतिनिधि सीमांत लोहानी उर्फ चिंटू की ओर से 5 जनवरी को दर्ज कराए गए शिकायतवाद के अनुसार, अरका स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी के साथ महेंद्र सिंह धोनी ने ग्लोबल लेवल पर क्रिकेट एकेडमी की स्थापना को लेकर 2017 में करार किया था.

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नई दिल्ली:

क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की ओर से मिहिर दिवाकर और सौम्या दास के खिलाफ दर्ज कराए गए 15 करोड़ की धोखाधड़ी के मुकदमे में रांची की सिविल कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ समन जारी करते हुए 4 मई को अदालत में पक्ष रखने का निर्देश दिया है. इसके अलावा महेंद्र सिंह धोनी के प्रतिनिधि को इस मामले से संबंधित दस्तावेज अगली सुनवाई में पेश करने को कहा गया है.

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धोनी की तरफ से उनके प्रतिनिधि सीमांत लोहानी उर्फ चिंटू की ओर से 5 जनवरी को दर्ज कराए गए शिकायतवाद के अनुसार, अरका स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी के साथ महेंद्र सिंह धोनी ने ग्लोबल लेवल पर क्रिकेट एकेडमी की स्थापना को लेकर 2017 में करार किया था.

दोनों पक्षों के बीच जो एग्रीमेंट हुआ, उसके मुताबिक अरका स्पोर्ट्स की ओर से धोनी को फ्रेंचाइजी शुल्क मिलना था और इसके अलावा प्रॉफिट का हिस्सा भी शेयर किया जाना था, लेकिन, करार की शर्तों का पालन नहीं करने पर उन्होंने कंपनी को कई नोटिस दिए थे. जवाब नहीं मिलने पर धोनी ने अरका स्पोर्ट्स को 15 अगस्त 2021 को भेजे गए नोटिस के साथ ही उसे दिया गया अधिकार रद्द कर दिया गया था. इस शिकायत के आधार पर कंपनी के दो प्रमुख निदेशकों मिहिर दिवाकर और सौम्या दास के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ था. धोनी की ओर से कहा गया है कि करार का पालन नहीं किए जाने से उन्हें करोड़ों का नुकसान हुआ है.

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