कोरोनाकाल के दौर में भारतीय क्रिकेट ही नहीं, मानो पूरी दुनिया में अब एक नया ट्रेंड सामने आया है. चंद दिन पहले ही 28 साल के उन्मुक्त चंद ने खेल को अलविदा कह दिया था, तो अब एक और अंडर-19 विश्व कप खेलने वाले और मुंबई की रणजी ट्रॉफी टीम में जगह पाने के लिए संघर्ष कर रहे लेफ्टी स्पिनर 28 साल के ही हरमीत सिंह ने भी संन्यास का ऐलान कर दिया है. यह ट्रेंड एकदम से सामने आया है कि 28-28 साल के क्रिकेटर संन्यास का ऐलान कर रहे हैं. बहुत से ऐसे हैं, जिन्होंने इनसे भी कम उम्र में सन्यास लिया. चर्चा इसलिए नहीं बन सके क्योंकि वे इन दोनों जैसा नाम नहीं कमा सके. और वजह यही है कि ऐसे क्रिकेटरों को प्रदेश की रणजी ट्रॉफी में भी जगह नहीं मिल सकी और कोरोनाकाल ने तो मानो ऐसे क्रिकेटरों के भविष्य पर विराम सा लगा दिया है.
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हरमीत सिंह की बात करें, तो उन्होंने अमरीका की मेजर क्रिकेट लीग के साथ तीन साल का करार किया है. और वह इस सीजन में सेटल थंडरबोल्ड के लिए खेल रहे हैं. हरमीत उसी अंडर-19 विश्व कप टीम का हिस्सा थे, जब साल 2012 में उन्मुक्त चंद ने फाइनल में शतक जड़कर भारत को खिताब दिलाया था.
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हरमीत ने 31 प्रथमश्रेणी मैच खेले और उन्होंने 34.18 के औसत से 87 विकेट लिए. वहीं, उन्होंने 15.59 के के औसत से 733 रन भी बनाए. हरमीत ने एक अखबार से बातचीत मे कहा मैंने इसलिए संन्यास लिया क्योंकि मैं अपनी घरेलू टीम मुंबई के लिए नहीं खेल रहा था. यहां खेलने के लिए मुझे अच्छा पैसा मिल रहा है, जो मुझे सुरक्षा प्दान करता है. क्रिकेट का स्तर भी अच्छा है.
यह है अमरीका के लिए खेलने का नियम
हरमीत के अनुसार ही अगर कोई खिलाड़ी यहां लगातार तीस महीने खेलता है, तो वह अमरीका की राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने के लिए क्वालीफाई कर लेता है. हरमीत ने अमरीका में 12 महीने पूरे कर लिए हैं और 18 महीने अभी बाकी है. ये लेफ्टी साल 2023 तक अमरीका के लिए खेलने के काबिल हो जाएगा.
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