Exclusive: "अब दक्षिण भारतीय भोजन खाना चाहता हूं", chess FC Final के बाद प्रज्ञानंद को "नई उपलब्धि" की उम्मीद

इसमें दो राय नहीं कि विश्व कप खत्म होते-होते 18 साल के युवा ने अपने प्रशंसकों की संख्या में खासा इजाफा कर लिया है. और आज टूर्नामेंट शुरू होने की तुलना में उनके कहीं ज्यादा चाहने और पहचानने वाले फैंस हैं.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
Exclusive: "अब दक्षिण भारतीय भोजन खाना चाहता हूं", chess FC Final के बाद प्रज्ञानंद को "नई उपलब्धि" की उम्मीद
नई दिल्ली:

अजरबैजान के बाकू में वीरवार को शतरंज विश्व कप में खिताबी मुकाबले में छह बार के चैंपियन नॉर्वे के मैग्सन कार्लसन से भारत के आर. प्रज्ञानंद जरूर हार गए, लेकिन 18 साल के इस युवा ने दिग्गजों  का दिल  और प्रशंसा पाकर बता दिया कि आने वाला समय उनका है. रजत पदक जीतने के साथ ही प्रज्ञानंद (Praggnanandhaa) की गिनती अब दुनिया के दिग्गजों में शुमार होने लगी है. खिताबी मुकाबले के बाद NDTV के साथ Exclusive बातचीत में प्रज्ञानंद बिल्कुल भी निराश नहीं दिखे. और उन्होंने उम्मीद जताई कि वह जल्द ही दुनिया के शीर्ष दस खिलाड़ियों में शामिल होंगे.

उन्होंने कहा कि अब विश्व कप खत्म हो गया है, तो मैं अब साउथ इंडियन फूड खाना  पसंद करूंगा. इस युवा ने कहा कि मुझे दक्षिण भारतीय खाना बहुत पसंद है और यह यहां उपलब्ध है. एक और सवाल पर उपविजेता प्रज्ञानंद ने कहा कि हमारे पास डी. गुकेश और अर्जुन एरिगैसी जैसे खिलाड़ी हैं. यह खुद को मजबूत करने का समय है. गुकेश ने पहले से ही शीर्ष दस खिलाड़ियों में जगह बना ली है. मैं भी इसी क्लब में शामिल होने की उम्मीद कर रहा हूं.

Advertisement

इसमें दो राय नहीं कि विश्व कप खत्म होते-होते 18 साल के युवा ने अपने प्रशंसकों की संख्या में खासा इजाफा कर लिया है. और आज टूर्नामेंट शुरू होने की तुलना में उनके कहीं ज्यादा चाहने और पहचानने वाले फैंस हैं. विश्व कप फाइनल की दिशा में बढ़ने के क्रम में लगातार प्रज्ञानंद ने सुर्खियां बटोरीं और इस दौरान वह नियमित रूप से सोशल मीडिया पर छाए रहे, लेकिन टूर्नामेंट के चरम पर उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा. 

Advertisement

प्रज्ञा ने फाइनल में शुरुआत बहुत ही अच्छी की थी. टाईब्रेकर की पहली बाजी में शुरुआती बीस मिनट में उन्होंने कार्लसन को अच्छी टक्कर दी, लेकिन आखिरी पांच मिनट में उनके हाथ से बाजी क्या निकली कि फिर उनकी वापसी नहीं ही सकी. और दूसरी बाजी में उन्होंने जल्द ही सरेंडर कर दिया. बहरहाल, फाइनल में पहुंचना प्रज्ञानंद को निश्चित रूप से कॉन्फिडेंस प्रदान करेगा. वहीं, यहां यह भी अहम है कि उन्होंने विश्व नंबर 2 हिकारू नाकामुरा और नबर-3 फैबियानो कारुआना को हराकर फाइनल में जगह बनाई.  
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Operation Sindoor की सफलता के बाद Defense Budget में हो सकता है इजाफा | Top 25 News
Topics mentioned in this article