MS Dhoni: न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 विश्व कप सेमीफाइनल में रन आउट होकर महेंद्र सिंह धोनी का पवेलियन लौटना भारतीय क्रिकेट के इतिहास के सबसे निराशाजनक पलों में से एक है. उस मैच में 18 रन से हारकर भारत के विश्व कप से बाहर होने के चार साल बाद धोनी ने खुलासा किया कि यही वह पल था जब उन्हें स्पष्ट हो गया कि उनका अंतरराष्ट्रीय कैरियर खत्म हो गया है. मार्टिन गुप्टिल ने जब मैनचेस्टर में उस मैच में धोनी को रन आउट किया तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह धोनी का भारत के लिये आखिरी मैच है.
धोनी ने हाल ही में बेंगलुरू में एक कार्यक्रम में कहा ,‘‘ एक करीबी मुकाबले में जज्बात पर काबू रखना मुश्किल होता है, खासकर जब आप हार गए हो.'' उन्होंने कहा ,‘‘ मैने तय कर लिया था कि यह भारत के लिये बतौर क्रिकेटर मेरा आखिरी दिन है. उसके एक साल बाद मैने संन्यास की घोषणा की लेकिन मैने उसी दिन फैसला ले लिया था. हमें फिटनेस पर नजर रखने के लिये मशीनें दी जाती थी और जब भी मैं ट्रेनर को इसे लौटाने जाता तो वह कहते कि अभी अपने पास रखो. अब मैं उनसे कैसे कहता कि मुझे इसकी जरूरत नहीं है और होगी भी नहीं. उस समय तक मैने संन्यास का ऐलान नहीं किया था.''
धोनी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने से देश का प्रतिनिधित्व करने का दुर्लभ मौका भी चला गया. उन्होंने कहा ,‘‘ जब जज्बात हावी होते हैं तो आपको लगता है कि पिछले 12 या 15 साल में आपने एक ही काम किया है. क्रिकेट खेलना और फिर एक दिन आपके पास देश की नुमाइंदगी करने का मौका नहीं रह जाता.'' उन्होंने कहा ,‘‘ यह बहुत बड़ी बात है. इतने सारे लोगों में कुछ को ही देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलता है. आप कोई भी खेल खेलें लेकिन जब आप मैदान पर होते हैं तो अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं.''
धोनी ने कहा ,‘‘ आप राष्ट्रमंडल खेल, ओलंपिक या आईसीसी टूर्नामेंटों में खेलें , आप देश के लिये खेल रहे हैं जो बहुत बड़ी बात है. एक बार क्रिकेट छोड़ने के बाद मेरे पास वह मौका नहीं रहा.'' भारत के सफलतम कप्तान धोनी ने 15 अगस्त 2020 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा ली लेकिन वह आईपीएल खेलते हैं. उनकी कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स ने पांचवीं बार खिताब जीता. धोनी ने प्रशंसकों के प्यार और समर्थन के बदले एक सत्र और खेलने का फैसला किया है.