Mohsin Naqvi India vs Pakistan No HandShake Policy: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने कहा कि अगर भारत हाथ नहीं मिलाता है तो पाकिस्तान को भारत से हाथ मिलाने की कोई इच्छा नहीं है. अप्रैल में पहलगाम हमले के बाद इस साल सितंबर में हुए एशिया कप के दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया था. हाल ही में अंडर-19 एशिया कप में भी भारत का नो हैंडशेक रुख जारी रहा. अक्टूबर में हुए महिला विश्व कप के दौरान और दोहा में राइजिंग स्टार्स एशिया कप में भी दोनों टीमों ने हाथ मिलाने से परहेज किया था. नकवी ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ समान स्तर पर जुड़ना जारी रखेगा और राजनीति को खेल से दूर रखने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा.
लाहौर में मोहसिन नकवी से प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल एशिया कप की ट्ऱॉफी सौंपने और भारत के नो हैंडशेक रुख को लेकर सवाल हुआ था. नकवी ने इस दौरान यह तो नहीं बताया कि वह भारत को कब एशिया कप की ट्रॉफी सौंप रहे हैं. लेकिन उन्होंने नो हैंडशेक को लेकर कहा,"हमारा विश्वास आज भी वही है. आप यकीन मानिए मुझे प्रधानमंत्री साहब ने दो बार कहा है कि खेल में राजनीति नहीं आनी चाहिए. शुरू से ही हमारा रुख रहा है कि क्रिकेट और राजनीति अलग रहने चाहिए." उन्होंने आगे कहा,"अगर उन्होंने हैंडशेक नहीं करना तो हमें भी इसकी कोई खास इच्छा नहीं है. भारत के साथ जो भी होगा, वह बराबरी के स्तर पर होगा. ऐसा नहीं हो सकता कि वे कुछ और करें और हम पीछे हट जाएं ऐसा बिल्कुल नहीं होगा."
इस महीने की शुरुआत में अंडर-19 एशिया कप फाइनल के दौरान भारत और पाकिस्तानी खिलाड़ी के बीच तनाव साफ तौर पर दिखा था. पाकिस्तान के तेज गेंदबाज अली रजा ने भारतीय कप्तान आयुष म्हात्रे को जल्दी आउट करने के बाद आक्रमक सेलिब्रेशन किया था, जिसके बाद दोनों खिलाड़ियों में झड़प हुई थी. रज़ा की बाद में वैभव सूर्यवंशी के साथ झड़प हुई थी. सूर्यवंशी ने पवेलियन लौटते समय गेंदबाज पर पलटवार किया था.
इन घटनाओं की पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सरफराज अहमद ने तीखी आलोचना की थी. उन्होंने भारतीय अंडर-19 टीम पर अनुचित आचरण का आरोप लगाया था. सरफराज ने कहा कि उन्होंने अपने खिलाड़ियों को जिम्मेदारी से जश्न मनाने की सलाह दी थी लेकिन उन्हें लगा कि भारतीय खिलाड़ी जरूरत से ज्यादा भावुक हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत की ओर से कुछ इशारे अनैतिक थे.
एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष नकवी ने एशिया कप फाइनल के बाद भारतीय टीम को ट्रॉफी नहीं सौंपी थी. नकवी भारत को ट्रॉफी देना चाहते थे और टीम इंडिया पाकिस्तानी मंत्री से ट्रॉफी नहीं लेना चाहती थी. ऐसे में नकवी ट्रॉफी अपने साथ लेकर चले गए. ट्रॉफी अभी भी एशियाई क्रिकेट काउंसिल के ऑफिस में रखी हुई है. इसको लेकर भारत ने आईसीसी मीटिंग में सवाल भी उठाया, लेकिन नकवी अभी भी ट्रॉफी पर कब्जा जमाए बैठे हैं.
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