स्टार आल राउंडर मोईन अली (Moeen Ali) को इस चलन में कुछ बुराई नहीं लगती कि प्रतिद्वंद्वी टीमें सफेद गेंद के क्रिकेट में उनके ‘तरीके' को अपनाने की कोशिश कर रही हैं जो वर्ल्ड टूर्नामेंट में उनकी अपार सफलता हासिल करने के बाद हुआ है. आस्ट्रेलिया में हाल में टी20 विश्व कप (T20 Wc 2022) जीतने के साथ ही इंग्लैंड की टीम एक ही चक्र में टी20 और वनडे विश्व कप ट्राफी जीतने वाली पहली टीम बन गयी. इयोन मोर्गन (Eoin Morgen) ने इंग्लैंड के 2015 विश्व कप में निराशाजनक अभियान के बाद टीम के सोचने के तरीके और खेलने की शैली में आमूलचूल बदलाव किया और जोस बटलर इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. इंग्लैंड की सफेद गेंद की टीम के अहम सदस्य मोईन को लगता है कि अन्य टीमों के लिये मैच में अपनाये जाने वाले उनके आक्रामक रवैये का अनुकरण करना स्वभाविक है। उन्होंने इसके लिये 1990 के दशक और 2000 के दशक के शुरू में दबदबा रखने वाली आस्ट्रेलियाई टीम का उदाहरण दिया.
मोईन ने अबुधाबी टी10 लीग के मौके पर पीटीआई से कहा, ‘‘इस ‘टेम्प्लेट' (तरीके) के बारे में काफी समय बात की गयी थी। मुझे लगता है कि अब हम बेहतर टीम बन चुके हैं. मोर्ग्स (मोर्गन) ने इस तरीके को लाकर मानसिकता में बदलने में शानदार काम किया है जो सबसे मुश्किल हिस्सा है. उन्होंने कहा, ‘‘अब हम विभिन्न परिस्थितियों, अलग टीमों के खिलाफ अनुकूलित हो सकते हैं, डेथ ओवर में अलग गेंदबाजों का इस्तेमाल कर सकते हैं और बल्लेबाजी क्रम में भी लचीलापन है. यह टीम आगे और बेहतर ही होगी''. इंग्लैंड का यह ‘टेम्प्लेट' अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिये मानदंड बन गया है.
इस 35 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ उदाहरण के तौर पर जब आस्ट्रेलिया की टीम ट्राफियां जीतती थी तो हर कोई उनका अनुकरण करना चाहता था. अब इंग्लैंड ने 50 ओवर और टी20 विश्व खिताब जीता है और टीमें हमारा अनुकरण करना चाहती हैं''.
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