मिताली राज को टीम से ड्रॉप करने में उन्हें अंधेरे में रखा गया, सीओए चेयरमैन विनोद राय का किताब में खुलासा

एनडीटीवी से खास बातचीत में राय ने कहा कि मिताली ने तब घोर निराशा जाहिर की थी कोच ने उनके साथ कैसा खराब बर्ताव किया था.

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IPL 2022: मिताली राज को 2018 में सेमीफाइनल की टीम से बाहर बैठाने पर बड़ा विवाद पैदा हो गया था

नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट में साल 2018 में तब एक बड़ा विवाद हो गया था, जब महिला दिग्गज बल्लेबाज मिताली राज को टी20 विश्व कप सेमीफाइनल की टीम से ड्रॉप कर दिया गया. और इस फैसले से भूचाल सा मच गया. मिताली ने उससे पहले दो अर्द्धशतक बनाए थे और वह बहुत ही आला दर्जे की बल्लेबाज थीं, लेकिन उसके बावजूद जब उन्हें इलेवन में नहीं खिलाया गया, तो मामले ने ऐसा तूल पकड़ा की तब कोच रहे रमेश पोवार का अनुबंध आगे नहीं  बढ़ाया गया. अब उस समय सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित क्रिकेट प्रशासकीय कमेटी (COA) चेयरमैन रहे विनोद राय ने अपनी हालिया किताब-नॉट जस्ट ए नाइटवॉचमैन-माय इनिंग इन बीसीसीआई- में  इस पूरे प्रकरण पर रोशनी डाली है. .

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एनडीटीवी से खास बातचीत में राय ने कहा कि मिताली ने तब घोर निराशा जाहिर की थी कोच ने उनके साथ कैसा खराब बर्ताव किया था. मिताली ने कहा था कि उन्हें सेमीफाइनल में बाहर बैठने से ज्यादा पीड़ा कोच रमेश पोवारा द्वारा उनके साथ किए जाने रहे बर्ताव की थी, जिसने उन्हें बहुत ही ज्यादा तनाव दिया. 

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राय ने कहा कि तब कप्तान हरमनप्रीत कौर ने जांच में कहा था कि विजयीं संयोजन के साथ खेलने का निर्णय एक सामूहिक फैसला था. इस फैसले में टीम सेलेक्टर औरकोच भी शामिल थे. और जब मिताली को इस बारे में जानकारी दी गयी, तो वह इस फैसले से अवगत नहीं थी. हालांकि, मिताली राज ने खुद को सेमीफाइनल मुकाबले   से बाहर बैठाने को अनुचित बताया. साथ ही, जिस तरीके से उन्हें इस बारे में पता चला, वह बहुत ही अपमानजनक था.

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राय ने किताब में लिखा कि मिताली ने खुद को इलेवन से बाहर रखने को अनुचित बताया, तो यह भी कहा कि जिस तरह उन्हें सूचित किया गया, वह अपमानजनक था. मिताली ने कहा कि उन्हें इस फैसले को लेकर अंधेरे में रखा गया. और उन्हें इस बारे में दोनों टीमों के कप्तानों के टॉस के लिए जाने से कुछ ही देर पहले मालूम हुआ. 

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