भारतीय टीम के 43 वर्षीय पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने सोशल मीडिया के माध्यम से देश के मौजूदा अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) के साथ मसखरी की है. दरअसल क्रिकेट के नियमों के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (Marylebone Cricket Club) ने दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज को रन आउट करने संबंधी नियम को अब 'अनुचित खेल' श्रेणी से हटा दिया है. मेरिलबोन के इस फैसले के बाद सहवाग ने ट्वीट करते हुए अश्विन के साथ हंसी ठिठोली की है.
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने ट्वीट करते हुए सर्वप्रथम अश्विन को देश के लिए दूसरा सर्वाधिक टेस्ट विकेट चटकाने वाले गेंदबाज बनने की बधाई दी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'बधाई रविचंद्रन अश्विन, आपके लिए यह सप्ताह शानदार रहा. पहला ये कि आप देश के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बने और अब यह. बटलर के साथ इस तरह के रन-आउट की प्लान करने की पूरी स्वतंत्रता. एक करना जरूर.'
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बता दें आईपीएल में अश्विन द्वारा बटलर को मांकडिंग करने के बाद कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने उनकी जमकर आलोचना की थी. यही नहीं कुछ खिलाड़ियों ने इसे खेल भावना के विपरीत बताया था. इस दौरान कुछ खिलाड़ियों ने अश्विन के तरीके को सही भी बताया था.
मिली जानकारी के अनुसार मेरिलबोन क्रिकेट क्लब ने दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज को रन आउट करने संबंधी नियम को अब 'अनुचित खेल' श्रेणी से हटा दिया है. इसके साथ ही गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है और 2022 संहिता में ये बदलाव अक्टूबर से लागू होंगे.
बता दें दूसरे छोर पर बल्लेबाज के क्रीज से आगे निकल आने के बाद रन आउट करने को लेकर काफी बहस होती रही है और इसे खेलभावना के विपरीत बताया जाता रहा है.
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एमसीसी ने मंगलवार की रात एक बयान जारी करते हुए कहा, 'दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज को रन आउट करने संबंधी नियम 41.16 को नियम 41 (अनुचित) खेल से हटाकर नियम 38 (रन आउट) में डाल दिया गया है. नियम के शब्द समान रहेंगे.'
गेंद को चमकाने के लिए लार का प्रयोग अनुचति:
कोरोना महामारी के कारण आईसीसी ने लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. एमसीसी ने कहा कि उसकी रिसर्च से पता चला है कि गेंद की मूवमेंट पर लार का कोई असर नहीं होता. इसने कहा, 'कोरोना महामारी के बाद जब क्रिकेट बहाल हुआ तो विभिन्न प्रारूपों में खेलने की शर्तों में साफ लिखा था कि लार का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.'
इसमें कहा गया, 'एमसीसी की रिसर्च से पता चला कि गेंद की स्विंग पर लार का कोई असर नहीं होता. खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिये पसीने का भी इस्तेमाल करते हैं जो समान रूप से प्रभावी है.'
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इसमें कहा गया. 'नये नियम के तहत गेंद पर लार का प्रयोग नहीं हो सकेगा. इसके साथ ही फील्डरों के भी मीठी चीजें खाकर लार को गेंद पर लगाने पर रोक लगा दी गई है. लार का इस्तेमाल गेंद की स्थिति में बदलाव के अन्य अनुचित तरीकों की ही तरह माना जायेगा.' (भाषा इनपुट के साथ)
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