Why Morne Morkel Was Chosen Over Two Ex India Stars For Coaching Job: भारतीय टीम के अगले गेंदबाजी कोच का चुनाव हो चुका है. दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्कल पारस म्हाम्ब्रे की जगह लेने के लिए तैयार हैं. उनके नाम का ऐलान बीते बुधवार को बीसीसीआई सचिव जय शाह ने किया. उन्होंने कहा, ''हां, मोर्ने मोर्कल को भारतीय पुरुष सीनियर टीम का गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया है.''
मोर्ने मोर्कल के भारतीय टीम के साथ जुड़ते ही गौतम गंभीर की पसंदीदा सहयोगी स्टाफ भी पूरी हो चुकी है. बताया जा रहा है मोर्कल भारतीय टीम के साथ बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज से जुड़ सकते हैं. 39 वर्षीय मोर्कल वर्ल्ड कप 2027 तक भारतीय गेंदबाजी कोच के पद पर बने रहेंगे.
गंभीर के सहयोगी स्टाफ में जहां मोर्ने मोर्कल को गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया है. वहीं अभिषेक नायर को सहायक कोच और रेयान टेन डोएशेट को क्षेत्ररक्षण कोच के पद पर चुना गया है.
मोर्केल ने दक्षिण अफ्रीका के लिए 86 टेस्ट, 117 वनडे और 44 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में शिरकत की है. यहां उनके नाम कुल 544 विकेट दर्ज हैं. जो उनकी काबिलियत को दर्शाते हैं.
बताया जा रहा है कि भारतीय टीम के साथ जुड़ने के बाद मोर्केल अगले महीने की शुरुआत में बेंगलुरु स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं.
उम्मीद जताई जा रही है कि वह दलीप ट्रॉफी के मुकाबलों पर भी अपनी पैनी नजर रखेंगे. यहां पहुंचने के बाद वह वीवीएस लक्ष्मण और एनसीए गेंदबाजी प्रमुख ट्रॉय कूले से भी मुलाकात कर सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक मोर्केल को लक्ष्मीपति बालाजी और आर विनय कुमार जैसे भारतीय गेंदबाजों के ऊपर तवज्जो देते हुए गंभीर की सिफारिश पर टीम के साथ जोड़ा गया है.
बीसीसीआई के एक सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर पीटीआई से हुई बातचीत के दौरान कहा, ''क्रिकेट सलाहकार समिति को मुख्य कोच के लिए उम्मीदवारों का इंटरव्यू लेना था. मगर जब सहयोगी स्टाफ के चयन की बात आई तो गंभीर के पसंद को प्राथमिकता दी जानी जरुरी थी. गंभीर ने मोर्केल के साथ काम किया है और गेंदबाजी कोच के तौर पर उन्हें काफी महत्व देते हैं.''
सूत्र के मुताबिक, ''नवंबर के आखिरी हफ्ते में ऑस्ट्रेलिया के साथ एक बड़ी सीरीज खेली जानी है. ऐसे में दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता था. जिन्होंने खुद वहां काफी सफलता हासिल की है. यही नहीं नए साल में भारतीय टीम को इंग्लैंड दौरे पर 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है. जो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के लिहाज से काफी अहम है.''
यही वजह है कि बालाजी और विनय कुमार जैसे गेंदबाजों के नाम पर विचार नहीं किया गया है. क्योंकि बोर्ड का मानना है कि मोर्केल, म्हाम्ब्रे की तरफ से किए गए अच्छे प्रयासों को और आगे ले जाने की काबिलियत रखते हैं.