बड़े मैचों के खिलाड़ी अलग ही होते हैं. जब युद्ध का चरम समय आता है, तो वे अलग ही रूप धारण कर लेते हैं. और कुछ ऐसा ही कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लेफ्टी पेसर मिचेल स्टॉर्क (Mitchell Starc) के बारे में बखूबी कहा जा सकता है. हैदराबाद के खिलाफ (KKR vs SRH) स्टॉर्क ने अभिषेक को आउट कर ऐसा सुर लगाया कि हैदराबाद की पूरी बल्लेबाजी ही ढह गई. दो राय नहीं कि स्टॉर्क केकेआर के आखिरी सफर तक महत्वपूर्ण कारक रहे, लेकिन शुरुआती दौर में ऐसा बिल्कुल भी नहीं था. और केकेआर को इस लेफ्टी का एक विकेट बहुत ही महंगा पड़ रहा था. याद दिला दें कि केकेआर ने नीलामी में मिचेल स्टॉर्क के लिए 24.75 करोड़ रुपये चुकाए थे. शुरुआत में जब स्टॉर्क का प्रदर्शन बहुत ही खराब था, तो उन्हें लेकर सवाल थे क्योंकि उनका हर विकेट प्रबंधन को बहुत ही महंगा पड़ रहा था, लेकिन आखिर तक आते-आते इसकी कीमत दो गुने से भी कम हो गई.
शुरुआती मैचों में थे इतने बुरे हाल
टूर्नामेंट की शुरुआत में केकेआर धमाल मचा रहा था, तो आईपील के इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी (24.75 करोड़ रुपये) पाने वाले स्टार्क की गाड़ी पूरी तरह से पटरी से उतरी हुई थी. यह आप इससे समझें कि शुरुआती आठ मैचों में स्टार्क का इकॉनमी रन-रेट (प्रति ओवर में रन) 11.78 था, तो इन आठ मैचों में उनके खाते में 7 ही विकेट आए थे. इन 8 मैचों के बाद उनके केकेआर के लिए उनके हर विकेट की कीमत करीब 3.73 करोड़ रुपये बैठ रही थी. मतलब केकेआर को उनका एक विकेट इतने में पड़ रहा था. आलोचक उनके सिर पर सवार थे. बातें ऐसी हो रही थीं कि स्टार्क को जरुरत से ज्यादा पैसा दिया गया, लेकिन दबाव में यह पेसर टूटा नहीं, फोकस डिगा नहीं.
नौवें मैच से उठना शुरू हुआ प्रदर्शन
फिर कहानी तीन मई को वानखेड़े में मुंबई के खिलाफ खेले गए गए नौवें मैच से बदली. तारीफ करनी होगी केकेआर प्रबंधन की भी, जिसने स्टार्क में भरोसा बनाए रखा. इस मैच में उन्होंने चार विकेट लिए, लेकिन अगले दो मैचों में स्टार्क के हिस्से मे सिर्फ एक ही विकेट आया. एक मैच रद्द कर दिया, लेकिन फिर 13वें मैच में क्वालीफायर1 में स्टार्क ने हैदराबाद पर हल्ला बोलते हुए शुरुआती तीन ओवरों में इतने ही विकेट चटकाकर अपने विकेटों की संख्या 15 कर ली. और इसी के साथ ही उनके प्रति विकेट की कीमत 1.65 हो गई है. मतलब केकेआर को आधे सफर तक उनका जो एक विकेट 3.75 करोड़ का पड़ रहा था, वह प्लेऑफ तक आते-आते उसकी कीमत 1.65 हो गई. केकेआर का घाटा कम हो गया.
....और फाइनल तक इतनी कीमत गिरा दी स्टॉर्क ने
हैदराबाद के खिलाफ स्टॉर्क ने बॉल ऑफ द टूर्नामेंट (अभिषेक) फेंकते हुए दो विकेट चटकाकर अपने कुल विकेटों की संख्या तो 17 कर ही दी, तो वहीं उन्होंने केकेआर को पड़ रही प्रति विकेट की खासी महंगी कीमत को भी कम कर दिया. टूर्नामेंट खत्म होते-होते केकेआर को स्टॉर्क के प्रति विकेट की कीमत करीब 1.45 करोड़ रुपये पड़ी, जो शुरुआती आठ मैचों के बाद 3.57 करोड़ बैठ रही थी.