- इंग्लैंड ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5,468 दिनों बाद टेस्ट मैच जीत हासिल की
- जोश टंग ने मैच में कुल सात विकेट लेकर अपनी टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई और प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए
- जोश टंग पहले चोटों से परेशान थे और थोरैसिक आउटलेट सिंड्रोम बीमारी के कारण संन्यास लेने पर भी विचार कर रहे थे
द एशेज' सीरीज का चौथा मुकाबला 26 दिसंबर 2025 से 27 दिसंबर 2025 के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया. जहां इंग्लिश टीम शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5,468 दिनों बाद टेस्ट मैच जीतने में कामयाब रही. मैच के हीरो तेज गेंदबाज जोश टंग रहे. टीम के लिए उन्होंने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए सात सफलता प्राप्त की. पहली पारी में उन्होंने 45 रन खर्च करते हुए पांच विकेट लिए, जबकि दूसरी पारी में 44 रन खर्च करते हुए दो विकेट चटकाने में कामयाब रहे. मेलबर्न टेस्ट में इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया.
चोटों से परेशान होकर संन्यास लेना चाहते थे टंग
आज हर किसी के जुबान पर जोश टंग का नाम है. मगर बहुत कम लोगों को पता है कि जोश के जीवन में एक ऐसा पल भी आया था जब वह क्रिकेट से दूरी बना लेना चाहते थे. जी हां! कुछ साल पहले तक वह चोटों से परेशान होकर संन्यास लेने पर विचार कर रहे थे. मगर मेलबर्न टेस्ट में मैच जिताऊं प्रदर्शन के बाद वह संतोष की सांस ले रहे हैं.
मेलबर्न टेस्ट में 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुने जाने के बाद उन्होंने कहा, 'सपने तो इसी से बनते हैं. बॉक्सिंग डे टेस्ट की सुबह थोड़ी घबराहट तो थी. मगर 'फिफर' लेना और सम्मान बोर्ड पर अपना नाम दर्ज कराना वाकई खास एहसास है.'
थोरैसिक आउटलेट सिंड्रोम (TOS) नाम की बीमारी से जूझ रहे थे जोश
जोश थोरैसिक आउटलेट सिंड्रोम नामक बीमारी से काफी परेशान रहे हैं. जिसकी वजह से उन्हें काफी मुकाबलों से बाहर रहना पड़ा है. थोरैसिक आउटलेट सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है. जिसमें कॉलरबोन (हंसली) और पहली पसली के बीच गर्दन और छाती के ऊपरी हिस्से में नसें या रक्त वाहिकाएं दब गई होती हैं. जिससे हाथ और बांह में दर्द, सुन्नता, झुनझुनी, सूजन और कमजोरी महसूस होती है.
जोश ने जाहिर की भावनाएं
जोश ने कहा, 'मुझे इस खेल (क्रिकेट) से जुड़े रहने पर खुशी मिलती है. मैं अपने शरीर को लेकर कठिन परिस्थितियों में था. शायद मैं संन्यास लेना चाहता था. मगर मुझे खुशी है कि मैंने फिर से वापसी की और अब इंग्लैंड के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं. मैं हमेशा से यही करना चाहता था.'
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