'यह बॉलरों के लिए बहुत ही जरूरी', इस बड़े मुद्दे पर बॉलरों के समर्थन में आए शार्दूल

पिछले कुछ समय से बहस जसप्रीत बुमराह ही नहीं, बल्कि बाकी खिलाड़ियों को लेकर भी बहस चल रही है. अब ठाकुर ने बॉलरों का पक्ष रखा है

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  • शार्दूल ठाकुर ने खिलाड़ियों के लिए खेल से बीच-बीच में विश्राम लेना आवश्यक बताया है ताकि फिटनेस बनी रहे
  • इंग्लैंड के खिलाफ जसप्रीत बुमराह के कम टेस्ट खेलने से कार्यभार प्रबंधन पर चर्चा उभरी है
  • उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को फिजियो और स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच के साथ मिलकर शरीर का प्रबंधन करना चाहिए
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बेंगलुरु:

भारत के तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) ने रविवार को खिलाड़ियों को खेल से कभी-कभी ‘ब्रेक (खेल से विश्राम)' लेने का समर्थन करते हुए कहा कि आधुनिक क्रिकेटरों के लिए पूरे साल अपनी फिटनेस बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है. इंग्लैंड के खिलाफ पिछले महीने समाप्त हुई पांच मैचों की एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में मुख्य तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के केवल तीन टेस्ट खेलने के बाद भारतीय क्रिकेट जगत में कार्यभार प्रबंधन (चोट और थकान से बचने लिए) चर्चा का विषय बन गया है.

शार्दूल ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मैं इन सवालों की सराहना करता हूं. कोई भी वास्तव में आकर हमसे नहीं पूछता कि इतने महीनों तक खेलने के बाद हमारे शरीर को कैसा महसूस होता है. कई बार हमें हल्के में लिया जाता है और इससे जुड़ा प्रबंधन शीर्ष स्तर का नहीं होता है.' दलीप ट्रॉफी के सेमीफाइनल में पश्चिम क्षेत्र की अगुवाई करने के बाद ठाकुर ने कहा, ‘मैं फिजियो और एसएनसी (स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच) के साथ लगातार काम करके अपने शरीर को प्रबंधित कर रहा हूं, क्योंकि यह क्रिकेट खेलने के बारे में है.'

ठाकुर ने कहा, 'इस युग के खिलाड़ियों का कार्यक्रम काफी व्यस्त होता है. ऐसे में उन्हें कुछ समय के लिए आराम की जरूरत होती है. मैं यह नहीं कह रहा कि आप खुद को खेल से दूर रखें, लेकिन मैचों के बीच में ब्रेक जरूरी होता है. आधुनिक क्रिकेट में एक खिलाड़ी के लिए पूरे साल फिटनेस बनाए रखना एक निरंतर चुनौती होगी. यह कठिन है.' इस 33 साल के खिलाड़ी ने कहा कि एक बार जब खिलाड़ी खेल में प्रवेश कर लेते हैं, तो उन्हें अपना 100 प्रतिशत देने से पीछे नहीं हटना चाहिए.

शार्दूल ने कहा, ‘एक बार जब आप मैच से जुड़ जाते हैं, तो आप कार्यभार प्रबंधन के बारे में बात नहीं कर सकते क्योंकि खेल की स्थिति भी हावी हो जाती है. जब आप मैदान में होते हैं, तो आपसे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की उम्मीद की जाती है. आपके पास जो कुछ भी है, आपको अपना सब कुछ झोंकना होता है.' यह तेज गेंदबाज हालांकि दलीप ट्रॉफी के सेमीफाइनल में बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की पिच से खुश नहीं दिखा. यहां स्पिनरों ने तीन पारियों में कुल 28 में से 20 विकेट चटकाए.

उन्होंने कहा, ‘तेज गेंदबाजों के लिए इस पिच पर ज्यादा कुछ नहीं था. देश में घरेलू क्रिकेट खेलते समय हमेशा यह शिकायत रहती है कि हमें ऐसी पिचें नहीं मिलती जहां तेज गेंदबाज एक मैच में 40 ओवर तक गेंदबाजी कर सकें.' उन्होंने घरेलू क्रिकेट में ऐसी पिच तैयार करने पर जोर जहां जहां बल्लेबाज, स्पिनर और तेज गेंदबाज के लिए मदद हो. शार्दूल बोले,‘एक तेज गेंदबाज होने के नाते मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसी पिच हो जहां तेज गेंदबाजों, बल्लेबाजों और स्पिनरों के लिए  बराबर मौका हो.'

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