करोड़ों भारतीयों की निगाह यशस्वी जयसवाल (yashasvi jaiswal) पर जारी ईरानी ट्रॉफी (irani cup 2023) के तीसरे दिन तभी टिक गयी थीं, जब वह शेष भारत (ROI vs MP) की दूसरी पारी में दिन का खेल खत्म होने के समय 58 बनाकर नाबाद थे. तभी से जयसवाल (yashasvi jaiswal consecutive 100) कोच भी बहुत उत्साहित थे कि उनका भरोसा शुक्रवार को वह रिकॉर्ड जरूर बनाएगा, जो ईरानी ट्रॉफी के इतिहास में न सुनील गावस्कर ही बना सके थे और न ही सचिन तेंदुलकर और टूर्नामेंट में बेहतरीन रिकॉर्ड रखने वाले दिलीप वेंगसरकर.
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और रच दिया इतिहास
जयसवाल तीसरे दिन 53 गेंदों पर 8 चौकों और 1 छ्क्के से 58 रन बनाकर नाबाद थे. और उन्होंने कोच ज्वाला सिंह की बात पर अमल करते हुए शतक का दबाव न लेते हुए ठीक उसी गति से बल्लेबाजी की, जैसी दूसरे दिन की थी. लगभग हर गेंद पर उन्होंने रन बनाया और जैन की गेंद पर चौका लगाकर 40वें ओवर में 103 गेंदों पर 13 चौके और 1 छक्के से शतक पूरा किया. और इसी के सात ही जयसवाल ईरानी ट्रॉफी के करीब 62 साल के इतिहास में किसी मैच की एक पारी में दोहरा और दूसरी में शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए. पहले धवन और हनुमा विहारी ने जरूर दोनों पारियों में शतक बनाया था, लेकिन किसी ने दोहरा शतक नहीं बनाया था.
प्रार्थना स्वीकार हुई कोच ज्वाला की
यशस्वी के कोच ज्वाला सिंह ने बताया, "उन्होंने रात को फोन पर कम शब्दों में जयसवाल को ज्यादा से ज्याादा मोटिवेटिड किया. मैं सुनिश्चित करना चाहता था कि वह तनाव न ले. और रात को अच्छी नींद ले", ज्वाला बोले, "शुक्रवार सुबह मंदिर गए और जयसवाल के रिकॉर्ड के लिए प्रार्थना की. और मुझे खुशी है कि यह प्रार्थना कबूल हुयी. यह सब ईश्वर की कृपा से ही हो रहा है और वह दिन ज्यााद दूर नहीं है जब उनका चेला भारतीय टेस्ट कैप पहनेगा."
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