IPL 2022: कुछ ही दिन बाद शुरू होने जा रहा इंडियन प्रीमियर लीग का संस्करण बीसीसीआई पर जमकर पैसों की बरसात करने जा रहा है. मीडिया राइट्स का ऐलान जब होगा, तब होगा, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस साल बीसीसीआई को प्रायोजन राशि से करीब हजार करोड़ रुपये की कमायी होगी, जो आईपीएल के इतिहास में सबसे बड़ी रकम होने जा रही है. बता दें क बीसीसीआई ने इस साल टाटा के रूप में नए मुख्य प्रायोजक से करार किया है. इसके अलावा दो नए एसोसिएट्स स्पॉन्सर भी हैं. हाल ही में आईपीएल की गवर्निंग काउसिल ने रू-पे और स्विगी इंस्टामार्ट को अपने केंद्रीय पूल में बतौर स्पान्सर जोड़ा था. इस साल ऐसा पहली बार हुआ है, जब बीसीसीआई एक सत्र में प्रायोजन के लिए खाली सभी नौ जगह भरने में सफल रहा है.
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जानकारी के अनुसार स्विगी और रू-पे के साथ आईसीसी ने सालाना तकरीब 48-50 करोड़ रुपये का करार किया है. वहीं, दूसरी बड़ी उपलब्धि मुख्य प्रायोजक से मिली राशि से आ रही है. टाटा से बीसीसीआई को करीब 335 करोड़ रुपये मिलेंगे. हालांकि, यह रकम पिछले मेन टाइटल स्पॉन्सर से मिल रही रकम से कम है, लेकिन फिर भी बीसीसीआई पिछले साल के मुकाबले 30-40 प्रतिशत ज्यादा कमाने जा रहा है.
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विवो को बीसीसीआई को साल 2022 के लिए 484 और 2023 के संस्करण के लिए 512 करोड़ रुपये देने थे. ऐसा आईपीएल में मैचों की संख्या बढ़ने के कारण भी था. कुल मिलाकर विवो दो दो साल के लिए बीसीसीआई को 996 करोड़ का भुगतान रना था. अब टाटा उससे कहीं कम 670 करोड़ रुपये देगा. ऐसे में बीसीसीआई को हुए नुकसान की भरपाई विवो करेगा. इससे होगा यह कि बीसीसीआई को टाइटल स्पॉन्सरशिप से 600 करोड़ से ज्यादा की रकम मिलेगी, जबकि करीब इतनी ही रकम उसे एसोसिएट्स स्पॉन्सरों से मिलेगी. पेटीएम अभी भी आईपीएल का आधिकारिक पार्टनर बना हुआ है, जबकि सिएट टाइमआउट पार्टनर है.
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