- वीमेंस वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान मुकाबले में थर्ड अंपायर ने पाकिस्तानी ओपनर मुनीबा अली को रन आउट दिया था
- पाकिस्तानी कप्तान फातिमा मीर समेत फैंस ने अंपायर के रन आउट फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई थी
- मैरिलबोन क्रिकेट क्लब ने नियम 30.1.2 के आधार पर थर्ड अंपायर के रन आउट निर्णय को सही ठहराया है
MCC on Muneeba Ali controversy: खेले जा रहे वीमेंस वर्ल्ड कप (Womens World Cup) में रविवार को श्रीलंका के प्रेमदासा स्टेडियम में भारत-पाकिस्तान (India vs Pakistan) के बीच खेले गए मुकाबले में पाक ओपनर मुनीबा अली (Muneeba Ali) को थर्ड अंपायर ने रन आउट क्या दिया मानो बवाल मच गया. पाकिस्तानी कप्तान फातिम मीर सहित पाकिस्तान के तमाम फैंस इस फैसले से बहुत ही ज्यादा नाराज थे, लेकिन अब क्रिकेट के नियमों की संरक्षक संस्था मैरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने अंपायर के फैसले को एकदम सही करार दिया है. संस्था ने इस असामान्य रन आउट पर सफाई देते हुए कहा कि थर्ड अंपायर अपने फैसले में पूरी तरह से सही थे. यह घटना चौथे ओवर की आखिरी गेंद पर घटी थी, जब पाकिस्तान 248 रनों का पीछा कर कर रहा था.
कुछ ऐसा घटित हुआ था मुनीबा के साथ
प्लेयर ऑफ द मैच क्रांति गौड की आखिरी गेंद पर भारत ने मुनीबा के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील की. अंपायर के ठुकराने के बाद भारत ने रिव्यू न लेने का फैसला किया. लेकिन इसी दौरान दीप्ति शर्मा के थ्रो ने स्टंप्स बिखेर दिए. हालांकि, मुनीबा क्रीज के अंदर ही थीं और उनका बल्ला भी क्रीज में ही था, लेकिन थर्ड अंपायर ने रिव्यू में पाया कि जब बेल्स गिरीं, तो मुनीबा का बल्ला हवा में था. इस पर थर्ड अंपायर ने आउट दिया, तो पाकिस्तानी खेमे और फैंस के बीच मानो बवाल मच गया. किसी को भी यह फैसला हजम नहीं हुआ. पाकिस्तानी कप्तान फातिमा ने भी कहा, 'मुनीबा क्रीज में पहुंच चुकी थीं. उनका रन लेने का कोई इरादा नहीं था. ऐसे में निर्णय बदला जाना चाहिए.' बहरहाल, अब मैरिलबोन क्रिकेट क्लब ने कहा है कि मुनीब को रन आउट देने के मामले में नियमों का बिल्कुल सही तरह इस्तेमाल किया गया.
MCC ने विस्तार से बताया नियम के बारे में
संस्था ने विस्तार से बताते हुए और नियम 30.1.2 की व्याख्या करते हुए कहा कि मुनीबा को बचाया जा सकता था. यह नियम कहता है,'अगर कोई बल्लेबाज दौड़ने की प्रक्रिया में है, या अपनी क्रीज की तरफ डाइव लगाता है और क्रीज के पार चलाता है और इस प्रक्रिया में उसके शरीर या बल्ले का हिस्सा पॉपिंग क्रीज से आगे चला जाता है, या इस इस प्रक्रिया में मैदान और उसके शरीर या बल्ले के किसी हिस्से, या बल्ले और बल्लेबाज के बीच पर्याप्त संपर्क नहीं हो पाता है, तो बल्लेबाज आउट नहीं माना जाएगा.'
MCC ने कहा, 'इस नियम का अर्थ है कि अगर आप अपने छोर की तरफ दौड़ रहे हो या डाइव लगाते हो और आप बल्ले या खुद को लाइन के पीछे ले जाते हो, तो मैदान के साथ संपर्क स्थापित न होने और बाद में स्टंप के गिराए जाने पर भी आप नॉटआउट हैं. यहां मुनीबा ने पैड पर गेंद लगने के बाद बल्ले को पॉपिंग क्रीज के पीछे जमीन पर रख दिया था. लेकिन उसके बाद उनका बल्ला जमीन से ऊपर उठा था. क्या यह वह बात नहीं है, जो कानून के दायरे में आती है?'
आगे MCC ने कहा, 'जवाब है नहीं. कानून केवल उसी पहलू को संरक्षण देता है, जब बल्लेबाज दौड़ रहा है या डाइव लगा रहा है. और मुनीबा अपने छोर की ओर नहीं दौड़ ही थीं. वह पॉपिंग क्रीज से आगे गार्ड ले चुकी थीं और उन्होंने किसी भी समय अपना पैर पीछे हीं किया.'
MCC ने आगे कहा, 'यह उस बल्लेबाज की रक्षा नहीं रता, जो एक और रन लेन के लिए मुड़ता है, असंतुलित होकर गिर जाता है या फिर जैसा मुनीबा के मामले में हुआ. मतलब जिस बल्लेबाज का बल्ला हवा में उठ जाता है. तीसरा अंपायर अपने निर्णय में पूरी तरह से सही थे.'