IND vs ENG: हेडिंग्ले में क्यों मिली शिकस्त? इस आधार पर चुनी गई टीम बन रही है मुसीबत!

India vs England, 1st Test: सीमित ओवरों के प्रदर्शन के आधार पर चुने गए खिलाड़ी रेड बॉल क्रिकेट में मुसीबत बन रहे हैं!

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Prasidh Krishna
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  • टीम इंडिया में युवा खिलाड़ियों को इंग्लैंड दौरे के लिए चुना गया है.
  • खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेट या आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया है.
  • साई सुदर्शन और प्रसिद्ध कृष्णा का टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन निराशाजनक रहा.
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India vs England, 1st Test: इंग्लैंड दौरे के लिए टीम इंडिया में कई युवा और होनहार खिलाड़ियों को काफी लंबे समय के बाद शामिल किया गया है. ऐसा नहीं है कि ये खिलाड़ी एकाएक ब्लू टीम में वापस आ गए हैं. उन्होंने घरेलू क्रिकेट या आईपीएल में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से खुद को साबित किया है. जिसके बाद उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में चुना गया है. मगर जेहन में एक सवाल उठता है. वह यह कि क्या व्हाइट बॉल प्रदर्शन के आधार पर रेड बॉल क्रिकेट के लिए खिलाड़ियों का चुनाव किया जाना ठीक है. क्योंकि प्रसिद्ध कृष्णा और साई सुदर्शन का प्रदर्शन आईपीएल में जबर्दस्त था. मगर ज्यों ही वह टेस्ट क्रिकेट के तहत मैदान में उतरे. उनका प्रदर्शन ओंधे मुंह निचे चला गया. सुदर्शन पहली पारी में खाता भी नहीं खोल पाए, जबकि दूसरी पारी में उन्हें कई बार बाहर जाती गेंदों के साथ छेड़छाड़ करते हुए पाया गया था. टेस्ट क्रिकेट में जहां बल्लेबाजों को अक्सर संभलकर खेलते हुए पाया जाता है. वहीं वह क्रीज पर आते ही कुछ ज्यादा आक्रामक नजर आ रहे थे. नतीजन तेजी से रन बटोरने के प्रयास में वह आउट हुए. 

माना कि सुदर्शन का यह पहला टेस्ट मुकाबला था. मगर प्रसिद्ध कृष्णा तो कई बार भारतीय टेस्ट स्क्वाड का हिस्सा रह चुके हैं. मगर उन्होंने लीड्स में जिस तरीके से गेंदबाजी की. वह बेहद ही निराशाजक था. पहली पारी में उन्होंने 20 ओवरों की गेंदबाजी की. इस बीच तीन विकेट चटकाने में कामयाब रहे. मगर इस दौरान उन्होंने 6.40 की इकोनॉमी से रन भी लुटा दिए, जो टेस्ट क्रिकेट में बेहद ही खर्चीला स्पेल माना जाएगा. 

पहली ही पारी में नहीं दूसरी पारी में भी उनकी धुलाई जारी रही. टीम के लिए उन्होंने 15 ओवरों की गेंदबाजी की. इस बीच एक बार फिर उन्होंने छह की ज्यादा इकोनॉमी से रन खर्च कर डाले. नतीजन चौथी पारी में 371 रनों के बड़े लक्ष्य को भी विपक्षी टीम ने आसानी से हासिल कर लिया. जिसके बाद यह सवाल उठाना लाजमी हो गया है कि क्या टेस्ट क्रिकेट में खिलाड़ियों का चयन व्हाइट बॉल प्रदर्शन के आधार पर होना चाहिए या नहीं? 

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