IND vs SA Final: जब दो बार विश्व कप में ठगा रह गया साउथ अफ्रीका, जीत सामने थी, कुछ ऐसे हाथ से फिसल गया था मैच

IND vs SA T20 World Cup Final, साल 2009 में टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी वहीं, 2014 में भी साउथ अफ्रीकी टीम का सफर टी-20 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल  तक पहुंचा था. वैसे, साउथ अफ्रीकी टीम को विश्व क्रिकेट में 'चोकर्स' के  नाम से भी जाना जाता है.

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T20 World Cup Final IND vs SA:

South Africa: Champion or choker: साउथ अफ्रीकी टीम टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत के खिलाफ खेलने वाली है. (IND vs SA T20 World Cup Final) साउथ अफ्रीकी टीम के लिए यह बड़ा अवसर है. यह पहली बार है जब साउथ अफ्रीकी टीम वर्ल्ड कप का फाइनल खेलने वाली है. अफ्रीकी टीम के पास ऐसा मौका है जिसे वो अब हर हाल में  भूनाना चाहेगी. बता दें कि टी-20 वर्ल्ड कप के इतिहास में साउथ अफ्रीकी टीम दो बार सेमीफाइनल में पहुंची लेकिन हार कर बाहर हो गई थी. साल 2009 में और 2014 में भी साउथ अफ्रीकी टीम का सफर टी-20 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक पहुंचा था. वैसे, साउथ अफ्रीकी टीम को विश्व क्रिकेट में 'चोकर्स' के  नाम से भी जाना जाता है. साउथ अफ्रीकी टीम एक ऐसी टीम रही है जो बड़े मुकाबले में हार जाती है. लेकिन इस बार टीम फाइनल में पहुंची है. ऐसे में देखा दिलचस्प होगा कि क्या साउथ अफ्रीका अपने ऊपर लगे 'चोकर्स' के टैग को उतार पाएगी. 

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कैसे साउथ अफ्रीकी टीम पर लगा 'चोकर्स' का टैग

साउथ अफ्रीकी टीम पर चोकर्स'  का टैग उनकी बुरी किस्मत के कारण लगा है. बड़े मैचों में साउथ अफ्रीकी टीम के साथ हमेशा से कुछ ऐसा होता है जो यकीन से परे होता है. पूरे टूर्नामेंट में टीम बेहतरीन परफॉर्मेंस करती है लेकिन अचानक बड़े मैचों में इस टीम के साथ या तो किस्मत धोखा दे जाती है या फिर टीम मैच हार जाती है ऐसे में जानते हैं उन दो अहम मैचों के बारे में जिसके कारण साउथ अफ्रीकी टीम पर पड़ा था "चोकर्स' का टैग.

1992 का सेमीफाइनल "रेन रूल्स"  ने बिगाड़ा समीकरण

साल 1992 का वर्ल्ड कप सेमीफाइनल कौन भूल सकता है जिसने साउथ अफ्रीकी टीम को चोकर्स का टैग दिया. किस्मत और नियम के चलते टीम फाइनल में नहीं पहुंच पाई थी. 1992 का विश्व कप सेमीफाइनल में इंग्लैंड और साउथ अफ्रीकी टीम खेल रही थी. टीम 252 रन के टारगेट का पीछा कर रही थी लेकिन बारिश ने खेल बिगाड़ दिया था. एक समय साउथ अफ्रीकी टीम को जीत के लिए 13 गेंद में 22 रन बनाने थे. लेकिन फिर बारिश ने खेल बिगाड़ दिया. बारिश के कारण मैच को रोकना पड़ा. 12 मिनट तक खेल रूका रहा. लेकिन जब बारिश रूकी और मैच फिर से शुरु हुआ तो एक ओवर घटा दिया गया और टीम को नया टारगेट सात गेंदों पर 22 रन था.लेकिन इसके बाद ‘रेन रूल्स के मुताबिक साउथ अफ्रीका को एक गेंद में 22 रन का टारगेट नया दिया गया.जो मुमकिन नहीं था. इसके बाद टीम हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी. 

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1999 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल , एलन डोनाल्ड  हुए रन आउट और साउथ अफ्रीका बन गया 'चोकर्स'

ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच सेमीफाइनल मैच खेला गया था. मैच टाई हुआ था जिसके कारण साउथ अफ्रीकी टीम फाइनल में नहीं पहुंच पाई थी. दरअसल, ऑस्ट्रेलिया ने पहले खेलते हुए 213 रन बनाए थे, वहीं, जब  साउथ अफ्रीकी टीम ने लक्ष्य का पीछा किया तो आखिर ओवर में  9 रन चाहिए थे. क्लूजनर ने आखिरी ओवर की पहले दो गेंद पर 2 चौके लगाए थे. अब टीम को 4 गेंद पर 1 रन चाहिए थे.

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आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर क्लूजनर ने शॉट मारा, एलन डोनाल्ड नॉन स्ट्राइक एंड पर मौजूद थे. क्लूजनर से शॉट खेलकर डोनाल्ड को रन लेने के लिए बोला, आखिरी विकेट के तौर पर डोनाल्ड रन आउट हो गए और जीता हुआ मैच टाई हो गया. लेकिन सुपर 6 स्टेज में ऑस्ट्रेलिया ने अफ्रीकी टीम को हराया था जिसके कारण फाइनल में ऑस्ट्रेलियाई टीम पहुंची थी. ये दो ऐसे मौके रहे थे जिसने साउथ अफ्रीकी टीम पर चोकर्स का टैग लगा दिया था. हालांकि इसके बाद भी वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीकी टीम अहम मैच हारती रही जिसके कारण चोकर्स का टैग अफ्रीकी टीम पर बना रहा.

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