भारत के सबसे तेज़ गेंदबाज़ों का हुआ बुरा हाल, कोई चोटिल तो कोई हुआ अचानक टीम से बाहर

TOP India’s Fastest Pacers Disappeared or faded away: भारतीय क्रिकेट में भी कुछ गेंदबाज हुए जिन्होंने अपनी तेज रफ्तार वाली गेंद के दुनिया को चौंका कर रख दिया था.

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Fastest Pacers Disappeared or faded away
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  • अख्तर ने 2003 में 161.3 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंककर सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड बनाया था.
  • उमरान मलिक ने 157 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की लेकिन चोटों के कारण उनका करियर प्रभावित हुआ है
  • मयंक यादव ने 156.7 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की पर लगातार चोटिल रहने के कारण वे टीम से दूर हैं
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India's Fastest Pacers Disappeared or faded away: क्रिकेट इतिहास में सबसे तेज तेज फेंकने का रिकॉर्ड शोएब अख्तर के नाम है. अख्तर ने साल 2003 में 161.3 किमी/घंटा की रफ्तार से गेंद फेंककर दुनिया को चौंका दिया था. उनका यह वर्ल्ड रिकॉर्ड आज भी बरकार है. इस बीच कुछ गेंदबाजों ने तेज गेंद फेंकने का टैलेंट जरूर दिखाया लेकिन उनकी इस रिकॉर्ड के करीब तक नहीं पहुंच पाए. बता दें कि भारतीय क्रिकेट में भी कुछ गेंदबाज हुए जिन्होंने यह उम्मीद जताई थी लेकिन समय के साथ वो गेंदबाज या तो चोट का शिकार हो गए या फिर इतिहास के पन्नों में खो कर रह गए हैं. 

उमरान मलिक (157 किमी प्रति घंटा)- करियर का कुछ नहीं हुआ

इस मामले में सबसे पहले नाम उमरान मलिक है जिन्होंने आईपीएल में 157 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के साथ गेंद फेंककर उम्मीद जगाई थी लेकिन कुछ ही समय बाद उनका नाम भी अब इतिहास के पन्नों में खो सा गया है. उमरान मलिक  अब भारतीय क्रिकेट के भविष्य की योजनाओं में शामिल नहीं हैं. उमरान ने अपने करियर में 10 वनडे मैच खेलकर 13 विकेट लिए तो वहीं, 8 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेलकर 11 विकेट लेने में सफल रहा.

आईपीएल में उमरान 26 मैच में 29 विकेट लेने में सफल रहे हैं. उमरान कूल्हे की चोट के कारण काफी समय से प्रतिस्पर्धी मैच नहीं खेल पाए हैं. मलिक का आखिरी प्रतिस्पर्धी मैच आईपीएल 2024 में था, क्योंकि तब से वह चोटों और बीमारी के कारण बाहर हैं. उन्हें 2024/25 के घरेलू सत्र की शुरुआत में दलीप ट्रॉफी में खेलने के लिए नामित किया गया था, लेकिन कूल्हे की चोट और डेंगू के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा.

मयंक यादव (156.7 किमी प्रति घंटा) - चोटिल

इसके बाद मयंक यादव का नाम आता है. मयंक ने भी 156.7 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के साथ गेंद फेंककर धमाका किया था. लेकिन मंयक यादव (Mayank Yadav) नियमित अंतराल पर चोटिल होकर अंदर-बाहर होते रहे हैं. इस समय भी मयंक चोट के कारण भारतीय क्रिकेट से दूर हैं.  मयंक यादव की उम्र अभी बहुत कम है. जून 2025 में वे 23 साल के थे. इतनी कम उम्र में फिटनेस के साथ निरंतर समस्या उनके करियर और भविष्य के लिए खतरनाक है.  

मयंक की लंबाई, गेंद में तेजी, सटीकता और जो विविधता है, निश्चित रुप से उन्हें एक बेहतरीन और सफल तेज गेंदबाज बना सकती है, लेकिन यह तभी संभव होगा जब फिटनेस उनका साथ दे। मयंक को विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए कि आखिर क्यों उनके साथ हमेशा इंजरी की समस्या रहती है, क्या उनके गेंदबाजी एक्शन की वजह से उनकी पीठ या कमर पर ज्यादा जोर पड़ता है या कोई अन्य कारण है.

मोहम्मद शमी (153.26 किमी प्रति घंटा)

भारत के बेहतरीन तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को भी कभी 153.26 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के साथ गेंद फेंकने वाले गेंदबाज माना जाता था लेकिन 2024 टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से शमी टीम से अंदर-बाहर होते रहे हैं. उनके लिए भी टीम इंडिया में वापसी करना मुश्किल है. शमी ने भारत के लिए 64 टेस्ट में 229 विकेट लिए हैं और साथ ही वनडे में उनके नाम 206 विकेट दर्ज है. टी-20 इंटरनेशनल में शमी ने 27 विकेट अपने नाम करने में सफलता हासिल की है. 

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नवदीप सैनी (152.85 किमी प्रति घंटा) - गायब

एक ओर तेज गेंदबाज जिनका भविष्य अधर में हैं वह नवदीप सैनी हैं. सैनी जब आए थे तो 152.85 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ गेंद करने में माहिर थे लेकिन फिर अचानक ऐसे क्या हुआ कि नवदीप सैनी  की बात कोई और नहीं कर रहा है. (Navdeep Saini - Cricket Player India) सैनी ने भारत के लिए 2 टेस्ट और 8 वनडे मैच खेले हैं. सैनी ने भारत के लिए आखिरी मैच 2021 में खेला था. I

PL और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अच्छा-खासा अनुभव होने के बावजूद, सैनी पिछले साल मेगा-IPL ऑक्शन में खरीदारों को आकर्षित करने में नाकाम रहे. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें वापसी के लिए इससे कोई प्रेरणा मिलती है, तो सैनी ने इस झटके के लिए चोट को ज़िम्मेदार ठहराया. एक इंटरव्यू में सैनी ने कहा "मुझे इस अनदेखी से कोई प्रेरणा नहीं मिलती क्योंकि मेरी मानसिकता अब भी वही है जो खेलना शुरू करते समय थी. अगर मैं आईपीएल में अनसोल्ड रहा, तो इसकी वजह चोट ही थी."

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Photo Credit: Sportzpics

शिवम मावी (149.3 किमी प्रति घंटा) - गायब

शिवम मावी भी इस समय क्रिकेट से दूर हो गए हैं. मावी 149.3 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ गेंद फेंकने वाले गेंदबाज रहे हैं. लेकिन चोट के कारण इस क्रिकेटर का भी करियर अधर में लटक गया है. मावी ने भारत के लिए 6 टी-20 इंटरनेशनल मैच में 7 विकेट लिए हैं. 2023 में भारत के लिए आखिरी मैच खेला था. बता दें कि आईपीएल ऑक्शन 2025 में मावी को किसी भी फ्रेंचाइजी ने खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी. घरेलू क्रिकेट में उत्तर प्रदेश के लिए खेलने वाले मावी 19 फर्स्ट क्लास मैचों में 72, तो 46 लिस्ट 'ए' मैचों में भी 72 विकेट ले चुके हैं.

उमेश यादव (152.5 किमी प्रति घंटा) - रिटायरमेंट के करीब

एक समय उमेश यादव 152.5 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के साथ गेंद फेंकने में माहिर थे, उमेश  यादव को भारत का बेहतरीन तेज गेंदबाज माना जाता था लेकिन दुर्भाग्य के कारण यह तेज गेंदबाज भी अपने करियर में वहां तक नहीं पहुंच पाया जिसका वो हकदार थे. उमेश यादव ने (Umesh Yadav Profile - Cricket Player India | Stats, Records) ने टेस्ट में 57 मैच खेलकर 170 विकेट लिए हैं तो वहीं, वनडे में उनके नाम 75 मैच खेलकर 106 विकेट लेने का रिक़ॉर्ड दर्ज है. टी-20 इंटरनेशनल में उमेश  ने 12 विकेट अपने नाम लेने में सफलता हासिल की है.

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उमेश ने भारत के लिए 2023 में आखिरी बार टेस्ट मैच खेला था. अच्छी गेंदबाजी करने के बाद भी उमेश नियमित तौर पर भारत के लिए नहीं खेल पाए हैं. एक बार स्पोर्ट्स तक में इंटरव्यू में उमेश ने कहा था. "वापसी की कोशिशें पूरी हो चुकी हैं. मैं खुद को टीम में नहीं चुन सकता. मुझे कुछ मैच खेलने होंगे, फिट होना होगा. वापसी के लिए मुझे प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलना होगा. मेरी कोशिश है कि मैं फिट होकर टीम में वापसी करूं..

अब सवाल उठता है कि क्या मैनेजमेंट इन तेज गेंदबाजों को अच्छी तरह से मैनेज नहीं कर पा रहा है या ये तेज गेंदबाज ही अपने भविष्य को लेकर ज्यादा सतर्क नहीं हैं. 

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