- केएल राहुल ने अहमदाबाद में विंडीज के खिलाफ टेस्ट के दूसरे दिन अपने करियर का ग्यारहवां शतक जड़ा
- ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ लखनऊ में खेले गए मैच में राहुल ने बिना आउट हुए 176 रन बनाए थे
- इंग्लैंड में अलग-अलग हालात में खेलने से केएल राहुल को काफी आत्मविश्वास और अनुभव मिला
KL Rahul on his century: अहमदाबाद में विंडीज के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट के दूसरे दिन करियर का 11वां शतक जड़ने वाले भारती ओपनर बल्लेबाज केएल राहुल (KL Rahul) ने अपनी पारी पर खुशी जताते हुए कहा कि विंडीज के खिलाफ टेस्ट से पहले उन्हें ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ खएले मैच से काफी मदद मिली. चंद दिन पहले ही लखनऊ में खेले गए इस मुकाबले में केएल ने दूसरी पारी में बिना आउट हुए 176 रन बनाए थे. दिन का खेल समाप्त होने के बाद केएल राहुल ने कई अहम पहलुओं पर रोशनी डाली
पिछले कुछ महीनों से शॉनदार फॉर्म के सवाल पर
केएल ने कहा, 'मैं अपनी बल्लेबाजी का लुत्फ उठा रहा हूं. इंग्लैंड में अलग-अलग हालात में खेलने में बहुत ही मजा आया. निश्चित रूप से वहां रन बनाना आपको बहुत ज्यादा आत्मविश्वास प्रदान करता हूं. पूर्व में बनाए गए रनों के साथ इस मैच में उतरने से भी मुझे मदद मिली. सीरीज के बाद मिले ब्रेक के बाद मैं यहां तरोताजा महसूस कर रहा हूं.
क्या मैच से पहले नर्वस थे?
नहीं, मैं यहां बिल्कुल भी नर्वस नहीं था. मैं पिछले हफ्ते केवल एक ही मैच खेला. ऐसे में मैं वहां जरूर तोड़ा नर्वस था क्योंकि मैंच पिछेल 5-6 हफ्ते मैदान पर नहीं रहा हूं. ऐसे में लय हासिल करना, फॉर्म में आना और चार-पांच दिन बाद मैदान पर आना वास्तव में शारीरिक रूप से खासा चुनौतीपूर्ण था. यहां की परिस्थितियां वास्तव में चैलेंजिंग हैं. वहीं, जो मैच मैंने पिछले हफ्ते खेल,वहां के हालात तो और भी बदतर थे. ऐसे में शारीरिक रूप हालात काफी चुनौतीपूर्ण हैं. लेकिन वह मैच खेलना मेरे लिए फायदे की बात रही.
विदेश में खेलने की तुलना में घर में खेलना चुनौतीपूर्ण?
इस सवाल पर केएल ने कहा, 'वास्तव में मैं इसे लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हूं. लेकिन मैं सोचता हूं कि पिछले एक साल में जिस चीज पर मैंने काम किया है, जो मैं बरकरार रखने में सफल रहा हूं, वह मेरी बल्लेबाजी का स्तर है. मैं इस दौर का लुत्फ उठा रहा हूं, जो मेरे लिए ज्यादा उत्साहजनक नहीं रहा है. वास्तव में जब आप विदेशी दौर पर जाते हैं, तो अतिरिक्त उछाल के साथ पेसरों को मदद करने वाली पिचों पर खेलना बहुत ही ज्यादा चुनौतीपर्ण होता है. फिर जब आप घर पर खेलते हैं, तो तीन 3 स्पिनर टीम का हिस्सा होते हैं और फील्डर्स छितरा जाते हैं. इन हालात में रन बनाने के लिए खासी मेहनत करनी होती है.