निश्चित तौर पर वर्तमान में व्हाइट-बॉल फॉर्मेट के किंग विराट कोहली की दुनिया के किसी भी बल्लेबाज से कहीं से भी कोई तुलना नहीं है. फिर भले ही भारत के खिलाफ विशाखापट्टम में तीसरे वनडे में शतक बनाने वाले दक्षिण अफ्रीका के क्विंटन डिकॉक ही क्यों न हों. लेकिन डिकॉक ने रिकॉर्डों के किंग कोहली को एक बहुत ही स्पेशल रिकॉर्ड में जरूर पछाड़ दिया है. लेकिन अगर ऐसा है, तो उसके पीछे एक अहम वजह जरूर हो सकती है. बहरहाल, कोहली जिस तरह की फॉर्म में हैं, वह इस मामले में भी देर-सबेर क्विंटन डिकॉक को पीछे छोड़ सकते हैं. हालांकि, क्विंटन कोहली से करीब चार साल छोटे हैं और उनका करियर भारतीय पूर्व कप्तान से आगे जा सकता है. कुल मिलाकर दोनों के बीच रेस बहुत ही रोचक हो चली है.
डिकॉक आगे, कोहली पीछे!
यह रिकॉर्ड कन्वर्जन रेट से जुड़ा है. सरल शब्दों में आप ऐसे समझें कि जब किसी अर्द्धशतकीय पारी मतलब 50 या इससे ऊपर के आंकड़े को शतक में तब्दील करने की बात आती है, तो इस मामले में 23 शतक बनाने वाल डिकॉक 53 शतक जड़कर सेंचुरी किंग से आगे हैं.यह फैंस को चौंकाने वाली बात लग सकती है, लेकिन इस मामले में डिकॉक का कन्वर्जन रेट (अर्द्धशतक को शतक में बदलने की दर) कहीं कम शतक होने के बावजूद कोहली से बेहतर है
यह दर फैंस को चौंका सकती है!
करोड़ों फैंस हैरान हो सकते हैं, लेकिन सच यही है कि विशाखापट्टम में तीसरे वनडे तक पचास या इससे ऊपर को शतक में तब्दील करने की डिकॉक की दर जहां 41.81 % है, तो विराट इस मामले में दक्षिण अफ्रीकी विकेटकीपर से थोड़ा पीछे हैं. उनकी यह दर 41.40% है. द.अफ्रीका के ही हाशिम अमला (40.91 प्रतिशत) तीसरे, ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर (40 %) चौथे और विंडीज के शाई होप (38.78 %) पांचवें नंबर पर हैं.
डिकॉक की बेहतर दर की यह एक बड़ी वजह है!
फैंस के लिए डिकॉक का कोहली को वनडे में इस मामले में पछाड़ना चौंकाने वाला है, लेकिन इसकी बड़ी वजह यह है कि डिकॉक ओपनर बल्लेबाज हैं और उनकी बैटिंग उस समय पावर-प्ले में आती है, जब 30 गज के घेरे के बाहर सिर्फ 2 ही बल्लेबाज रहते हैं. वहीं विराट कोहली नंबर तीन पर खेलने आते हैं और तब तक 3 फील्डर और घेरे के बाहर चले जाते हैं. फील्डर बाहर होने के कारण डिकॉक तय नीति के तहत खुलकर खेलते हैं. सर्किल के ऊपर से शॉट लगाते हैं, तो वहीं नंबर-3 बल्लेबाज होने के नाते कोहली को कहीं जिम्मेदारी और हालात के हिसाब से खेलना पड़ता है. अगर डिकॉक नंबर तीन बल्लेबाज होते, तो निश्चित तौर पर वह इस मामले में कोहली से आगे नहीं ही होते!














