- रायपुर में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 359 रनों का लक्ष्य दिया, लेकिन टीम चार विकेट से मैच हार गई.
- हरभजन सिंह ने कहा कि भारतीय टीम को जसप्रीत बुमराह के बिना मैच जीतने का तरीका सीखना चाहिए.
- दक्षिण अफ्रीका ने टेम्बा बावुमा की कप्तानी में तीन मैचों की वनडे सीरीज को बराबर किया.
रायपुर में भारत को सीरीज के दूसरे मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 4 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. भारत ने अफ्रीकी टीम को जीत के लिए 359 रनों का लक्ष्य दिया था और मारक्रम के शतक के दम पर मेहमान टीम ने 4 गेंद रहते ही इसे हासिल किया. भारत की हार के बाद दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा कि भारतीय प्रबंधन को अपने शीर्ष तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के बिना मैच जीतना सीखना चाहिए. टेम्बा बावुमा की अगुवाई वाली दक्षिण अफ्रीका ने बुधवार को 359 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए तीन मैचों की वनडे सीरीज 1-1 से बराबर कर इतिहास रच दिया.
दक्षिण अफ्रीका की पारी के दौरान भारतीय गेंदबाजों को आउटफील्ड पर ओस का सामना करना पड़ा. कुलदीप यादव, वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा की स्पिन तिकड़ी महत्वपूर्ण प्रभाव डालने में विफल रही, जबकि तेज गेंदबाज हर्षित राणा और प्रसिद्ध कृष्णा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. अपने यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए, हरभजन ने कहा कि भारत को जसप्रीत बुमराह के बिना गेम जीतने का तरीका खोजने की जरूरत है.
"शमी कहां है? मुझे नहीं पता कि शमी क्यों नहीं खेल रहा है. मैं समझ गया, आपके पास प्रसिध है, वह एक अच्छा गेंदबाज है, लेकिन उसे अभी भी बहुत कुछ सीखना है. आपके पास अच्छे गेंदबाज थे, और आपने धीरे-धीरे उन्हें किनारे कर दिया. बुमराह के साथ, यह एक अलग गेंदबाजी आक्रमण है, और बुमराह के बिना, यह पूरी तरह से अलग आक्रमण है. हमें बुमराह के बिना गेम जीतने की कला सीखनी होगी."
हरभजन ने यह भी कहा कि भारतीय प्रबंधन को वरुण चक्रवर्ती को वनडे सेटअप में वापस लाना चाहिए. भज्जी ने कहा,"इंग्लैंड में, बुमराह के बिना, सिराज अविश्वसनीय और शानदार थे. भारत ने सभी टेस्ट जीते, जहां बुमराह नहीं थे. लेकिन, छोटे प्रारूपों में, हमें ऐसे लोगों को ढूंढना होगा जो आपको गेम जीता सकें, चाहे वह तेज गेंदबाज हो या स्पिनर. ऐसे स्पिनर खोजें जो आकर विकेट ले सकें. कुलदीप है, लेकिन बाकी के बारे में क्या? वनडे में भी वरुण चक्रवर्ती को लाओ, वह पहले से ही टी20 में हैं, इसलिए उन्हें वनडे में भी आजमाएं."
बात अगर मैच की करें तो साउथ अफ्रीका ने भारत के खिलाफ बुधवार को खेले गए दूसरे वनडे मैच में 4 विकेट से जीत दर्ज की. इसी के साथ मेहमान टीम ने तीन मुकाबलों की वनडे सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली है. भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज 0-2 से गंवाने के बाद रांची में खेले गए पहले वनडे मैच को 17 रन से अपने नाम किया था. अब सीरीज का तीसरा और अंतिम मैच 6 दिसंबर को विशाखापत्तनम में खेला जाना है, जिसके बाद पांच टी20 मुकाबलों की सीरीज का आयोजन होगा.
टॉस गंवाकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने विराट कोहली और ऋतुराज गायकवाड़ की शतकीय पारियों के दम पर निर्धारित ओवरों में 5 विकेट खोकर 358 रन बनाए. भारत के लिए ऋतुराज गायकवाड़ ने 83 गेंदों में 2 छक्कों और 12 चौकों की मदद से 105 रन की पारी खेली, जबकि विराट कोहली 93 गेंदों में 102 रन बनाकर आउट हुए. उनकी इस पारी में 2 छक्के और 7 चौके शामिल रहे. भारतीय टीम ने 289 के स्कोर तक 5 विकेट गंवा दिए थे. यहां से कप्तान केएल राहुल (66) ने रवींद्र जडेजा (24) के साथ छठे विकेट के लिए 69 रन की अटूट साझेदारी करते हुए टीम को विशाल स्कोर तक पहुंचाया.
इसके जवाब में साउथ अफ्रीकी टीम ने 49.2 ओवरों में मुकाबला अपने नाम कर लिया. साउथ अफ्रीका को 26 के स्कोर पर क्विंटन डी कॉक (8) के रूप में बड़ा झटका लगा. कप्तान टेंबा बावुमा ने एडेन मार्करम के साथ दूसरे विकेट के लिए 101 रन की साझेदारी करते हुए मैच में मेहमान टीम की वापसी कराई. बावुमा 48 गेंदों में 46 रन बनाकर पवेलियन लौटे.
मार्करम ने मैथ्यू ब्रीत्जके के साथ तीसरे विकेट के लिए 70 रन जुटाते हुए टीम को 197 के स्कोर तक पहुंचा दिया. मार्करम 98 गेंदों में 4 छक्कों और 10 चौकों की मदद से 110 रन बनाकर आउट हुए. साउथ अफ्रीका को 45 ओवरों की समाप्ति के बाद जीत के लिए 30 गेंदों में 27 रन की दरकार थी. इस बीच टोनी टी जोरजी (17) हैमस्ट्रिंग इंजरी के बाद रिटायर्ड हर्ट होकर वापस लौट गए.
केशव महाराज (10) उनके स्थान पर बल्लेबाजी के लिए आए और कॉर्बिन बॉश (26) के साथ मोर्चा संभाला. दोनों बल्लेबाजों ने 27 रन की अटूट साझेदारी करते हुए टीम को जीत दिलाई. भारत की तरफ से अर्शदीप सिंह और प्रसिद्ध कृष्णा ने 2-2 विकेट हासिल किया, जबकि हर्षित राणा और कुलदीप यादव ने 1-1 विकेट निकाला.
यह भी पढ़ें: Hardik Pandya: हार्दिक पांड्या के लिए दीवानगी का आलम, फैंस के चलते शिफ्ट करना पड़ा मैच
यह भी पढ़ें: Joe Root: जो रूट ने गाबा में तोड़ा 'घमंड', ऑस्ट्रेलिया में ठोका पहला शतक, 89 साल बाद हुआ ऐसा














