- भारत ने दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर नौवीं बार एशिया कप का खिताब जीता
- तिलक वर्मा ने नाबाद 69 रन बनाकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई और दबाव में टीम संभाली
- भारत की शुरुआत खराब रही, पावर-प्ले में 20 रन पर तीन विकेट गिर गए, लेकिन तिलक-सैमसन ने वापसी कराई
India beats Pakistan: यूएई में रविवार को दुबई के दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में भारत ने रविवार को खेले गए रोमांचक मुकाबले में पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर एशिया कप का खिताब अपनी झोली में डाल लिया. एशिया कप के इतिहास में यह कुल मिलाकर नौवां मौका रहा, जब भारत ने एशिया चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. और जीत के नायक रहे तिलक वर्मा, जिन्होंने 53 गेंदों पर 3 चौकों और 4 छक्कों से नाबाद 69 रन की मैच जिताऊ पारी खेलते हुए पाकिस्तान पर जीत का तिलक लगा दिया. हालांकि, लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत बहुत ही खराब ही, जब उसने पावर-प्ले के शुरुआती ओवरों में ही 20 रन पर 3 विकेट गंवा दिए, लेकिन यहां से अपने छोटे से करियर की अभी तक सर्वश्रेष्ठ पारी खेलने वाले तिलक वर्मा ने पिच पर ऐसा खूंटा गाड़ा कि वह टीम इंडिया को एशिया का किंग बनाकर ही लौटे. विजयी यात्रा में तिलक को पहले एक छौर पर संजू सैमसन (24) और फिर बाद में मुश्किल पलों में लेफ्टी शिवम दुबे (33) से बहुत ही अच्छा साथ मिला. एक समय भारत को आखिरी ओवर में जीत के लिए 10 रन बनाने थे. ऐसे में तिलक ने हारिस रऊफ की दूसरी गेंद पर छक्का जड़ते हुए तमाम दबाव और चिंता रूपी दबाव के बादलों को पूरी तरह खत्म कर दिया. फिर तिलक ने सिंगल लिया, तो चौथी गेंद पर रिंकू ने मिडऑन से चौका जड़कर 2 गेंद बाकी रहते हुए भारत को 5 विकेट और 2 गेंद जीत दिलाते हुए एशिया कप चैंपियन बना दिया.
गिल सस्ते में लौटे, लेकिन गाड़ी पटरी पर लाए तिलक-सैमसन
पिछले मैचों की तरह टेस्ट कप्तान शुभमन गिल भी जोर लगाने के बावजूद भी पावर-प्ले में तीस गज का घेरा नहीं लांघ सके, तो इसी के साथ ही भारत 20 रन पर 3 विकेट गिरने के साथ ही पावर-प्ले की लड़ाई भी हार गया. लेकिन यहां से सैमसन और तिलक वर्मा ने सूझबूझ से बल्लेबाजी करते चौथे विकेट के लिए 57 रन जोड़कर भारत की गाड़ी को फिर से पटरी पर ला दिए.
कप्तान सूर्यकुमार यादव का गलत फैसला?
एक तो शुरुआती मैचों में भारतीय कप्तान का बल्ला नहीं चला, तो दूसरी तरफ यह एकदम समझ से परे रहा कि जब सर्किल के ही ओवर चल रहे थे, तो सूर्यकुमार यादव ने अपने नियमित नंबर चार से प्रोन्नत करते हुए ऊपर आने का फैसला किया. सर्किल के ऊपर से मारने की यादव की कोशिश उन्हें ले डूबी. आफरीदी की गेंद पर कप्तान सलमान आगा ने मिडऑफ पर एक बेहतरीन कैच लिया. और भारत का दूसरा विकेट सिर्फ 10 रन पर ही गिर गया.
खराब शुरुआत, मौके पर पावर नहीं दिखा सके अभिषेक
फाइनल से पहले सभी 6 मैचों में आगे रहकर बॉलरों की धज्जियां उड़ाने वाले अभिषेक शर्मा बड़े मौके पर टीम को पावरफुल शुरुआत नहीं दे सके. और फहीम अशरफ के फेंके दूसरे ओवर की पहली गेंद पर अभिषेक सर्किल के ऊपर से गेंद को उड़ाने की कोशिश में मिडऑन पर हैरिस रऊफ के हाथों लपके गए. और 7 रन पहला विकेट गिरने के साथ ही भारत की शुरुआत भी बिगड़ गई.
पाकिस्तान की मजबूत शुरुआत
इससे पहले, टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तानी टीम को साहिबजादा फरहान और फखर जमान की जोड़ी ने अच्छी शुरुआत दिलाई, लेकिन इसके बाद पाकिस्तानी टीम कुलदीप की फिरकी में फंस गई. साहिबजादा फरहान और फखर जमान की पहले विकेट के लिए 9.4 ओवर में पहले विकेट के लिए 84 रन की साझेदारी की. साहिबजादा फरहान 38 गेंद पर 3 छक्के और 5 चौके की मदद से 57 रन बनाकर आउट हुए. भारत के खिलाफ यह उनका लगातार दूसरा अर्धशतक था. फखर जमान 35 गेंद पर 2 छक्के और 2 चौके की मदद से 46 रन बनाकर आउट हुए.
फिर भारतीय स्पिनरों के सामने किया सरेंडर
इन दोनों के अलावा पाकिस्तान का कोई भी बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों के सामने नहीं टिका. दोनों के आउट होते ही जैसे विकेटों की झड़ी लग गई. पूरी टीम 19.1 ओवर में 146 रन पर सिमट गई. पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज जब क्रीज पर थे, तो ऐसा लग रहा था कि स्कोर 200 के करीब जा सकता है. लेकिन, भारतीय टीम की वापसी स्पिनरों ने जोरदार तरीके से कराई और विपक्षी टीम 150 का आंकड़ा भी नहीं छू सकी. इसकी शुरुआत वरुण चक्रवर्ती ने फरहान का विकेट लेकर की. इसके बाद लाइन लग गई. पाकिस्तान की कमर एक बार फिर कुलदीप यादव ने तोड़ी. कुलदीप ने 4 ओवर में 30 रन देकर 4 विकेट लिए. अक्षर पटेल ने भी बेहतरीन गेंदबाजी की और 4 ओवर में 26 रन देकर 2 विकेट लिए. वरुण च्रकवर्ती ने 4 ओवर में 30 रन देकर 2 विकेट लिए. जसप्रीत बुमराह ने 2 विकेट लिए