IND vs NZ, 2nd Test: कीवियों ने बिल्कुल भी नहीं सोचा होगा कि पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन (Maharashtra Cricket Association Stadium) मैदान पर शुरू हुए दूसरे टेस्ट के पहले दिन ऐसा हाल होगा. निश्चित तौर वर वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) के प्रहार के बाद पहले टेस्ट में शानदार जीत दर्ज करके सीरीज में 1-0 से आगे चल रहे न्यूजीलैंड को पता चल गया होगा कि भारतीय धरती पर क्रिकेट की दुनिया कितनी अलग है या यह कितनी तेजी से बदलती है. पारी की शुरुआत में रविचंद्रन अश्विन ने कप्तान टॉम लैथम को एलबीडब्ल्यू आउट कर जो सुर लगाया,वह वॉशिंगटन के लेफ्टी सैंटनर को आउट करने के साथ खत्म हुआ. और इसी के साथ ही भारतीय स्पिनरों ने वह बड़ा कारनामा इस साल दूसरी बार कर दिखाया, जो इस साल इंग्लैंड के खिलाफ होने से पहले आखिरी बार 1973 में किया गया था, जो भारतीय स्पिनरों की ताकत बताने के लिए काफी है.
यह कारनामा बहुत ही बड़ा है
इस साल मार्च में इंग्लैंड और भारत जब धर्मशाला में सीरीज के आखिरी और पांचवें टेस्ट मैच में भिड़े, तो अश्विन, कुलदीप और जडेजा ने मिलकर पारी के सभी दस विकेट आपस में बांटे थे. भारतीय क्रिकेट में इससे पहले ऐसा 1973 में हुआ था, जब भारतीय स्पिनरों ने इंग्लैंड के खिलाफ सभी दस विकेट लिए थे. मतलब इस कारनामे को अंजाम देने के लिए भारतीय स्पिनरों को 51 साल का समय लगा, लेकिन अब एक बार जब हुआ, तो सात महीने बाद फिर से इस बड़े कारनामे को दोहरा दिया, जो अपने आप में बहुत ही बड़ी बात है. इस रिकॉर्ड का टूटना भी आसान बात नहीं है क्योंकि ऐसे कारनामे प्लान बनाकर नहीं किए जा सकते हैं. ये जब होने होते हैं, तो हो जाते हैं !
अभी तक छह बार हुआ है ऐसा
पहली बार भारतीय स्पिनरों ने किसी टीम के एक पारी में सभी दस विकेट साल 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ चटकाए थे. इसके बाद ठीक चार साल बाद कोलकाता में 1956 में कंगारू बल्लेबाजों का ऐसा हाल किया, तो फिर साल 1964 में चेन्नई में ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों पर भारतीय स्पिनर भारी पड़े. फिर 1973 में इंग्लैंड इसका शिकार हुई. इसके बाद अब साल 2014 में भारतीय स्पिनर एक-एक बार इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के खिलाफ ऐसा कर चुके हैं.