IND vs ENG: "उनके बनाए रनों से ज्यादा नुकसान..." इंग्लैंड के दिग्गज का चौंकाने वाला बयान, इस युवा भारतीय को बताया हार का सबसे बड़ा दोषी

Geoffrey Boycott Big Statement on Yashasvi Jaiswal: भारत को हेडिंग्ले टेस्ट में 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज जेफ्री बॉयकॉट की मानें तो भारतीय गेंदबाजी इस मुकाबले में औसत तो थी ही जायसवाल का कैच छोड़ना टीम की हार का सबसे बड़ा कारण रही.

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Geoffrey Boycott: जेफ्री बॉयकॉट ने यशस्वी जयसवाल को भारत की हार का सबसे बड़ा दोषी बताया

Geoffrey Boycott Statement on Yashasvi Jaiswal: इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पहले मुकाबले में भारत को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा है. टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने इस मुकाबले में पांच शतक लगाए, लेकिन फिर भी भारत मुकाबला जीत नहीं पाया. वहीं अब इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज जेफ्री बॉयकॉट ने भारत की हार पर बड़ा बयान दिया है. जेफ्री बॉयकॉट की मानें तो भारतीय सेकेंड-स्ट्रिंग सीम गेंदबाज़ी साधारण थी. साथ ही उन्होंने युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल को भारत की हार का सबसे बड़ा दोषी बताया है. 

जायसवाल सबसे बड़े दोषी

द टेलिग्राफ में लिखे अपने एक लेख में जेफ्री बॉयकॉट ने भारतीय फील्डिंग को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि जायसवाल के तीन कैच छोड़ना भारत को काफी मंहगा पड़ा. जेफ्री बॉयकॉट ने लिखा,"बुमराह और मोहम्मद सिराज ने सुबह के सत्र में अपना सब कुछ झोंक दिया लेकिन उन्हें कोई विकेट नहीं मिल सका. भारत को इस बात का दुख है कि आखिरी दिन उसके दो सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज एक भी विकेट नहीं ले सके. ऊपर से पूरे मैच में भारतीय कैचिंग ख़राब रही और ग्राउंड फील्डिंग भी ख़राब रही."

जेफ्री बॉयकॉट ने आगे लिखा,"सबसे बड़ा दोषी युवा सुपरस्टार बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल थे जिन्होंने तीन कैच छोड़े. हर कोई एक कैच छोड़ता है लेकिन एक मैच में तीन कैच छोड़ना बहुत महंगा है. उन्होंने दो पारियों में 105 रन बनाए, लेकिन भारत को उनके बनाए रनों से ज्यादा नुकसान हुआ." "जब आप पहली तीन पारियों में 430 रन बनाते हैं तो आप मैच कैसे हार जाते हैं? यदि आप लापरवाह होने के बजाय आत्मसंतुष्ट होकर विकेट दे देते हैं तो यह आसान है."

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गेंदबाजी को भी बताया साधारण

जेफ्री बॉयकॉट ने इस दौरान भारतीय गेंदबाजों को लेकर भी सवाल उठाए और टीम इंडिया की गेंदबाजी को सेकेंड-स्ट्रिंग बताया. जेफ्री बॉयकॉट ने कहा,"भारतीय सेकेंड-स्ट्रिंग सीम गेंदबाज़ी साधारण थी. शार्दुल ठाकुर के पास कोई गति नहीं थी, कोई स्विंग या सीम नहीं थी. यह "खुद की मदद करो" वाली बात थी. बस ढेर सारी "मुझे मारो" गेंदें."

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इंग्लैंड को जीत के लिए आखिरी दिन 350 रन बनाने थे और बेन डकेट और जैक क्रॉली की बल्लेबाजी के चलते उसने आसानी से यह लक्ष्य हासिल कर लिया. भारत की हार में अहम कारण प्रसिद्ध कृष्णा का दोनों पारियों में 6 से अधिक की इकॉनमी से रन भी देना था. जेफ्री बॉयकॉट ने आगे कहा,"अंतिम दिन सुबह के सत्र में प्रसिध कृष्णा काफी शॉर्ट गेंद फेंक रहे थे और उनमें कोई गति नहीं थी. मैंने अपने गोल्फ़ खेल में उसकी गेंदबाज़ी से अधिक ऊर्जा लगाई. दोपहर में यह अलग था जब उसने अपनी पीठ को थोड़ा झुकाया, गेंद को ऊपर उठाया और क्रॉली और ओली पोप को आश्चर्यचकित करते हुए पिच से कुछ ज़िप और निप पाई."

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