इंग्लैंड के खिलाफ रविवार को खत्म हुई टी20 सीरीज (Ind vs Eng) में गीले पटाखे की तरह फिस्स साबित हुए संजू सैसमन (Sanju Samson) औ उनके चाहने वालों के लिए एक और बुरी खबर आ रही है. और यह विकेटकीपर बल्लेबाज चोटिल होकर एक महीने से भी ज्यादा समये के लिए सक्रिय क्रिकेट से बाहर हो गए हैं. इसका मतलब यह है कि अब सैमसन रणजी ट्रॉफी क्वार्टरफाइनल मुकाबले से भी बाहर हो गए हैं. संजू के लिए राहत की बात यह है कि हाल-फिलहाल भारत को कोई टी20 सीरीज नहीं खेलनी है. अगर हाल-फिलहाल कुछ टी20 मैच होते, तो निश्चित तौर पर उनकी जगह के लिए खासी मुश्किल हो गई होती.
यह भी पढ़ें:
Sanju Samson: संजू सैमसन ने जोफ्रा आर्चर के पहले ही गेंद पर छक्का लगाकर सनसनीखेज रिकॉर्ड किया अपने नाम
जानी दुश्मन ने किया वार!
अब यह तो आप जानते ही हैं कि पिछले पांच मैचों से ही उनके और जोफ्रा आर्चर के बीच तनातनी चल रही थी. जोफ्रा के खिलाफ पुल शॉट मानो संजू के लिए नाक का सवाल बन गया था. वह बात अलग है कि वह बार-बार जोफ्रा के खिलाफ विकेट गंवाते रहे, लेकिन अकड़ कम नहीं हुई संजू सैमसन की. जोफ्रा ने अपने राजस्थानी कप्तान का बार-बार शॉर्ट-पिच से नुकसान किया, तो पांचवें और आखिरी मैच में तो आर्चर ने संजू की तर्जनी उंगली ही तोड़ दी. उंगली ही नहीं, आर्चर ने एक तरह से संजू की इगो को भी तोड़ने का काम किया होगा.
इस बड़े मुकाबले से बाहर हुए संजू
खबर यह है कि चोटिल होने के बाद संजू अपने शहर थिरुवनंतपुरम लौट गए हैं. और वह NCA में पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरने के बाद पूरी तरह फिट होने के बाद ट्रेनिंग शुरू करेंगे. लेकिन सक्रिय क्रिकेट में लौटने से पहले संजू को NCA से सर्टिफिकेट लेना होगा.BCCI सूत्र ने बताया, "संजू की तर्जनी उंगली में फ्रैक्चर है. और इसी वजह से पांचवें टी20 में उन्होंने विकेटकीपिंग नहीं की थी. उन्हें चोट से पूरी तरह उबरने में पांच-छह हफ्ते का समय लगेगा. ऐसे में 8-12 फरवरी तक जम्मू-कश्मीर के खिलाफ खेले जाने वाले मुकाबले में खेलने के कोई आसार नहीं हैं. अब ऐसा लग रहा है कि वह आईपीएल में ही वापस लौट पाएंगे."
सीरीज में औंधे मुंह गिरे सैमसन!
भारत सीरीज जीत गया, लेकिन यह सैमसन की नाकामी छिपा गया. शुरू होने से पहले उनसे बहुत ज्यादा उम्मीद की जा रही थी. पंडित कह रहे थे कि वह चैंपियंस ट्रॉफी की अनदेखी का गुस्सा प्रदर्शन में दिखाएंगे, लेकिन हालात ऐसे रहे कि वह औंधे मुंह गिरे. संजू पांच मैचों की इतनी ही पारियों में 10.20 के औसत से सिर्फ 51 रन ही बना सके.