भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) ने कहा है कि टीम इंडिया के मैच से पूर्व के बयान उनकी मैदान के रवैये से मेल नहीं खाते. वीरू ने कहा कि मुझे लगता है कि वे कहते कुछ हैं, करते कुछ हैं. भारतीय टीम के बयान मैदान पर उनके काम से मेल नहीं खाते. संभवत: सहवाग का इशारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट कोहली (Virat Kohli) के उस बयान की तरफ था, जिसमें उन्होंने शिखर धवन और केएल राहुल से पारी शुरू कराने की बात कही थी. वहीं, खिलाड़ियों के रवैये में भी अंतर दिखायी पड़ा और केएल राहुल (KL Rahul) और विराट कोहली (Virat Kohli) ने काफी पहले ही बल्ला भांजने की कोशिश की. अपनी बात को बल देने के लिए सहवाग ने ऋषभ पंत का एक और उदाहरण दिया.
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वीरू बोले कि उन्होंने पहले कहा था कि वे पंत का समर्थन करेंगे, लेकिन विकेटकीपर को वनडे और टी20 से ड्रॉप कर दिया गया. जब पंत ने टेस्ट क्रिकेट में रन बनाए, तो तब उन्होंने कहा कि पंत अब फिट है. इसलिए उनकी टी20 में वापसी हुयी. अब भी मैनेजमेंट यही कह रहा है कि वे दो-तीन मैचों के बाद ही पंत को 'आजादी' से खेलने की इजाजत देंगे. मतलब यह है कि अगर पंत 23 गेंदों पर 21 रन बनाकर आउट हो जाता है, तो वह फिर से उसे बाहर बैठा देंगे. साफ है कि मैनेजमेंट के बयान उनके काम से मेल नहीं खाते.
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वैसे सहवाग ही नहीं, सभी एक बार को उस समय हैरान रह गए थे, जब टॉस के बाद मुरली कार्तिक से बातचीत में विराट ने कहा कि रोहित को इस मैच के लिए आराम दिया गया है. इस मैच में भारत अक्षर पटेल (Axar Patel), युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) और वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) को मिलाकर तीन स्पिनरों के साथ खेला था. इस मैच में रवि शास्त्री एंड कंपनी ने एक अलग कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया, लेकिन यह फैसला पूरी तरह से उलट साबित हुआ.
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