Ind vs Aus: सहवाग को पसंद नहीं आई सूर्यकुमार की यह बात, लेकिन दूसरे मैच के बाद अब वीरू क्या कहेंगे

India vs Australia, 2nd ODI: मैच के बाद एक कार्यक्रम में सहवाग ने कहा,"उन्होंने हमेशा ही मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने में विश्वास किया. वास्तव में मुझे लगता है कि सूर्य को अपने कौशल पर काम करने की जरुरत नहीं है.

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नई दिल्ली:

आखिरकार टी-20 के बादशाह और इस वर्ग में दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) का वनडे में भी अब सुर अच्छी तरह लग गया है. यादव को शुरुआत में प्रबंधन ने नंबर चार पर मौके दिए थे, जिसका वह फायदा उठाने में नाकाम रहे. कोच द्रविड़ समझ गए कि सूर्यकुमार को वनडे में चमकाने के लिए हालात विशेष (स्लगॉग ओवर या कुछ आखिरी ओवर) देने होंगे. और सूर्यकुमार ने मोहाली में पचासा जड़ने के बाद इंदौर में दूसरे वनडे (Ind vs Aus 2nd ODI) में भी लगातार दूसरा शतक जड़कर अपने खेल के स्तर को और ऊंचा कर लिया. सूर्य ने 27 गेंदों पर 6 चौकों और इतने ही छक्कों से बेहतरीन टी20 अंदाज फैंस को दिखाकर मंत्रमुग्ध कर दिया, लेकिन मोहाली में हाल ऐसा नहीं था. यादव ने पहले वनडे में 49 गेंदों पर 50 रन बनाए थे. 

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और हुआ यह कि मैच खत्म होने के बाद सूर्य ने नेट्स पर काफी देर तक बल्लेबाजी की. दूसरे वनडे में आतिशी अंदाज से लगा कि यादव को इसका पूरा-पूरा फायदा भी मिलता दिखा, लेकिन सहवाग को यह बात पसंद नहीं आई. सहवाग से सूर्य की मनोदशा को लेकर सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने करियर में निजी तौर पर कभी ऐसा नहीं किया. बहरहाल, अब देखने की बात यह होगी कि सूर्य की दूसरे वनडे में सफलता के बाद सहवाग अपने तर्क का कैसे बचाव करते हैं

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मैच के बाद एक कार्यक्रम में सहवाग ने कहा,"उन्होंने हमेशा ही मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने में विश्वास किया. वास्तव में मुझे लगता है कि सूर्य को अपने कौशल पर काम करने की जरुरत नहीं है. मुझे इसकी आवश्यकता नहीं पड़ी. जब आप मैदान पर जाते हैं, तो अपना शतक प्रतिशत प्रयास करते हैं. कभी-कभी आप आउट हो जाते हैं, तो यह चिंता की बात नही है. मेरे लिए चीजें ऐसी ही थीं. 

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वीरू बोले कि मुझे समझ नहीं आया कि मैच खत्म होने के बाद वह नेट पर क्यों बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन मेरा मानना है कि आपने मैच विशेष के लिए तैयारी की. आपके पास मौका था. आपने गलती की और आप आउट हो गए. गलती पर ध्यान देते हुए मनोदशा (माइंडसेट) ज्यादा महत्वपूर्ण है. आपका कौशल कहीं नहीं जा रहा. यहां बात मानसिक पहलू की है. सहवाग ने कहा कि यह कुल मिलाकर मनोदशा की बात है. जब आप शॉट खेलते हैं, तो आप क्या सोच रहे थे. क्या यह सही निर्णय था या नहीं? मानसिक ट्यूनिंग ज्यादा अहम है. आपको अपने कौशल पर तब ध्यान देना था, जब आप लगातार तीन मैचों पर शून्य पर आउट हुए थे. अब आप स्कोर बना चुके हैं, तो आपको मानसिक रूप से लयवद्ध होना है.

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अब क्या कहेंगे सहवाग? 

सहवाग की अपनी राय है. और जब कोई दिग्गज कुछ बोलता है, तो उसके मायने हैं. वीरू की मानसिक लय वाली बात सही है, लेकिन सवाल यह है कि अब जबकि पहले मैच के बाद नेट प्रैक्टिस करने वाले सूर्यकुमार यादव ने और बेहतर कर दिया है, तो अब वीरू इस मुद्दे पर क्या कहेंगे? तमाम फैंस और पंडित सहवाग का जवाब जानने कोे बेकरार हैं.

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