World Cup 2023 खिताब जीतने का करोड़ों भारतीय फैंस को सपना चूर हो गया. करीब डेढ़ अरब का देश पिछले कई दिन से टीम रोहित (Rohit Sharma) के विश्व कप जीतने के लिए मंदिरों में हवन, पूजा अर्चना कर रहा था. लेकिन लगातार दस मैच जीतकर फाइनल में पहुंची भारतीय टीम सबसे बड़े मौके पर उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी. और अगर ऐसा हुआ, तो इसके पीछे नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narender Modi Stadium) में कई कारण रहे. चलिए आप वो 5 कारण जान लीजिए, जिसने करोड़ों भारतीयों के सपने को रविवार को चूर-चूर कर दिया
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1. चौथे विकेट की साझेदारी
शुरुआत में भारतीय गेंदबाज दिशा से बहके-बहके दिखाई पड़े और दूसरे ओवर के बाद ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 1 विकेट पर 28 था, लेकिन अगले चंद ओवरों में ही भारत ने 6.6 ओवरों में इस स्कोर को 3 विकेट पर 47 कर दिया. और जब लग रहा था कि भारत को जीत के लिए जरुरी सुगंध मिल गई है, तब सेमीफाइनल के प्लयेर ऑफ द मैच ट्रेविस हेड और लबुशेन के बीच तीसरे विकेट की साझेदारी ने सारा खेल बिगाड़ दिया. और यह भारत के हाथ से खिताब फिसलने की पहली बड़ी वजह बन गया.
2. भारत का कम स्कोर होना
साफ है कि मोदी स्टेडियम में मन के हिसाब से कंगारुओं द्वारा पहले बल्लेबाजी मिलन के बावजूद भारत कंगारुओं को टक्कर देने लायक करीब 40-50 रन दूर रन गया. और अगर ये रन बनते तो ये निश्चित रूप से ऑस्ट्रेलिया टीम पर खासा दवाब बनाते और इस बात ने खासा अंतर पैदा किया.
3. तीन स्टार दहाई का आंकड़ा नहीं छू सके
जहां पिछले सभी मैचों में भारतीय बल्लेबाजों ने लगभग बोनस के साथ प्रदर्शन किया, लेकिन सबसे बड़ी जरूरत के मौके पर उसके तीन बड़े बल्लेबाज दहाई का भी आंकड़ा नहीं छू सके. फाइनल से पहले दो लगातार शतक बनाने वाले श्रेयस अय्यर (4), शुभमन गिल (4) और निचले क्रम में रवींद्र जडेजा (9) दहाई का भी आंकड़ा नहीं छू सके. और बल्लेबाजों की विफलता भारत की हार का तीसरा बड़ा कारण रहा.
4. ट्रेविस हेड बन गए सिर दर्द
शुरुआती पांच मैचों में इलेवन से बाहर रखे गए लेफ्टी ट्रेविस हेड मामनो ऑस्ट्रेलिया के लिए वरदान बनकर लौटे. सेमीफाइनल में ट्रेविस हेड अर्द्धशतकीय पारी (62) और दो महत्वपूर्ण विकेटों के साथ प्लेयर ऑफ द मैच बने, तो फाइनल में उन्होंने इस प्रदर्शन को और ऊंचाई दे दी और वह भारत की जीत के बीच मानो दीवार बनकर खड़े हो गए और उन्होंने लबुशेन के साथ मिलकर भारत को हार की ओर धकेल दिया
5. जरुरत पर विकेट नहीं चटका सके विकेट
फाइनल से पहले तक गेंदों से बड़ों-बड़ों को पानी पिलाने वाले भारतीय गेंदबाज सबसे बड़ी जरुरत के मौके पर एक अदद विकेट नहीं ले सके. और यह विकेट था खासतौर पर ट्रेविस हेड और उनके साथ एक छोर पर धीमी बल्लेबाजी करके साथी का साथ देने वाले लबूशेन का रहा. दस मैचों का प्रदर्शन एक तरफ और सबसे बड़ी जरुरत का समय एक तरफ. और इस बड़ी जरुरत पर विकेट न ले पाने की विफलता भारत की हार का पांचवा बड़ा काण बन गया.