IND vs AUS 4th Test: हरफनमौला अक्षर पटेल (Axar Patel) ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच के चौथे दिन शनिवार को अर्धशतकीय पारी खेलकर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाने के बाद कहा कि इस श्रृंखला के लिए स्पिनरों के खिलाफ योजना बनाकर बल्लेबाजी करना उनके लिए कारगर रहा. बॉर्डर-गावस्कर श्रृंखला (Axar Patel Half Century) में अक्षर अब तक भारत के दूसरे सर्वोच्च स्कोरर रहे. उन्होंने श्रृंखला में तीन अर्धशतकीय पारियों के साथ कुल 264 रन बनाये. उन्होंने नागपुर में 84, दिल्ली में 74 और मौजूदा मैच में 79 रन की पारी खेली. वह इस दौरान अपने पहले टेस्ट शतक के सपने को पूरा नहीं कर सके लेकिन इन तीनों मैचों में उन्होंने शानदार साझेदारियां बनाकर टीम की जीत की नींव रखी.
अक्षर ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ जब हमने नागपुर में शिविर शुरू किया था तो हमें पता था कि हम स्पिन गेंदबाजों के लिए मददगार पिच पर खेलेंगे. मैंने ज्यादा तैयारी नहीं की थी लेकिन स्पिनरों के खिलाफ बल्लेबाजी की बारीकियों पर काम किया. मैंने पगबाधा होने से बचने के लिए लेग स्टंप के बाहर से बल्लेबाजी करने के साथ क्रीज से ज्यादा बाहर नहीं निकलने का फैसला किया था. स्पिन गेंदबाजों के लिए मददगार पिच पर आपके पगबाधा या स्टंप होने की संभावना अधिक होती है.''
अक्षर से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि उन्होंने शतक पूरा करने का तीन मौका गंवा दिया. उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘‘ आप जले पर नमक झिड़क रहे है. मैं जिस तरह से बल्लेबाजी कर रहा था और मैं जानता हूं कि मैंने जो मौके गंवाए वे बार-बार नहीं आते. इन पारियों को बड़े स्कोर में बदलना चाहिये था.'' भारतीय टीम अब अपना अगला टेस्ट संभवत: विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ओवल (लंदन) में खेलेगी. इंग्लैंड की परिस्थितियों में भारतीय टीम शायद एक स्पिनर के साथ उतरे और वह रविन्द्र जडेजा हो सकते है.
अक्षर ने कहा, ‘‘ अंतिम एकादश (डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए) में जगह हासिल करना मेरे हाथ में नहीं है और मैं इस बारे में कुछ नहीं कर सकता. मुझे जो मौके मिल रहे हैं मैं उसमें प्रदर्शन कर रहा हूं और जो मेरे हाथ में है उस पर ध्यान लगा रहा हूं. कोच और कप्तान अंतिम एकादश तय करते हैं और मेरा काम लगातार अच्छा प्रदर्शन करना और एकादश में जगह बनाना है.'' शनिवार की अर्धशतकीय पारी के बारे में अक्षर ने कहा कि टीम की ओर से उन्हें कोई विशेष संदेश नहीं मिला था और सिर्फ सकारात्मक बल्लेबाजी करने के लिए कहा गया था.
उन्होंने कहा, ‘‘ जब मैं विराट भाई (कोहली) के साथ बल्लेबाजी कर रहा था तो टीम की तरफ से कोई खास संदेश नहीं था. विराट भाई ने मुझसे कहा कि मैं अपनी तरह सकारात्मक होकर खेलना जारी रखूं. जब हमने क्रीज पर समय बिता लिया तब गेंदबाजों को पिच से भी ज्यादा मदद नहीं मिल रही थी.'' उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा अर्धशतक पूरा होने के बाद विराट भाई भी कह रहे थे कि मैं बड़ा स्कोर करने की सोच सकता हूं क्योंकि दिन के खेल में 22 ओवर बाकी थे. उस समय तक पारी घोषित करने की कोई योजना नहीं थी.
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