"यहां-वहां से जो मैं सुन रहा हूं..." हरभजन सिंह ने अश्विन के संन्यास को लेकर दिया चौंकाने वाला बयान

Harbhajan Singh on Ravichandran Ashwin: भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ब्रिसबेन के गाबा में हुए सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच के ड्रॉ होने के बाद सबको हैरान करते हुए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है. अश्विन के संन्यास के बाद हरभजन सिंह ने उनके फैसले पर रिएक्शन दिया है.

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Ravichandran Ashwin: हरभजन सिंह ने अश्विन के संन्यास को लेकर टीम मैनेजमेंट की इस रणनीति की तरफ किया इशारा

Harbhajan Singh on Ravichandran Ashwin Retirement: भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ब्रिसबेन के गाबा में हुए सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच के ड्रॉ होने के बाद सबको हैरान करते हुए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है. अश्विन के इस फैसले से सभी हैरान रह गए क्योंकि यह फैंस के लिए अप्रत्याशित था. अश्विन को सीरीज के पहले टेस्ट में भारत की प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया था और उनके संन्यास के बाद कई दिग्गजों का अनुमान है कि टीम मैनेजमेंट के इस फैसले के बाद उनके लिए संन्यास लेने का फैसला आसान हो गया. पर्थ टेस्ट के बाद एडिलेड में खेले गए डे-नाईट टेस्ट मैच के लिए उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह मिली थी और यही भारत के लिए उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला रहा.

अश्विन का हालिया प्रदर्शन, टीम में उनकी जगह, उम्र, फिटनेस और उभरते खिलाड़ी, कुछ ऐसे कारण हैं जिन्होंने संभवतः अश्विन के फैसले को प्रभावित किया होगा. भारत के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह से अश्विन के फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि यह एक बड़ा झटका था. लेकिन, जब टर्बनेटर को अजीत अगरकर की चयन समीति के इंग्लैंड टेस्ट चयन के प्लान के बारे में पता चला तो उनके सामने तस्वीर साफ हो गई.

दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए अश्विन के संन्यास को लेकर हरभजन से जब पूछा गया कि एक खिलाड़ी के रूप में यह निर्णय कितना मुश्किल होता है, इसके जवाब में हरभजन सिंह ने कहा,"मैंने जब संन्यास लिया था तो मैं टीम से बाहर था. लेकिन हर खिलाड़ी के लिए यह निर्णय बहुत ही मुश्किल होता है, लेकिन टीम में रहते हुए संन्यास का फैसला कितना मुश्किल होगा, यह तो केवल आर अश्विन जानते हैं, या फिर वो खिलाड़ी जिन्होंने टीम में रहते हुए संन्यास लिया है. लेकिन जहां तक मुझे जानकारी मिली है, भारतीय टीम को घर में टेस्ट क्रिकेट अलगे साल अक्टूबर में खेलना है और उससे पहले इंग्लैंड के साथ पांच मैच खेलने हैं."

हरभजन ने आगे कहा,"जब आपके इतने अच्छे रिकॉर्ड हों, आपके नाम इतने विकेट हों और विदेशी दौरे पर जब आपको अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया जाता है तो कहीं ना कहीं खिलाड़ी के दिमाग में आता है कि मैंने और क्या साबित करना है. यहां-वहां से जो मैं सुन रहा हूं, शायद अश्विन के जहन में हो कि अब उनकी जगह वाशिंगटन सुंदर को तरजीह दी जाएगी. पांच मैच इंग्लैंड में खेलने हैं, जहां दो स्पिनर ही जाएंगे, वो स्पिनर कौन होंगे, तो बहुत सारी चीजें उनके दिमाग में चल रही होंगी. मैं बस इतना कह सकता हूं कि यह निर्णय उनके लिए इतना आसान रहा नहीं होगा."

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वहीं हरभजन ने अश्विन के संन्यास के फैसले को लेकर कहा,"मैं उनके निर्णय से स्तब्ध हूं. इतना बड़ा निर्णय चलती सीरीज के बीच में आना निश्चित रूप से हैरान करने वाला है. शायद हम उन्हें सिडनी और मेलबर्न में देखने की उम्मीद कर रहे थे. क्योंकि यहां पर स्पिनरों की भूमिका काफी अहम होती है, लेकिन हमें उनके निर्णय का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने बहुत सोच समझकर यह निर्णय लिया होगा. वह बहुत बड़े गेंदबाज हैं. उनकी उपलब्धियों को मैं सैल्यूट करता हूं. वह मैच विनर गेंदबाज रहे हैं और बहुत मैच उन्होंने भारत के लिए जीते हैं. मैं उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं. आपका आने वाला भविष्य क्रिकेट के मैदान से भी बेहतर हो, यही दुआ है."

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बता दें, अश्विन टेस्ट क्रिकेट में अनिल कुंबले के बाद भारत के दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ के तौर पर संन्यास ले रहे हैं. उन्होंने भारत के लिए कुल 106 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 24 की औसत से 537 विकेट लिए. अश्विन ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के दौरान भारत के पहले तीन टेस्ट मैचों में से सिर्फ़ एक ही टेस्ट (डे-नाइट टेस्ट) खेला, जिसमें उन्होंने 53 रन देकर एक विकेट लिया था.

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इससे पहले अश्विन भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच हुई टेस्ट सीरीज़ का हिस्सा थे, जहां भारत को 0-3 से क़रीब शिक़स्त झेलनी पड़ी थी. उस सीरीज़ में अश्विन का प्रदर्शन काफ़ी ख़राब रहा था. उन्होंने तीन टेस्ट मैचों में 41.2 की औसत से सिर्फ़ नौ विकेट लिए थे. अश्विन विदेशी दौरों पर भारतीय टेस्ट एकादश का नियमित हिस्सा नहीं रहते हैं और भारत की अगली घरेलू सीरीज़ अगले साल नवंबर में है. उसके पहले भारत को इंग्लैंड गर्मियों के दौरान जाना है.

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अश्विन के नाम छह टेस्ट शतक और 14 अर्धशतकों के साथ 3503 टेस्ट रन भी हैं और वह 300 विकेट व 3000 रन का डबल करने वाले दुनिया के सिर्फ़ 11वें ऑलराउंडर हैं. उनके नाम मुथैया मुरलीधरन के बराबर सर्वाधिक 11 प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ अवॉर्ड हैं. अगर वनडे क्रिकेट की बात की जाए तो उनके नाम 116 मैचों में 33 की औसत और 4.93 की इकॉनमी से 156 विकेट हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/25 रहा है. उन्होंने वनडे में एक अर्धशतक की मदद से 707 रन बनाए हैं जबकि टी20 में उन्होंने 65 मैचों में 6.90 की इकॉनमी और 23 की औसत से 72 विकेट लिए हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/8 का रहा है.

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