- कपिल देव ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने सेमीफाइनल में अच्छा प्रदर्शन किया है और उनके पास अनुभव का फायदा है
- भारतीय खेलों की मानसिकता में पिछले 15-20 वर्षों में काफी सकारात्मक बदलाव आया है जो टीम के लिए फायदेमंद है
- महिलाओं के क्रिकेट में भारत की टीम ने पिछले दस सालों में शानदार प्रदर्शन किया है
NDTV से EXCLUSIVE इंटरव्यू में बात करते हुए वर्ल्ड कप विजेता कप्तान कपिलदेव अगर कहते हैं कि सेमीफाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी है तो उसकी कई वजहें हैं. मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 11 में से 9 सेमीफाइनल मैच जीते हैं और 7 बार फाइनल जीतकर खिताब अपने नाम किया है. लेकिन कपिल देव भारत के जीतने की सूरत से भी इंकार नहीं करते. NDTV कंसल्टिंग एडिटर रिका रॉय से बात करते हुए कपिलदेव ने सेमीफाइनल के कई समीकरणों को लेकर भारतीय जीत की उम्मीद भी जताई.
सवाल- सबसे पहले यह बतायें कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते समय किस तरह की मानसिकता रखनी चाहिए?
कपिल देव- मेरा मानना है कि ऑस्ट्रेलिया एक बहुत ही खेल-प्रेमी देश है. वहां के लोग सौ सालों से खेलों को प्राथमिकता देते हैं. तो आपको अपना माइंडसेट बदलना होगा. लेकिन मुझे लगता है कि पिछले 15-20 सालों में भारतीय खेलों की मानसिकता में जबरदस्त बदलाव आया है. अब माता-पिता भी मानने लगे हैं कि हमारे बच्चे भी यह कर सकते हैं - और इसी सोच के साथ बदलाव शुरू हुआ.
सवाल- अगर हम महिलाओं के क्रिकेट की बात करें - इस बार वर्ल्ड कप भारत में हो रहा है, स्टेडियम खचाखच भरे हैं. सिर्फ लड़कियां नहीं बल्कि लड़के भी बड़ी संख्या में आ रहे हैं. यह वर्ल्ड कप भारत के छोटे बच्चों के लिए क्या प्रेरणा देगा?
कपिल देव- जब भी आप कोई बड़ा टूर्नामेंट जीतते हैं या अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो अगली पीढ़ी उस पर गर्व करती है. भारत की महिला टीम पिछले 10 सालों से शानदार क्रिकेट खेल रही है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि लड़कियां इतने बेहतरीन कैच लेंगी या इतने छक्के मारेंगी. अब बच्चे उन्हें देखकर प्रेरित हो रहे हैं और खेल को करियर बनाना चाहते हैं.
सवाल- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते समय 'गेम अवेयरनेस' की बात बहुत होती है. लोग कहते हैं कि जैसे ही आप गलती करते हैं, ऑस्ट्रेलिया पलटवार करता है. इसे आप कैसे देखते हैं?
कपिल देव- उनके पास बेहद मजबूत मानसिकता है. बचपन से ही वे खेलों में सक्रिय रहते हैं - सिर्फ क्रिकेट नहीं, हर खेल में. जब आपका दिमाग खेल-पर केंद्रित होता है, तो प्रदर्शन अलग स्तर का होता है. यह 'क्रिकेट माइंड' नहीं बल्कि 'स्पोर्ट्स माइंड' होता है. यही फर्क ऑस्ट्रेलिया को आगे रखता है - सोचने और खेलने के अंदाज में.
सवाल- क्या आपके कोई पसंदीदा खिलाड़ी है, इस भारतीय टीम में, जिन्हें आप विशेष रूप से फॉलो करते हैं?
कपिल देव- नहीं, मुझे नहीं लगता किसी एक खिलाड़ी को अलग से देखना उचित नहीं है. टीम तभी जीतती है जब सभी योगदान देते हैं. हां, एक-दो खिलाड़ी 'गेमचेंजर' हो सकते हैं, लेकिन अंत में सबको मिलकर ही जीत दिलानी होती है.
सवाल- अब बात करते हैं कप्तान हरमनप्रीत कौर की. 2017 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जो शानदार पारी खेली थी, उसने महिला क्रिकेट की धारणा बदल दी. क्या इस बार भी सबकी नजर उन पर रहेगी?
कपिल देव- हरमन में वह काबिलियत है. कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो बड़े मौकों पर खुद को साबित करते हैं- जैसे सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, धोनी, युवराज सिंह, विराट कोहली, रोहित शर्मा. हरमन भी उन्हीं में से एक हैं, जो सही समय पर मैच जिता सकती हैं. लेकिन मैं उन पर ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहूंगा, वह पहले से ही एक मैचविनर हैं.
सवाल- ऑस्ट्रेलिया के लिए यह मैच कितना चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि दर्शक पूरी तरह भारत के समर्थन में होंगे?
कपिल देव- मुझे नहीं लगता कि उन्हें इससे अंतर पड़ेगा. वे इतने लंबे समय से खेल रहे हैं कि उन्हें भीड़ से फर्क नहीं पड़ता. बल्कि हमारे खिलाड़ियों पर थोड़ा दबाव रह सकता है. क्योंकि, घर में खेलने पर उम्मीदें बहुत बढ़ जाती हैं. हर कोई यही कहता है 'जीतना ही है.' यहां तक कि आप चाय पीने जाएं या बाजार जाएं, हर जगह लोग यही बात करते हैं. मीडिया और सोशल मीडिया भी लगातार दबाव बढ़ाते हैं. इसलिए खिलाड़ियों को बस अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन करना होगा.
सवाल- एक आखिरी सवाल, भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, जीतने की संभावना किसकी ज्यादा लगती है?
कपिल देव- अनुभव के आधार पर और वो जिस तरह से क्रिकेट खेलते हैं यकीनन ऑस्ट्रेलिया के पास थोड़ी बढ़त है. लेकिन उस दिन आप कैसा प्रदर्शन करते हैं इसपर नतीजा निर्भर करता है. फाइनल में जो टीम अच्छा खेलेगी वही जीतेगी.
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