Champions Trophy 2025 : भारत-पाकिस्तान विवाद के बीच अब इस फॉर्मेट में खेला जा सकता है टूर्नामेंट- रिपोर्ट

Champions Trophy 2025, टूर्नामेंट को लेकर कहा जा रहा है कि 'हाइब्रिड' फॉर्मूला के तहत ही खेला जाएगा. जिसके तहत भारत के मैच दुबई में खेल सकता है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.

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Champions Trophy 2025

Champions Trophy 2025 : चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है और टूर्नामेंट के शेड्यूल पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है. भारत ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए पाकिस्तान जाने से इंकार कर दिया, जिससे इस बात पर बड़ी चर्चा हुई कि आईसीसी इस स्थिति से कैसे निपटेगी. टूर्नामेंट को लेकर कहा जा रहा है कि 'हाइब्रिड' फॉर्मूला के तहत ही खेला जाएगा. जिसके तहत भारत के मैच दुबई में खेल सकता है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. जबकि दिसंबर में ICC की बैठक होनी थी, लेकिन आगे के तरीके को लेकर असहमति के कारण इसे स्थगित करना पड़ा. वहीं. अब क्रिकबज के रिपोर्ट के अनुसार,  देरी होने के कारण चैंपियंस ट्रॉफी को अब वनडे फॉर्मेट से बदलकर टी20 फॉर्मेंट में कर दिया जा सकता है. 

रिपोर्ट में कहा गया है, "यदि विवाद जारी रहता है, तो यह असंभव नहीं है कि चैंपियंस ट्रॉफी के वनडे फॉर्मेट में बदलाव कर इसे टी-20 फॉर्मेट में तब्दील कर दिया जाए.  टी-20 फॉर्मेट में बदलने का फैसला किया जा सकता है. जो कि वनडे की तुलना में अधिक आसान और तेज है, जो तेजी से अपनी प्रासंगिकता खो रहे हैं.

वहीं, अगर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाले 50 ओवर के कार्यक्रम के आयोजन के तरीके पर गतिरोध के कारण आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से हटने का फैसला करता है, तो उसे राजस्व घाटे, मुकदमों का सामना करना पड़ सकता है और उसके ऊपर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलगाव का भी खतरा बन सकता है. 

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चैंपियंस ट्रॉफी से हटने पर पाकिस्तान को होगा भारी नुकसान

आईसीसी की प्रतियोगिताओं के आयोजन से जुड़े एक वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासक ने बुधवार को पीटीआई को बताया कि अगर आईसीसी और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) हाइब्रिड मॉडल को पूरी तरह से स्वीकार करने से इनकार करते हैं तो पीसीबी के लिए टूर्नामेंट से हटने का फैसला करना आसान नहीं होगा. इस अधिकारी ने कहा,‘‘ पाकिस्तान ने न केवल आईसीसी के साथ मेजबानी से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, बल्कि इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले अन्य सभी देशों की तरह उसने आईसीसी के साथ सदस्यों की अनिवार्य भागीदारी से संबंधित समझौते (एमपीए) पर भी हस्ताक्षर किए हैं. ''

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उन्होंने कहा,‘‘आईसीसी की प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए एमपीए पर हस्ताक्षर करने के बाद ही कोई सदस्य देश आईसीसी प्रतियोगिताओं से होने वाली कमाई का हिस्सा पाने का हकदार होता है. अधिकारी में कहा,‘‘सबसे महत्वपूर्ण बात किया है कि आईसीसी ने अपनी सभी प्रतियोगिताओं के लिए प्रसारक से समझौता किया है जिसमें उसने गारंटी दी है कि चैंपियंस ट्राफी सहित आईसीसी की प्रतियोगिताओं में उसके सभी सदस्य देश भाग लेंगे.''

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आईसीसी पिछले सप्ताह चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हाइब्रिड मॉडल से करवाने पर सहमति हासिल करने में सफल रहा था.इसके अनुसार भारत अपने मैच दुबई में खेलेगा। इसके अलावा आईसीसी की 2027 तक होने वाली प्रतियोगिताओं में यह व्यवस्था बरकरार रहेगी.  इसकी हालांकि अभी तक औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. अगर यह समझौता हो जाता है तो इसका मतलब होगा कि पाकिस्तान 2027 तक होने वाली आईसीसी प्रतियोगिताओं के लिए भारत का दौरा करने के लिए बाध्य नहीं होगा. (भाषा के इनपुट के साथ)

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