- पिछले वर्ष न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर मिली तीन मैचों में 0-3 की हार गौतम गंभीर को आज भी याद रहती है.
- यह हार भारत की घरेलू टेस्ट सीरीज में 12 सालों में पहली थी औरवर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में नकारात्मक प्रभाव डाला.
- गंभीर ने खिलाड़ियों को कहा है कि भले ही भविष्य देखें लेकिन अतीत की हार की याद रखना आवश्यक और सीखने योग्य है.
Gautam Gambhir on India vs New Zealand Test Series: पिछले साल न्यूजीलैंड के हाथों घरेलू मैदान पर मिली 0-3 की हार आज भी भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर को कचोटती है और वह नहीं चाहते कि उनके खिलाड़ी भविष्य की तैयारी करते हुए टेस्ट मैचों में मिली उस करारी शिकस्त हार को भूल जाएं. यह घरेलू सरजमीं पर 12 साल में भारत की टेस्ट सीरीज में पहली हार थी. इस टेस्ट सीरीज से पहले भारतीय टीम आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 के फाइनल में पहुंचने की प्रवल दावेदार थी, लेकिन इस सीरीज में मिली हार के बाद उसकी संभावनाओं को करारा झटका लगा था. इसके बाद भारत को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज में 4-0 से जीत दर्ज करनी थी, जो टीम इंडिया नहीं कर पाई. भारत फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थी.
'कभी नहीं भूल पाउंगा यह हार'
दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में भारत और वेस्टइंडीज के बीच सीरीज का दूसरा टेस्ट खेला जा रहा है. इस टेस्ट के दौरान गंभीर का एक इंटरव्यू दिखाया गया. गंभीर ने 'जियोहॉटस्टार' से न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली हार पर कहा,"मैं अगर ईमानदारी से और दिल से कहूं, तो मुझे नहीं लगता कि अपने कोचिंग कार्यकाल में मैं इसे कभी भूल पाऊंगा."
गंभीर ने आगे कहा,"मुझे इसे भूलना भी नहीं चाहिए. मैंने खिलाड़ियों से भी यही कहा है कि आगे देखना जरूरी है, लेकिन कभी-कभी अतीत को याद रखना भी ज़रूरी होता है." इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा,"सबने सोचा था कि हम न्यूजीलैंड को हरा देंगे. ड्रेसिंग रूम में हमें बार-बार याद दिलाना होगा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ क्या हुआ था."
ऑस्ट्रेलिया दौरे की यह सीरीज दिग्गज रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के लिए आखिरी सीरीज साबित हुई. अश्विन ने इस सीरीज के दौरान जबकि रोहित और कोहली ने इसके बाद खेल के लंबे प्रारूप को अलविदा कह दिया.
विदेशी धरती पर जीत जरूरी
इस दौरान गौतम गंभीर ने विदेशी सरजमीं पर जीतने की बात पर जोर देते हुए कहा कि अगर कोई टीम सचमुच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीतना चाहती है तो उसे ना सिर्फ घरेलू सरजमीं पर बल्कि विदेशी धरती पर भी जीतना होगा. गंभीर ने कहा,"चाहे आप दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनना चाहें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. मुझे नहीं लगता कि सिर्फ घरेलू मैदान पर दबदबा बनाना ही महत्वपूर्ण है. मुझे लगता है कि घर से बाहर दबदबा बनाना भी उतना ही जरूरी है और इस युवा टीम ने यही समझदारी दिखाई है."
भारत ने हाल ही में शुभमन गिल की अगुवाई में इंग्लैंड का दौरा किया था और यह टीम इंडिया 2-2 से पांच मैचों की एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी ड्रॉ करवाने में सफल हुई थी. इंग्लैंड की सफलता को लेकर गंभीर ने कहा,"इंग्लैंड दौरा शायद हमारे लिए सबसे कठिन परीक्षा थी. एक युवा, अनुभवहीन टीम ने इंग्लैंड में जाकर प्रदर्शन किया. नतीजा महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि जिस तरह से उन्होंने हर दिन संघर्ष किया, वह मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण था."
गंभीर ने आगे कहा,"इसलिए, मैं इस बात में ज्यादा यकीन नहीं रखता कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में क्वालिफाई करने के लिए हमें घरेलू मैदान पर दबदबा बनाना होगा. क्योंकि अगर आप सिर्फ घरेलू मैदान पर ही दबदबा बना रहे हैं तो आप विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीतने के हकदार नहीं हैं."
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