"अब वह युवा नहीं हैं और..."पिछले बॉलिंग कोच म्हांब्रे ने दी गंभीर को शमी से जुड़ी यह बड़ी सलाह

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पूर्व बॉलिंग कोच की सलाह के बाद देखना होगा कि नए हेड कोच शमी को लेकर क्या नजरिया अपनाते हैं
नई दिल्ली:

पिछले काफी दिनों से चोट से उबरने की प्रक्रिया में जुटे और पिछले साल भारत में खेले गए विश्व कप से अपना कद कहीं ऊंचा करने वाले पेसर मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) इन दिनों सक्रिय क्रिकेट से दूर हैं. कब उनकी वापसी हो पाएगी, अभी कुछ भी साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता, लेकिन टीम इंडिया (Team India) के नए हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने उन्हें लेकर बड़ा इशारा कर दिया है. वहीं, हाल ही में शमी ने इंस्टाग्राम पर कुछ अपनी तस्वीरें पोस्ट की थीं, जिसमें वह खासी मेहनत करते दिख रहे हैं, लेकिन हालिया समय तक बॉलिंग कोच रहे पारस म्हांब्रे का मानना है कि गौतम को शमी के साथ बैठकर उनके भविष्य के बारे में फैसला लेना चाहिए. शमी 33 साल के हैं और यह सही है कि यहां से देखना होगा कि फिटनेस उनकी गाड़ी को कितना धकेल पाती है. वहीं, महांब्रे का यह भी मानना है कि इस साल के आखिर में गावस्कर-बॉर्डर ट्रॉफी से पहले शमी को कुछ मैच खेलना चाहिए.

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हालिया सालों में टीम इंडिया की सफलता में बहुत ही अहम भूमिका निभाने वाले पारस म्हांब्रे ने कहा कि नए स्टॉफ को शमी से बात करनी चाहिए और उनसे बात करनी चाहिए कि वह यहां से क्या करना चाहते हैं. अब वह युवा नहीं हैं. ऐसे में सवाल यह है कि शमी कहां फिट होते हैं और वह कितने और साल खेलने की ओर निहार रहे हैं. आप उनका कितनी चतुराई से इस्तेमाल करते हैं? पूर्व बॉलिंग कोच ने कहा कि मुछे पूरा भरोसा है कि जो भी गंभीर के साथ आएगा, वह वह जरूर  इसका आंकलन करेगा कि वह कैसे शमी का सर्वश्रेष्ठ हासिल कर सकते हैं. 

उन्होंने कहा कि अगर ध्यान अब पूरी तरह से टेस्ट पर है, तो नए बॉलिंग कोच को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह शमी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी सर्वश्रेष्ठ लय में हों. हालांकि, यह इस पर निर्भर करेगा कि शमी क्या चाहते हैं और उनका शरीर किस स्थिति में है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले शमी को कुछ मैच खेलने की जरुरत है क्योंकि विश्व कप के बाद वह लंबा ब्रेक ले चुके हैं.

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म्हांब्रे ने इंगित किया कि शमी की जरुरत तो इंगित किए जाने की जरुरत है कि भारत को उनकी बतौर विकेट-टेकर जरुरत या या फिर फिन्हें मजबूत गेंदबाजी दल बनाने के लिए ही टीम में जगह देनी है. शमी 64 टेस्ट मैचों में 229 विकेट चटका चुके हैं और उन पर बहुत कुछ निर्भर करता है. इसी बीच कई युवा पेसरों का और तेजी से उभार हुआ है. ऐसे में पारस का कहना है कि अगर पेसरों के समूह में शमी को कोई तय भूमिका दी जाती है, तो इससे इससे सभी गेंदबाजों को फायदा होगा. 

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