Interesting Facts for Marvan Atapattu: श्रीलंकाई क्रिकेट ने खेल के कई दिग्गज खिलाड़ी दिए हैं. मुथैया मुरलीधरन, कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने, सनथ जयसूर्या और अर्जुन रणतुंगा. इन खिलाड़ियों ने अपने परफॉर्मेंस से विश्व क्रिकेट को हैरान किया था. इन श्रीलंकाई क्रिकेटरों को ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम की कैटेगरी में गिना जाता है. लेकिन इन सबके अलावा एक ऐसा खिलाड़ी भी है जिसने श्रीलंकाई क्रिकेट के लिए कुछ ऐसा कमाल किया है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. ऐसे ही एक खिलाड़ी थे मार्वन अटापट्टू, जो श्रीलंका के पूर्व कप्तान रहे थे, जिन्होंने अपनी कप्तानी में 2004 में श्रीलंकाई टीम को एशिया कप का खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. (Marvan Atapattu)
मार्वन अटापटू ने करियर के पहले 6 साल तक सिर्फ 1 रन बनाए थे
श्रीलंका के पूर्व कप्तान मार्वन अटापट्टू (Marvan Atapattu) ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू 1990 में भारत के खिलाफ टेस्ट खेलकर किया था. अपने पहले ही टेस्ट मैच में अटापटू की किस्मत ने उन्हें धोखा दे दिया औऱ दोनों पारियों में बिना रन बनाए आउट हुए. पहले टेस्ट मैच में फ्लॉप होने के बाद अटापट्टू को टीम से बाहर होना पड़ा था. करियर में मार्वन अटापट्टू को दूसरा टेस्ट मैच खेलने का मौका 2 साल के बाद मिला. अपने टेस्ट करियर के पहले 17 पारियों के दौरान अटापट्टू 6 पारियों में शून्य पर आउट हुए थे.
2 साल के बाद 1992 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलंबो टेस्ट में अटापट्टू को फिस से मौका मिला लेकिन यहां पर भी इस श्रीलंकाई खिलाड़ी की किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया. अपने करियर के दूसरे टेस्ट में अटापट्टू पहली पारी में शून्य पर तो वहीं दूसरी पारी में केवल 1 रन ही बना सके थे. यहां से ऐसा लगने लगा था कि अटापट्टू का करियर खत्म हो जाएगा. लेकिन मार्वन अटापट्टू ने हिम्मत नहीं हारी. इसके बाद साल 1996 में अटापट्टू का करियर परवान चढ़ा. 1996 में मिले मौके पर अटापट्टू खड़े उतरे और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
18वें टेस्ट में जड़ा पहला शतक
मार्वन अटापट्टू ने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक 18वें टेस्ट में जड़ने में सफल रहे थे. 1997 में मोहाली टेस्ट मैच में अटापट्टू ने पहला शतक जमाने का कमाल किया. पहला टेस्ट शतक जमाने के बाद से श्रीलंका का यह बल्लेबाज लगातार श्रीलंकाई टीम का सदस्य बन गया. 1997-98 के सीजन में अटापट्टू ने 695 रन टेस्ट में बनाए थे, उस दौरान वो श्रीलंका की ओर से टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज बने थे.
करियर में जमाए 6 दोहरा शतक
अट्टापट्टू ने इंटरेनशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के कई साल बाद अपने दोहरे शतकों के बारे में बात करते हुए उन्होंने खुद को लालची बल्लेबाज बताया. Cricket Monthly को दिए अपने इंटरव्यू में अट्टापट्टू ने कहा, "जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं कि मैंने कैसे दोहरे शतक बनाए, तो ऐसा कुछ कारणों से हुआ. एक है बल्लेबाजी का आनंद लेना, आप मैदान पर कितना समय बिताना चाहते हैं.. और दूसरी बात है लालच.मेरे मामले में, अपने करियर की शुरुआत में मैंने जितने भी शून्य बनाए, मैंने सोचा कि अगर मुझे शुरुआत मिलती है, तो मुझे इसका पूरा फायदा उठाना चाहिए, और बड़ी पारी खेलनी चाहिए."
विवाद में भी रहे, चयनकर्ताओं को कह दिया था जोकर के नेतृत्व में कठपुतली
श्रीलंकाई क्रिकेट में भी उनका विवादों से सामना हुआ, उनकी अपने करियर के दौरान चयनकर्ताओं के साथ कई बार लड़ाई हुई..अपने करियर के अंतिम चरण में उन्होंने श्रीलंका के 2007-08 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान चयनकर्ताओं को "एक जोकर के नेतृत्व में कठपुतली" तक कह दिया था. उन्होंने उस दौरे पर होबार्ट टेस्ट के आखिरी दिन इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी.
इंटरनेशनल क्रिकेट में बनाए 14000 से भी ज्यादा रन
टेस्ट में अटापट्टू ने 90 मैच खेलकर 5502 रन बनाए जिसमें 16 शतक और 17 अर्धशतक शामिल रहे. टेस्ट में उनका औसत 37.52 का रहा. टेस्ट में इस बल्लेबाज ने 6 बार दोहरा शतक जमाने का कमाल किया. इसके बाद वनडे में भी अटापट्टू श्रीलंका के बल्लेबाजी की धार रहे. वनडे में 268 मैच खेलकर इस श्रीलंकाई बल्लेबाज ने 8529 रन बनाए जिसमें 11 शतक और 59 अर्धशतक शामिल रहा था.
मार्वन अटापट्टू ने अपने करियर में 2 टी-20 इंटरनेशनल मैच भी खेले और 5 रन बनाए. अटापट्टू ने अपना आखिरी टेस्ट मैच साल 2007 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होबार्ट में खेला तो वहीं आखिरी वनडे मैच 2007 में भारत के खिलाफ खेला था.