Monty Panesar hits out at Gambhir: इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर ने टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को लेकर बड़ी बात कह दी है. इस सरदार ने कहा कि ऐसा लगता है कि टीम गौतम को गंभीरता से लेती नहीं दिखाई पड़ रही. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुई 3-1 से हार के बाद गंभीर अपनी कोचिंग शैली को लेकर आलोचकों के निशाने पर हैं.हाल ही में पनेसर ने भारत के हालिया प्रदर्शन का आंकलन किया और उन्होंने महसूस किया कि गंभीर पर ज्यादा ही वर्कलोड है. और गौतम को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में अपने खराब रिकॉर्ड के कारण टीम से सम्मान मिलना मुश्किल हो सकता है.
यह भी पढ़ें: "वे क्या कर रहे थे..." सुनील गावस्कर ने भारत की हार के बाद गौतम गंभीर और उनके स्टाफ पर उठाए सवाल
उन्होंने एक अखबार से बातीच में कहा, "मैं ऐसा सोचता हूं. मुझे ऐसा लगता है कि हो सकता है कि गंभीर पर कुछ ज्यादा वर्कलोड हो. वह कुछ दिन पहले ही कोच की भूमिका में आए हैं", पूर्व लेफ्टी स्पिनर ने कहा, "कभी-कभी कुछ सीनियर खिलाड़ियों के लिए मुश्किल हो सकता है जो वास्तव में सोच रहे होंगे कि कुछ दिन पहले ही मैं इनके साथ टीम का सदस्य था. और अब यह हमें सिखा रहा है कि क्रिकेट कैसे खेली जाती है. यह बदलाव खासा मुश्किल हो सकता है. साथ ही, गौतम का ऑस्ट्रेलिया और इंगलैंड में खुद का रिकॉर्ड भी अच्छा नहीं है." पनेसर ने आगे लीडेंज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण को टेस्ट, तो गंभीर को व्हाइट-बॉल टीम का कोच बनाने की बात कही.
उन्होंने कहा, "ऑस्ट्रेलिया में गंभीर का औसत 23 का है. कुच ऐसा ही हाल इंग्लैंड का भी है. उन्होंने स्विंग होती गेंदों को अच्छी तरह नहीं खेला. मुझे लगता है कि सेलेक्टर्स सोच रहे होंगे,"क्या बतौर कोच गौतम इसे गंभीरता से ले रहे हैं या हमें उन्हें व्हाइट-बॉल फॉर्मेट पर ध्यान केंद्रित करने देना चाहिए. या फिर हमें टेस्ट में उदाहरण के लिए वीवीएस लक्ष्मण को लाना चाहिए. या गौतम की मदद के लिए लक्ष्मण को बैटिंग कोच के रूप में लाना चाहिए. लक्ष्मण राहुल द्रविड़ की तरह हैं, जो हर हालात में सफल रहे हैं." पनेसर का मानना है कि खिलाड़ी स्वाभाविक रूप से लक्ष्मण की सलाह सुनेंगे क्योंकि वह शानदार टेस्ट रिकॉर्ड के कारण उन्हें सम्मान हासिल है, लेकिन ऐसा गंभीर के साथ नहीं है
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि आपको ऐसे लीजेंड की जरुरत है, जिसने वास्तव में विदेशी हालात में बेहतर प्रदर्शन किया है. इस सूरत में खिलाड़ी विशेष स्वाभाविक रूप से सम्मान हासिल करता है. अगर लक्ष्मण ऐसा कहते हैं कि स्विंग होती गेंद को आप नहीं खेलोगे, तो खिलाड़ी उनकी बात सुनेंगे. लेकिन गंभीर के मामले में मैं इसे लेकर आश्वस्त नहीं हूं"