- कोलकाता में टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 124 रन के लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाई और हार का सामना किया
- पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने मौजूदा कोच गौतम गंभीर की पिच चयन और रणनीति पर सार्वजनिक रूप से आलोचना की
- गौतम गंभीर पर घरेलू टेस्ट मैचों में खराब प्रदर्शन और टीम चयन को लेकर आलोचना हो रही है.
कोलकाता के ईडन गार्डन्स पर 124 के लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाई टीम इंडिया पूर्व कप्तान सौरव गांगुली, चेत्शवर पुजारा, आर अश्विन से लेकर मो. कैफ़ जैसे दिग्गजों के निशाने पर आ गया हैं. सोशल मीडिया के ट्रोल्स की तो पूछें ही मत. इसमें कोई शक नहीं कि टीम इंडिया का कोच कांटो का ताज लिए ही अपने कार्यकाल को पूरा करता है. लेकिन मौजूदा कोच गौतम गंभीर की तुलना भारतीय टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल से की जाने लगी है. पिछले 20 सालों में इतने तीखे बाण शायद ही किसी और कोच पर चले हों. चार-पांच महीने पहले ही गंभीर-गिल की जोड़ी ने इंग्लैंड में मेज़बान को कड़ी टक्कर देकर सबका दिल जीता था. लेकिन कोलकाता की हार ने 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी में जीत और 2025 की एशिया कप की जीत का रंग भी फीका कर दिया है.
सौरव गांगुली को भड़कना ही था!
24 साल पहले ईडन गार्डन्स पर 2001 में वीवीएस लक्ष्मण की 281 रनों की पारी, राहुल द्रविड़ के 180 और हरभजन सिंह के 123 रन देकर 7 विकेट और दूसरी पारी में 73 रन देकर 6 विकेट- ये आंकड़े कुछ ऐसी तस्वीरों की दास्तां है जिसने वर्ल्ड क्रिकेट में भारत का रुतबा हमेशा के लिए ऊंचा कर दिया.
ईडन गार्डन्स पर खेले गए उस मैच को जीतकर ऑस्ट्रेलिया एक रिकॉर्ड बनाने की उम्मीद कर रही थी. लेकिन 2001 में खेले गए उस मैच ने कप्तान स्टीव वॉ समेत मार्क वॉ, माइकल स्लेटर, जस्टिन लैंगर, मैथ्यू हेडन, रिकी पॉन्टिंग, शेन वॉर्न, ग्लेन मैक्ग्रा जैसे एक-से बढ़कर एक धुरंधरों की टीम को सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़, ज़हीर ख़ान और हरभजन सिंह की टीम ने पस्त कर मिसाल कायम कर दी थी. ढाई दशक पहले कोलकाता के प्रिंस सौरव गांगुली उस टीम के कप्तान थे और आज वो क्रिकेट असोसिएशन ऑफ़ बंगाल के प्रेसीडेन्ट हैं.
गांगुली और गंभीर, पिच को लेकर आमने-सामने
कोलकाता में दक्षिण अफ़्रीका ख़िलाफ़ गांगुली और उनकी टीम से जैसी पिच मांगी गई, गांगुली खुद उसके पक्ष में नहीं थे और ना ही उससे खुश थे. मैच के बाद गांगुली और गंभीर तो आमने-सामने आ गए. गंभीर ने टीम की ख़राब बैटिंग को आड़े हाथों लिया तो गांगुली ने NDTV से EXCLUSIVE बात करते हुए गंभीर पर सीधा निशाना साधा.
गौतम गंभीर ने कहा, “अगर हम हमेशा विकेट के बारे में ही बात करेंगे तो ठीक नहीं है. इस ट्रैक पर ज़्यादातर विकेट सीमर्स को मिले हैं. ये वो विकेट था जहां आपकी तकनीक, आपकी स्किल और उससे भी ज़्यादा आपका टेम्परामेंट टेस्ट होता है. इसपर केएल राहुल, वाशि और टेम्बा बावुमा ने भी रन बनाए. आपका डिपेंस सॉलिड है तो ऐसा नहीं है कि जहां आप रन नहीं बना सकते. हम पहले भी ऐसे विकेट पर खेले हैं.”
जबकि, सौरव गांगुली ने NDTV से बात करते हुए कहा, “मेरे पास गंभीर के लिए काफ़ी वक्त है. उन्हें अपने लोगों पर भरोसा करना सीखना चाहिए जो कि पांच दिन का टेस्ट मैच खेले ना कि 3 दिनों में टेस्ट ख़त्म हो जाये. उम्मीद करता हूं कि गंभीर ये सुन रहे होंगे.”
सुनील गावस्कर ने गंभीर को किया सपोर्ट
पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ईडन गार्डन्स की पिच को लेकर गंभीर का पक्ष लेते नज़र आए हैं. गावस्कर, गंभीर की राय से इत्तेफ़ाक रखते दिख रहे हैं. गावस्कर ने कहा है कि कोलकाता की पिच उतनी ख़राब नहीं थी. बल्कि, टीम इंडिया के बैटर्स अपने टेम्परामेंट और साउंड तकनीक में कमी की वजह से मैच हारे हैं.
घर में हार बर्दाश्त नहीं- शर्मनाक रिकॉर्ड!
गंभीर ने बतौर कोच टीम इंडिया के लिए चैंपियंस ट्रॉफी, एशिया कप और टेस्ट मैच सीरीज़ में इंग्लैंड में अपना दम तो दिखाया. लेकिन टेस्ट मैच में और ख़ासकर घरेलू टेस्ट मैचों में ये टीम हैरतअंगेज़ तरीके से पिछड़ती दिखी है.
टीम इंडिया ने पिछले 6 टेस्ट मैचों में 4 (2024 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ बेंगलुरु, पुणे और मुंबई में 3 टेस्ट और द.अफ़्रीका के ख़िलाफ़ कोलकाता में 1 टेस्ट) गंवा दिए. जबकि, 2013 से 2023 तक भारतीय टीम ने सिर्फ़ 3 टेस्ट गंवाए थे.
कोच शास्त्री-द्रविड़-गंभीर
टीम इंडिया के पिछले तीन कोच का रिकॉर्ड देखें तो रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ की तुलना में गौतम गंभीर की टेस्ट में हार का रिकॉर्ड यकीनन चौंकाने वाला है.
| कप्तान | टेस्ट मैच | जीत | हार |
| रवि शास्त्री | 43 | 25 | 13 |
| राहुल द्रविड़ | 24 | 14 | 7 |
| गौतम गंभीर | 18 | 7 | 9 |
चेतेष्वर पुजारा भी टीम इंडिया की रणनीति के खिलाफ
चेतेष्वर पुजारा जैसे पूर्व क्रिकेटर भी STAR SPORTS की कॉमेन्ट्री में खुलकर गंभीर को आड़े हाथों लेते नज़र आए. पुजारा ने कहा, “मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि भारतीय टीम ट्रान्जिशन की वजह से हारे ये मैं नहीं मान सकता. देखिए, भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड में हारी क्योंकि तब वो ट्रान्ज़िन में थी, ये माना जा सकता है. लेकिन जो टैलेंट है इस टीम में, जो क्षमता है इस टीम में, सारे प्लेयर्स का फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड निकाल लें वो इतना अच्छा है. लेकिन फिर भी हारे इसका मतलब कुछ गड़बड़ है. अगर आप अच्छे विकेट पर खेलते तो यही मैच जीतने का चांस ज़्यादा था.”
गंभीर बनाम ग्रेग
ग्रेग चैपल (2005-2007) जब टीम इंडिया के कोच बने तो उन्हें फ़ैन्स ने सर आंखों पर बिठा लिया था. मगर चैपल का कार्यकाल 2007 वर्ल्ड कप की हार के अलावा भी विवादों भरा रहा. ग्रेग चैपल से पहले जॉन राइट के दौर में भी टीम ने हार का स्वाद चखा तो जीत के ज़ायके भी टीम का रुतबा बढ़ाता रहे. राइट के दौर में टीम इंडिया को नया तेवर भी मिला. टीम वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में भी पहुंची.
सिर्फ़ पिछले 25 साल में कोचों का रिकॉर्ड भी देखें तो गंभीर, ग्रेग चैपल की तरह आलोचनाओं के निशाने पर दिखते हैं.
| टीम इंडिया के कोच | जीत/मैच |
| जॉन राइट (2000-05) | 15/47 |
| ग्रेग चैपल (2005-07) | 8/30 |
| लालचंद राजपूत (2007-08) | 1/5 |
| गैरी कर्स्टिन (2008-11) | 14/30 |
| डंकन फ्लेचर (2011-15) | 27/60 |
| रवि शास्त्री (2007,2014-16 2017-21) | 25/43 |
| अनिल कुंबले (2016-17) | 2/4 |
| राहुल द्रविड़ (2021-24) | 14/30 |
| गौतम गंभीर (2024-…) | 7/18 |
प्लेइंग XI, चयन को लेकर विवाद
गंभीर सिर्फ़ ग्रेग चैपल जैसे आंकड़ों की वजह से ही नहीं, बल्कि टीम इंडिया के प्लेइंग इलेवन या परोक्ष रूप से टीम चयन को लेकर भी एक्सपर्ट्स और फ़ैन्स के निशाने पर रहे हैं. मो. शमी को टीम में जगह नहीं मिल पाना, विराट कोहली और रोहित शर्मा को लेकर रवैया, आर अश्विन, श्रेयस अय्यर, सरफ़राज़ ख़ान, संजू सैमसन जैसे कई खिलाड़ियों के रोल को लेकर साफ़गोई का नहीं होना भी गंभीर की लोकप्रियता पर बट्टा लगाता रहा है.
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गंभीर गुवाहाटी में टीम को अपने 598वें टेस्ट मैच में अपनी आक्रामकता के साथ मैदान पर उतरने का मौक़ा देकर टीम इंडिया की जीत का रास्ता बनाते हैं तो फ़ैन्स उन्हें ज़रूर सराहेंगे वरना उनपर बेइंतहा दबाव बनता नज़र आ रहा है इससे इंकार नहीं किया जा सकता.














