पिछले काफी समय से कैंसर से पीड़ित अपने समय के दिग्गज बल्लेबाज अंशुमान गायकवाड़ का आज बुधवार रात निधन हो गया. अंशुमान 71 साल के थे और वह ब्लड कैंसर का शिकार थे. वह पिछले काफी समय से कैंसर से लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन आखिरकार कैंसर ने उन्हें निगल ही लिया. अंशुमान ने अपने करीब 12 साल के करयर में 40 टेस्ट मैच और 15 वनडे मैचों में भारत का प्रतिनधित्व किया. खेले 40 टेस्ट मैचों में गायकवाड़ ने 30.07 के औसत, 2 शतक और 10 अर्द्धशतकों से 1985 रन बनाए. वहीं, 15 वनडे मैचों में गायकवाड़ ने 20.69 के औसत से 269 रन बनाए थे. अंशुमान को पुराने दौर के क्रिकेटप्रेमी साल 1983 में उनकी पाकिस्तान के खिलाफ खेली 201 रनों की पारी के लिए अभी भी याद करते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने गायकवाड़ के निधन पर दुख प्रकट करते हुए अपने X अकाउंट पर लिखा, गायकवाड़ को उनके भारतीय क्रिकेट में योगदान के प्रति याद किया जाएगा. वह एक नैसर्गिक बल्लेबाज और असाधारण कोच थे. मैं उनके निधन से दुखी हूं और उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति शोक प्रकट करता हूं"
गायकवाड़ साल 2000 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में उपविजेता रही भारतीय टीम के कोच भी थे. गायकवाड़ का लंदन के किंग्स कॉलेज अस्पताल में ब्लड कैंसर का इलाज चल रहा था. वह लंदन में लंबा समय बिताने के बाद पिछले महीने स्वदेश लौट थे. बीसीसीआई ने गायकवाड़ के इलाज के लिए एक करोड़ रुपये दिए थे. इसके साथ ही 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्यों ने भी इस क्रिकेटर की मदद के लिए अपना योगदान दिया. गायकवाड़ ने 22 साल के करियर में 205 प्रथम श्रेणी मैच भी खेले हैं,
उनके कोच रहते भारतीय टीम ने 1998 में शारजाह में त्रिकोणीय श्रृंखला के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया पर शानदार जीत दर्ज की थी. अनिल कुंबले ने दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में पाकिस्तान के खिलाफ जब टेस्ट पारी में 10 विकेट चटकाए थे तब भी वह टीम के कोच थे.