पिता की इस नसीहत ने हमेशा के लिए बदल दिया जहीर खान का 'ट्रैक', पूर्व पेसर मना रहे 47वां जन्मदिन

Zaheer Khan's Birthday: जहीर खान भारतीय क्रिकेट इतिहास के महानतम बॉलरों में से एक रहे हैं. मंगलवार को यह पेसर 47 साल का हो जाएगा

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • जहीर खान 7 अक्टूबर 1978 को महाराष्ट्र के श्रीरामपुर में जन्मे और उन्होंने टीम इंडिया के लिए तेज गेंदबाजी की
  • उन्होंने 2011 विश्व कप में भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई और दोनों ओर गेंद स्विंग कराते थे
  • जहीर खान के पिता ने उन्हें इंजीनियर बनने के बजाय क्रिकेटर बनने की सलाह दी जो उनकी तकदीर बनी
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

Zaheer Khan's birthday: टीम इंडिया के पूर्व पेसर और अपने समय के दिग्गज गेंदबाजों में शुमार जहीर खान (Zaheer Khan) मंगलवार को 47 साल के हो जाएंगे. जहीर खान ने अपनी स्विंग और सटीक लाइन-लेंथ से देश को कई मैच जिताए. भारत को साल 2011 में विश्व कप खिताब जिताने में अहम योगदान देने वाले जहीर खान गेंद को दोनों ओर स्विंग कराने की क्षमता रखते थे. 7 अक्टूबर 1978 को महाराष्ट्र के श्रीरामपुर में जन्मे जहीर खान का सपना इंजीनियर बनना था, लेकिन पिता की एक नसीहत ने उनकी तकदीर ही बदल दी.

जहीर खान एक बेहतरीन तेज गेंदबाज थ. जहीर खान के पिता की सोच दूसरों के पिता की तरह बिल्कुल भी नहीं थी. उनके पिता चाहते थे कि बेटा इंजीनियरिंग के बजाय देश के लिए क्रिकेट खेले. एक दिन पिता ने जहीर खान से कहा कि देश में इंजीनियर तो बहुत हैं, लेकिन उन्हें एक तेज गेंदबाज बनना चाहिए, ताकि देश के लिए खेल सकें. जहीर खान भी पिता की बात से सहमत थे.

Photo Credit: Sagarika Ghatge Instagram

जब जहीर खान 17 साल के थे, तो पिता उन्हें मुंबई ले गए. जहीर खान के टैलेंट को देखते हुए उन्हें एमआरएफ पेस फाउंडेशन की ओर से खेलने का मौका दिया गया. यहां कोच डेनिस लिली ने जहीर की क्षमता को पहचान लिया और उनकी गेंदबाजी में सुधार किया. जहीर खान ने जिमखाना के खिलाफ फाइनल मैच में सात विकेट लेकर सुर्खियां बटोरीं. इससे उन्हें मुंबई और वेस्ट जोन की अंडर-19 टीम में भी स्थान मिला.

इस खराब प्रदर्शन ने किया 1 साल के लिए बाहर

घरेलू स्तर पर शानदार प्रदर्शन के बाद जहीर को साल 2000 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू का मौका मिला. इसी वर्ष उन्होंने भारत के लिए टेस्ट और वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया. जहीर खान ने साल 2002 में कुल 15 टेस्ट खेले, जिसमें 29 की औसत के साथ 51 विकेट अपने नाम किए, लेकिन अगले तीन साल जहीर खान 9, 19 और 10 ही विकेट हासिल कर सके. खराब फॉर्म के चलते जहीर खान को टीम से बाहर तक बैठना पड़ा. इस दौरान जहीर खान ने बल्लेबाजों को चकमा देने के लिए 'नकल बॉल' का इजाद किया और टीम में शानदार वापसी की.

इस कलाकारी ने बनाया स्पेशल बॉलर

जहीर खान 'स्विंग' के महारथी थे. उनकी गेंदों को पढ़ने के लिए बल्लेबाजों को काफी मेहनत करनी पड़ती थी. जहीर खान गेंद को दोनों ओर स्विंग कराने की क्षमता रखते थे. वह नई और पुरानी गेंद से रिवर्स कराने में माहिर थे. उनकी सटीक लाइन और लेंथ बल्लेबाजों को परेशान करती थी. जहीर की यॉर्कर बहुत प्रभावशाली थी. बाएं हाथ का स्वाभाविक कोण दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए अक्सर मुश्किल पैदा करता.

विश्व कप दिखाया गेंदों का जलवा

जहीर खान ने वर्ल्ड कप 2003 में सौरव गांगुली की अगुवाई में शानदार प्रदर्शन किया. जहीर ने उस विश्व कप के 11 मुकाबलों में 18 विकेट हासिल किए. वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक विकेट हासिल करने वाले चौथे गेंदबाज रहे. इसके बाद जहीर विश्व कप 2007 की टीम में भी जगह बनाने में कामयाब रहे. वहीं, साल 2011 में भारत को विश्व कप खिताब जिताने में जहीर खान का अहम योगदान रहा, जिन्होंने 9 मुकाबलों में 18.76 की औसत के साथ 21 विकेट हासिल किए. वह शाहिद अफरीदी के साथ सर्वाधिक विकेट हासिल करने वाले संयुक्त रूप से नंबर-1 गेंदबाज रहे

Advertisement

कुल ऐसा रहा जहीर के करियर का प्रदर्शन

जहीर खान ने कुल मिलाकर टेस्ट करियर में 92 मुकाबले खेले, जिसमें 32.94 की औसत के साथ 311 विकेट अपने नाम किए. इस दौरान उन्होंने 11 बार पारी में 5 या इससे अधिक विकेट हासिल किए. वहीं, 200 वनडे मुकाबलों में उन्होंने 29.43 की औसत के साथ 282 विकेट निकाले. इसके अलावा, 17 टी20 मैचों में उनके नाम 17 विकेट रहे. जहीर खान ने 169 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में 672 विकेट हासिल किए हैं. उन्होंने 253 लिस्ट-ए मैचों में 357 विकेट निकाले.


 

Featured Video Of The Day
Pawan Singh Vs Jyoti Singh: पवन सिंह के घरेलू विवाद के पीछे क्या चल रहा है सियासी खेल? | Syed Suhail