Eng vs Ind: ध्रुव जुरेल ने कीपिंग से किया इंप्रेस, पर पूर्व स्टंपर ने उठाए इन अहम प्वाइंट्स पर उठाया सवाल

Eng vs Ind: अपने दौर के देश के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपरों में से एक रहे चतुर्वेदी ने कहा कि ध्रुव को कीपिंग पर खासा काम करना होगा, तो सोशल मीडिया पर भी एक वर्ग उनकी कीपिंग को लेकर खासे तीखे कमेंट किए हैं

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
India tour of England, 2025:
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • लॉर्ड्स टेस्ट के चौथे दिन ऋषभ पंत की जगह विकेटकीपर ध्रुव जुरेल ने स्टंप के पास खड़े होकर बल्लेबाजों पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई
  • ध्रुव जुरेल की कीपिंग में पेस गेंदबाजों के खिलाफ प्रभावशाली प्रदर्शन के बावजूद बाई के कई रन दिए गए, जिससे सोशल मीडिया पर आलोचना हुई
  • पूर्व अंडर-19 विकेटकीपर मोहन चतुर्वेदी ने ध्रुव की तकनीक में गेंद को शरीर के बीचोबीच पकड़ने की कमी और साइड से गेंद पकड़ने की समस्या बताई
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।
नयी दिल्ली:

लॉर्ड्स टेस्ट के चौथे दिन चोटिल नियमित विकेटकीपर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) की जगह विकेट के पीछे जिम्मेदारी निभा रहे रिजर्व विकेटकीपर ध्रुव जुरेल (Dhurv Jurel) ने ठीक वही रणनीति अपनाई, जिस पर भारतीय बैटिंग के दौरान जैमी स्मिथ ने अमल किया था. मतलब स्टंप से एकदम सट जाओ और बल्लेबाजों पर दबाव बनाओ. जैमी को सीधे तौर पर इसका फायदा मिला था, तो फायदा जुरेल को भी मिला. यह ध्रुव के ऊपर आने का ही असर था कि हैरी ब्रुक ने एक अटपटा शॉट  खेला और वह बोल्ड हो गए. पेसरों के खिलाफ विकेट से एकदम सटकर ध्रुव जुरेल ने काफी इंप्रेस भी किया, तो वहीं उन्होंने बाई के काफी रन भी दिए. इन्हीं बाई के रन के लिए सोशल मीडिया पर ध्रुव के लिए कुछ सख्त कमेंट भी फैंस ने किए हैं. बहरहाल, एक समय अपनी कीपिंग के लिए खासी सुर्खियां बटोरने वाले भारतीय अंडर-19 जूनियर विकेटकीपर मोहन चतुर्वेदी ने ध्रुव जुरेल की कीपिंग को लेकर कई प्वाइंट्स पर काम करने की बात कही है. 

'साइड से बॉल पकड़ना ठीक नहीं'

चतुर्वेदी ने कहा, 'पेसरों के खिलाफ ध्रुव ने ऊपर आकर कीपिंग करते हुए एक प्रभावी फैसला लिया, लेकिन वह तमाम गेंद साइड में पकड़ रहे थे. साथ ही, शरीर से दूर भी गेंदों को कलैक्ट कर रहे थे', उन्होंने कहा कि इस तकनीक से होता यह है कि अगर बल्ले का बाहरी या अंदरूनी किनारा लगता है, तो गेंद छूटने के चांस ज्यादा रहते है.' मोहन चतुर्वेदी की बात बहुत हद तक सही भी साबित हुई, जब लंच के आकाश दीप की पहली ही गेंद ने  रूट के बल्ले का बाहरी किनारा लिया, लेकिन ध्रुव इसे नहीं पकड़ सके. उनके लिए राहत की बात बस यही रही कि अंपायर ने इसे नो-बॉल करार दिया. 

'हथेली के बीचो-बीच नहीं आ रही गेंद'

वहीं , मोहन चतुर्वेदी ने कहा, 'ध्रुव की तकनीक में बड़ी खामी यह है कि उनका दायां हाथ पूरी तरह से गेंद  के पीछे नहीं रहता है. यही बात है कि गेंद उनकी हथेली के बीचो-बीच नहीं आ पाती या वह गेंद से दूर रह जाते हैं. अक्सर गेंद कलैक्शन से पहले ही उनके दस्ताने बंद हो जाते हैं.' पूर्व विकेटकीपर ने कहा, 'ध्रुव को जल्द से जल्द इन पहलुओं पर जमकर काम करना होगा. साथ ही, ध्रुव को गेंद को पकड़ने के लिए पूरी तरह उसके पीछे आकर शरीर के बीच में पकड़ने पर काम करना होगा. वह जितना जल्द इन पहलुओं पर काम करेंगे, उन्हें उतना ही फायदा होगा.' वहीं, फैंस भी ध्रुव की कीपिंग को लेकर सवाल कर रहे हैं 

Advertisement
Advertisement

दो राय नहीं कि बाई के रन चौथे दिन बहुत ही ज्यादा आए. बड़ी वजह यह दिखी की ध्रुव खड़े-खड़े चंब लगाकर गेंद को पकड़ने का प्रयास करते रहे. और गेंद उनसे दूर रही

Advertisement
Advertisement

एक बड़ा वर्ग उनसे प्रभावित भी दिखाई पड़ा, लेकिन यह लंच से पहले की प्रतिक्रिया थी. लंच के बाद ध्रुव के लिए कमेंट अलग थे

Featured Video Of The Day
IND vs ENG Lord's Test: इतिहास के मुहाने पर Shubman Gill, ऐसा कारनामे करने वाले चौथे भारतीय कप्तान